हर कोई रात को शानदार नींद लेने के सपने देखता है परंतु यह उतना मुश्किल नहीं है जितना आप सोचते हैं। रात की अच्छी नींद आपका अच्छा आराम या चौकन्नापन अनुभव कराने से संबंधित नहीं है। वास्तव में नींद की गुणवत्ता का आपके शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ताओं ने नींद की घटिया गुणवत्ता को निर्णय क्षमता की कमी, मोटापे, मधुमेह, हृदय रोग तथा मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जोड़ा है।
उनके अध्ययन से यह बात सामने आई है कि यदि आप अपने जीवन में नींद को अधिमान नहीं देते तो आपको ऐसा करना शुरू कर देना चाहिए यहां विज्ञान आधारित कुछ ऐसे टिप्स आपके लिए पेश हैं जो आपको अच्छी नींद दिलाने में सहायक होंगे।
नियमित तौर पर करें कसरत
जब आप थके होते हैं तो कसरत करना आपको बहुत असंभव कार्य लगता है। लेकिन नियमित तौर पर कसरत करना अपने शरीर को अच्छी नींद के लिए तैयार करने का बहुत बढ़िया तरीका है। यदि आपका शरीर किसी प्रकार की ऊर्जा को जलाता नहीं है, तो हो सकता है कि इसे महसूस ही न हो कि इसे नींद की जरूरत है।
स्क्रीन की रोशनी को सीमित करें
अध्ययन यह दर्शाता है कि टी.वी., कम्प्यूटर या मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी आपके नींद के पैटर्न को गंभीर रूप से बाधित कर सकती है। देर रात तक टी.वी. देखना या सोशल मीडिया का यूज़ आपकी नींद की गुणवत्ता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। यह रोशनी शरीर द्वारा मेलाटोनिन नामक हार्मोन के निर्माण को दबा देती है। मेलाटोनिन ही आपके निद्राचक्कर को नियंत्रित करता है।
नींद का समय करें निर्धारित
नींद से संबंधित रणनीतियों में बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अधिक नींद लेना यकीनी बनाएं। इस बात को सुनिश्चित बनाएं कि आप रात में कम से कम 8 घंटे की नींद अवश्य लें। शोधकर्ताओं का सुझाव है कि आपके सोने और जागने का समय भी निर्धारित होना चाहिए। यह रणनीति आपके शरीर के सर्केडियन रिदम को नियंत्रित करने में सहायक होती है और आपके नींद के पैटर्न को भी सही रखती है।
नींद से पहले की रुटीन बनाएं
सोने जागने से पहले की अपनी रुटीन बनाने हेतु कुछ समय निकालें। कोई भी शांत करने वालीट्रिक आजमाएं। आपकी इस रुटीन में किताब के कुछ पन्ने पढ़ना, सैटिड हैंड लोशन का इस्तेमाल करना और थोड़ा ध्यान लगाना शामिल हो सकता है। ये गतिविधियां स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल को कम करके आपके शरीर को शांत करती हैं और नींद लेने हेतु काफी सुरक्षित हैं। यदि आप बेचैन और चिंतातुर रहते हैं तो अपनी चिंता के बारे में सोने से पहले सब कुछ एक कागज पर लिख दें। ऐसा करने से हर प्रकार की चिंता समाप्त होगी।
कॉफी के सेवन को सीमित करें
यदि आपको नींद लेने में काफी संघर्ष करना पड़ता है तो आपकी कॉफी संबंधी आदतें इसके लिए दोषी हैं। कॉफी एक ड्रग है एक स्टिमुलेट जो आपके शरीर को थकान को पहचानने से दूर रखता है। आप जितनी कॉफी लेते हैं उसकी आधी कॉफी को प्रोसैस करने में शरीर को 5 से 6 घंटे लगते हैं। इसलिए यह सर्वाधिक सुरक्षित है कि कॉफी न ली जाए।
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