टेलीविजन को विज्ञान का अद्भुत आविष्कार कहा जाता है। इसे हिंदी में दूरदर्शन और संक्षिप्त में टी.वी. (TV) कहते हैं। ‘टेलीविजन’ लैटिन तथा यूनानी शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है “दूर दृष्टि”। ‘टेली’ (Tele) का अर्थ है ‘दूरी पर’ तथा ‘विजन'(vision) का अर्थ है ‘देखना’ अर्थात जो दूर की चीजों का दर्शन कराए, वह है टेलीविजन।
आज दूर घटित घटनाओं को घर बैठे देख पाना टेलीविजन का ही कमाल है। इससे हम घर में बैठ कर दुनिया के किसी भी कोने में घटी घटना के प्रत्यक्षदर्शी बन जाते हैं।
यदि यह कहा जाए कि आधुनिक युग में टेलीविजन लोगों के मनोरंजन का सर्वाधिक लोकप्रिय साधन है तो ग़लत नहीं होगा। इसके द्वारा प्रत्येक वर्ग तथा क्षेत्र के लोगों के लिए अनेक प्रकार के मनोरंजक व शिक्षाप्रद कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं जिनके द्वारा मनोरंजन के अतिरिक्त हमें देश की सामाजिक, राजनीतिक व अन्य समस्याओं का पता चलता है।
आज इस पोस्ट में हम जानेगें टी.वी. के अविष्कार एवं इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में, तो चलिए शुरू करते हैं :
आविष्कार
यह संचार का सर्वाधिक लोकप्रिय माध्यम है जिसका आविष्कार जॉन लोगी बेयर्ड ने 1925 में लंदन में किया था। जॉन बचपन के दिनों में बीमार रहा करते थे, इसलिए स्कूल नहीं जा पाते थे।
वह सोचा करते थे कि एक दिन ऐसा भी आएगा, जब लोग हवा के माध्यम से तस्वीरें भेज सकेंगे। उन्होंने वर्ष 1924 में बक्से, बिस्कुट के टिन, सिलाई की सूई, कार्ड और पंखे की मोटर का इस्तेमाल कर पहला टेलीविजन बनाया था।
इसके बाद दुनिया के पहले कामकाजी टेलीविजन का निर्माण 1927 में फिलो फार्न्सवर्थ ने किया, जिसे 1 सितम्बर, 1928 को जनता के सामने पेश किया गया। जॉन लोगी बेयर्ड ने कलर टेलीविजन का आविष्कार 1928 में किया।
पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग शुरूआती टी.वी. के साथ जॉन लोगी बेयर्ड 1940 में हुई और लोगों ने 1960 के दशक में उसे अपनाना शुरू कर दिया था। टेलीविजन शब्द का सर्वप्रथम उपयोग रूसी साइंटिस्ट कांस्टेंटिन परस्कायल ने किया।
पहला टी.वी.
वैसे तो अमरीका में 1941 से ही टी.वी. लांच हो गया था जो ब्लैक एंड व्हाइट था। इसके एक दशक बाद 1953 में अमरीका में ही सबसे पहले रंगीन टेलीविजन की शुरूआत हुई।
भारत में टी.वी.
वहीं भारत में पहली बार टेलीविजन की शुरूआत 15 सितम्बर, 1959 को हुई। इस ब्लैक एंड व्हाइट स्क्रीन वाले टी.वी. का प्रारंभ में उपयोग शिक्षा एवं ग्रामीण विकास को ध्यान में रखकर किया गया। आरंभ में इसका नाम ‘टेलीविजन इंडिया‘ रखा गया।
1975 में ‘टेलीविजन इंडिया’ का नाम बदलकर ‘दूरदर्शन’ कर दिया गया, जो इतना लोकप्रिय हुआ कि यह नाम टी.वी. का ही पर्याय बन गया।
11 जुलाई, 1962 से सैटेलाइट प्रसारण की शुरूआत हुई, जिससे अमेरिका और यूरोप के बीच लाइव कार्यक्रमों का आदान-प्रदान हुआ।
15 अगस्त, 1965 को दूरदर्शन से सर्वप्रथम समाचार बुलेटिन की शुरूआत हुई। अगस्त 1975 में भारत में सैटेलाइट की सहायता से 2400 गांवों में सेवा आरंभ की गई।
15 अगस्त, 1982 को भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कर कमलों से कलर टेलीविजन की शुरूआत हुई। भारत में दूरदर्शन के विकास के साथ-साथ धारावाहिकों के प्रकाशन, उनके प्रस्तुतीकरण में काफी तेजी आई।
ब्लैक एंड व्हाइट टी.वी. से कलर टी.वी., केबल टी.वी. से सैटेलाइट ब्रॉडकास्टिंग से इस फील्ड में अभूतपूर्व विकास हुआ। शुरूआत में कई प्रोग्राम एक निश्चित दिन, निश्चित समय निश्चित शीर्षक के अंतर्गत प्रसारित होने लगे।
तब दर्शक टी.वी. देखने के लिए अत्यधिक उत्साहित रहते और कार्यक्रम तथा फिल्में देखने के लिए सभी में होड़ रहती। टी.वी. हमेशा से मनोरंजन का सबसे सस्ता साधन रहा है।
हालांकि, तकनीकी परिवर्तन से मोटा भारी-भरकम टी.वी. हल्का तथा पतला होता चला गया और स्क्रीन का आकार बढ़ता चला गया। आज एल.ई.डी. से लेकर प्लाज्मा स्क्रीन तक टी.वी. के ही रूप हैं जो अब इंटरनैट के साथ जुड़ कर स्मार्ट भी बन चुके हैं।
वर्ल्ड टेलीविजन डे की घोषणा
टेलीविजन से विश्व पर पड़ने वाले प्रभाव और उसके बढ़ते योगदान से होने वाले परिवर्तन को ध्यान में रखकर 17 दिसम्बर, 1996 को सयुक्त राष्ट्र सभा ने 21 नवम्बर को वर्ल्ड टेलीविजन डे के रूप मनाने की घोषणा की।
रिमोट कंट्रोल का आविष्कार
टी.वी. के रिमोट कंट्रोल का आविष्कार यूजीन पोली ने किया था। उनका जन्म 1915 में शिकागो में हुआ था। वह जैनिथ इलैक्ट्रॉनिक्स में काम करते थे। वर्ष 1955 में उन्होंने फ्लैश मैटिक का आविष्कार किया था।
पंजाब केसरी से साभार