अलेक्जेंडर ग्राहम बेल एक महान वैज्ञानिक और आविष्कारक थे, जो टेलीफोन के विकास पर अपने अग्रणी काम के लिए जाने जाते थे। अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का जन्म 3 मार्च 1847 को एडिनबर्ग में हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही अपने पिता से ही ग्रहण की थी। उनके पिता प्रोफेसर ऐलेक्ज़ैन्डर मेलविल बेल, एक ध्वन्यात्मक विशेषज्ञ थे और उनकी मां एलिजा ग्रेस बेल थीं। उनके दो भाई थे मेलविल जेम्स बेल और एडवर्ड चार्ल्स बेल, जिनकी मृत्यु तपेदिक से हो गई।
10 साल की उम्र में उनका नाम ‘ऐलेक्ज़ैन्डर बेल‘ था, उन्होंने अपने पिता से अपने दो भाइयों की तरह एक मध्य नाम रखने का अनुरोध किया था और उनके 11वें जन्मदिन उनके पिता ने उन्हें ‘ग्राहम’ नाम दिया। करीबी रिश्तेदार और दोस्त उन्हें ‘एलेक’ कहते थे।
अपने पिता से शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्हें स्कॉटलैंड के एडिनबर्घ की रॉयल हाई स्कूल में डाला गया था लेकिन उन्होंने वह स्कूल छोड़ दिया। कुछ समय के बाद उनके अंदर पढ़ाई करने की तीव्र जाग्रति उत्पन्न हुई और तभी से वे घंटो तक पढ़ाई करते रहते थे।
16 साल की उम्र में, बेल ने भाषण के यांत्रिकी का अध्ययन करना शुरू किया। उन्होंने रॉयल हाई स्कूल और एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में अपनी शिक्षा ग्रहण की। 1868 में बेल अपने परिवार के साथ कनाडा चले गए और उसके अगले वर्ष वह संयुक्त राज्य अमेरिका में जाकर बस गए।
यूएस में रहते हुए बेल ने ‘visible speech’ (भाषण ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतीकों का एक सेट) नामक एक प्रणाली लागू की जिसे उनके पिता ने बधिर बच्चों को पढ़ाने के लिए विकसित किया था। 1872 में उन्होंने बोस्टन में स्कूल ऑफ वोकल फिजियोलॉजी एंड मैकेनिक्स ऑफ स्पीच खोला, जहां बधिर लोगों को बोलना सिखाया जाता था।
26 साल की उम्र में (1873 में ) वह बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ ऑरेटरी में वोकल फिजियोलॉजी और एलोक्यूशन के प्रोफेसर बन गए।
पढ़ाते समय बेल की मुलाकात एक बधिर छात्र मैबेल हब्बर्ड से हुई जिनसे उन्हें प्यार हो गया। इस जोड़े ने 11 जुलाई, 1877 को शादी कर ली। उनके चार बच्चे हुए, जिनमें दो बेटे भी शामिल थे, जिनकी मृत्यु बचपन में ही हो गई थी।
टेलीग्राफ से टेलीफोन तक का रास्ता
बेल ने जब टेलीफोन को इजाद करने के लिए विद्युत संकेतों के साथ प्रयोग करना शुरू किया, तो टेलीग्राफ लगभग 30 वर्षों तक संचार का एक स्थापित साधन था। हालांकि एक बेहद सफल प्रणाली, टेलीग्राफ मूल रूप से एक समय में एक संदेश प्राप्त करने और भेजने के लिए सीमित था।
बेल को ध्वनि की प्रकृति के बारे में व्यापक ज्ञान था, जिसके कारण उन्होंने एक ही समय में एक ही तार पर कई संदेश प्रसारित करने की संभावना पर खोज शुरू की।
अन्य रोचक तथ्य
- बेल ने 1873 और 1874 के बीच, थॉमस सैंडर्स और गार्डिनर हबर्ड के वित्तीय समर्थन के साथ “हार्मोनिक टेलीग्राफ” पर काम किया।
- ग्राहम बेल को 1876 में सबसे पहले काम करने वाले टेलीफोन का आविष्कार करने और 1877 में बेल टेलीफोन कंपनी की स्थापना के लिए जाना जाता है।
- बेल का नाम उनके नाना के नाम पर रखा गया था। उनके पिता और दादा इंग्लैंड में स्पीच डेवलपमेंट के क्षेत्र में अपने काम के लिए प्रसिद्ध थे, जिसे एलोक्यूशन कहा जाता था।
- 12 साल की उम्र में बेल ने अपने दोस्त की पारिवारिक अनाज मिल के लिए डी-हॉकिंग मशीन का आविष्कार किया था।
- बेल की मां और पत्नी दोनों बहरी थीं। इसी कारण ने उन्हें ध्वनिकी के साथ काम करने और तारों पर ध्वनि तरंगों को प्रसारित करने के लिए प्रभावित किया।
- कहा जाता है कि बेल ने अपनी पहली कॉल अपनी प्रेमिका हेलो को किया था लेकिन यह गलत है। इनकी पत्नी का नाम मैबेल हब्बर्ड था। ग्राहम बेल ने अपनी पहली कॉल में अपने असिस्टेंट से हेलो नहीं, “यहां आओ, मैं तुम्हें कुछ दिखाना चाहता हूं,” कहा था। हेलो शब्द स्पैनिश के होला से बना है।
- ग्राहम बेल बचपन से ही ध्वनि विज्ञान में गहरी दिलचस्पी रखते थे, इसलिए उन्होंने एक ऐसा पियानो बनाया, जिसकी मधुर आवाज काफी दूर तक सुनी जा सकती थी। कुछ समय तक वे स्पीच टेक्नोलॉजी विषय के टीचर भी रहे थे। इस दौरान भी उन्होंने अपना प्रयास जारी रखा और एक ऐसे यंत्र को बनाने में सफल हुए, जो न केवल म्यूजिकॅल नोट्स को भेजने में सक्षम था, बल्कि आर्टिकुलेट स्पीच भी दे सकता था। यही टेलीफोन का सबसे पुराना मॉडल था।
- टेलीफोन की खोज करने के बाद जब लोगों ने इसका इस्तेमाल करना शुरू किया तो वे लोगों से सबसे पहले पूछते थे Are you there। वह ऐसा इसलिए करते थे ताकि वह जान सके की उनकी आवाज दूसरी ओर पहुंच रही है कि नहीं। हालांकि एक बार थॉमसन एडिशन ने Ahoy को गलत सुन लिया और साल 1877 में उन्होंने Hello बोलने का प्रस्ताव रखा।
- इस प्रस्ताव को पास कराने के लिए थॉमस एडिशन ने पिट्सबर्ग की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट एंड प्रिंटिंग टेलीग्राफ कंपनी के अध्यक्ष टीबीए स्मिथ को पत्र लिख कर कहा कि टेलीफोन पर पहला शब्द हैलो बोला जाना चाहिए। जब उन्होंने पहली बार फोन किया तो सबसे पहले कहा हैलो। ये उन्हीं की देन है कि आज हम फोन उठाते ही हैलो बोलते हैं।
- ग्राहम बेल ने 1880 में फोटोफोन नाम की एक डिवाइस बनाई। ये तकनीक प्रकाश की किरणों के ज़रिए आवाज़ को एक जगह से दूसरी जगह भेजती थी। आज की ऑप्टिकल फाइबर केबल ग्राहम बेल के सिद्धांतों पर काम करती है।
- गोली लगने पर लोगों की जान बचाने के लिए बेल ने एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक मशीन ‘इंडक्शन बैलेंस’ बनाई। इस मशीन से उन्होंने कई पूर्व सैनिकों के जिस्म में छिपी गोलियों की सही लोकेशन पता लगाने में मदद की।
- 1888 में बेल नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और 1896 से 1904 तक उन्होंने इसके अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
- अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का निधन 2 अगस्त, 1922 को कनाडा के नोवा स्कोटिया में हुआ था तब एक मिनट के लिए अमेरिका और कनाडा में सभी टेलीफोन लाइन को निलंबित कर दिया गया।