Wednesday, April 17, 2024
35.3 C
Chandigarh

जानिए कैसे बनते हैं ‘पहाड़’?

हमारी पृथ्वी की ऊपरी परत सात या आठ विशाल शिलाखंडों में बंटी हुई है। इन्हें टेक्टोनिक प्लेट भी कहा जाता है। ये प्लेटें धीरे-धीरे सरकती रहती हैं। जब ये प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं तो पर्वत श्रृंखलाओं की उत्पत्ति होती है।

पर्वत को गिरि, अचल, शैल, धरणीधर, धराधर, नग, भूधर और महिधर भी कहा जाता है। आज आपको हम पोस्ट में पर्वतों के बारे में बताने जा रहे हैं कि आखिर कैसे बनते हैं पहाड़?

पहाड़ों का बनना एक लंबी भूवैज्ञानिक प्रक्रिया है और यह हमेशा पहाड़ों के अंदर होती रहती है। यह पृथ्वी के अंदर मौजूद क्रस्ट में तरह- तरह की हलचल होने के कारण होती है। पहाड़ टैक्टॉनिक या ज्वालामुखी से बनते हैं।

ये सारी चीजें मिलकर पहाड़ को 10,000 फुट तक ऊपर उठा देती हैं। उसके बाद नदियां, ग्लेशियर और मौसम इसे घटाकर कम कर देते हैं।

how-'mountains'-are-made

भारत की प्रमुख पर्वत श्रृंखलाएं

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत में एक से एक शानदार पहाड़ हैं, पर्वत श्रृंखलाएं और सुंदर एवं मनोरम घाटियां हैं।

हिमालय, अरावली, सतपुड़ा, विंध्याचल, पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट, नीलगिरि पर्वत, अनामलाई पर्वत, काडिमोम पहाड़ियां, गारो खासी पहाड़ियां, नागा पहाड़ियां आदि। कुछ प्रमुख पर्वतों में कंचनजंगा, नंदा देवी, काबरू आदि हैं।

पहाड़ हैं तो आबोहवा शुद्ध है

जहां वन होता है वहीं जीव होते हैं। इनके बिना पहाड़ अधूरा और कमजोर है। दूसरी ओर पहाड़ों के कारण ही नदियों का बहना जारी है। मानव एक ओर जहां पहाड़ काट रहा है वहीं नदियों पर बांध बनाकर उनके अस्तित्व को मिटाने पर तुला है तो दूसरी ओर अंधाधुंध तरीके से पेड़ काटे जा रहे हैं।

पहले किसी भी पहाड़ के उत्तर में गांव या शहर को बसाया जाता था ताकि दक्षिण से आने वाले तूफान और तेज हवाओं से शहर की रक्षा हो सके। इसके अलावा सूर्य का ताप सुबह 10 बजे से लेकर अपराह्न 4 बजे तक अधिक होता है।

इस दौरान सूर्य दक्षिण की ओर रहता है। पहाड़ से दक्षिण से आने वाली हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों से सुरक्षा होती है। हिमालय की वादियों में रहने वालों को सांस सहित अनेक बीमारियां कम होती हैं।

चमत्कारिक पहाड़

देश-दुनिया में कई ऐसे चमत्कारिक पहाड़ हैं, जिनके बारे में कई तरह की किंवदंतियां प्रचलित हैं, जैसे भारत के लेह-लद्दाख में एक चुम्बकीय पहाड़ है जिसे मैग्नेटिक हिल भी कहा जाता है।

यह पहाड़ धातु को अपनी ओर खींचता है। इस पहाड़ के ऊपर से गुजरने वाले विमानों को अपेक्षाकृत अधिक ऊंचाई पर उड़ना होता है।

यहां पर अलग-अलग संरचनाओं और रंगों वाले पहाड़ भी हैं। मौसम से संबंध पर्वतों के कारण ही भारत में अच्छे तौर पर 6 ऋतुएं होती हैं, जो किसी अन्य देश में शायद ही देखने को मिलें। ये हैं – वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर।

प्रत्येक मौसम 2 माह का होता है, लेकिन अरावली और विंध्याचल पर्वत श्रृंखलाओं को काट देने के कारण भारत में अब मौसम परिवर्तन होने लगा है। इस परिवर्तन के कारण कृषि पर भी असर पड़ा है।

विकास के नाम पर काट दी गई कई शहरों की छोटी-मोटी पहाड़ियों से भी जलवायु परिवर्तित होने लगा है। पहाड़ है तो पानी है पहाड़ पर हरियाली बादलों को बरसने का न्यौता होती है। सभी प्रमुख नदियां पहाड़ों से ही निकलती हैं।

औषधियों का खजाना पहाड़

पहाड़ कई जड़ी-बूटियों और औषधियों का खजाना भी है। कई जड़ी- बूटियां पहाड़ों पर ही उगती हैं। आयुर्वेद की सबसे महान खोज च्यवनप्राश को माना जाता है, पर शायद ही कोई यह जानता होगा कि यह धोसी पहाड़ी की देन है जो हरियाणा और राजस्थान की सीमा पर स्थित है।

पंजाब केसरी से साभार

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR

RSS18
Follow by Email
Facebook0
X (Twitter)21
Pinterest
LinkedIn
Share
Instagram20
WhatsApp