Friday, November 15, 2024
19.5 C
Chandigarh

मशरुम (कुकुरमुत्ता) कैसे बनती है ?

मशरुम बहुत ही असाधारण पौधा है. इस पौधे में न कोई जड़, न कोई पेड़ और न ही पत्ते होते हैं. मशरुम इतनी तेजी से बड़ी होती है कि आप इसे बढ़ता हुआ देख सकते हैं. मशरूम को फुंगी (fungi) भी कहते है क्योंकि इनमें कोई क्लोरोफिल नहीं होती जिससे यह अपने लिए भोजन बना सकें. मशरूम का जो हिस्सा आपको जमीन से ऊपर देखने को मिलता है यह फुंगी का फूला हुआ हिस्सा होता है. बाकी का हिस्सा जो जमीन के अंदर होता है वह हिस्सा घने धागों से बना होता है. इन धागों को कवक (फुई, कवकजाल) या अंडे(spawn) कहते हैं.

how-does-a-mushroom-grow

कवक के धागे छोटे-2 बीजाणुओं से बनते हैं. यह छोटे-2 बीजाणु बहुत छोटे-2 कणों से बनते हैं. इन धागों पर छोटे सफेद ऊतक निकल के बाहर आते हैं और ऊपर की तरफ बढ़ने के साथ-2 फैलते जाते हैं और फिर अंत में छाते के अकार के बन जाते हैं.

इस छाते के नीचे विकीर्ण या फैलते हुए गलफड़े होते हैं जो आपस में जुड़े होते हैं. इन्हीं गलफड़ों की वजह से छोटे बीजाणु विकसित होते हैं. यह बीजाणु फिर नीचे गिर जाते हैं और हवा द्वारा धकेल दिए जाते हैं. जब यह बीजाणु नीचे गिर जाते हैं तो यह नए पौदों को विकसित होने में मदद करते हैं.

मशरुम एक कम कैलोरी वाला खाना होता है. इसमें बी विटामिन होता है और यह फॉस्फोरस और पोटैशियम का एक अच्छा स्त्रोत भी होता है. एक ताज़ी मशरुम में 27 कैलोरी होती है.

मशरूम को भारत में ‘कुकुरमुत्ता‘ भी कहा जाता है. कुकुरमुत्ता दो शब्दों कुकुर (कुत्ता) और मुत्ता (मूत्रत्याग) के मेल से बना है, यानि यह कुत्तों के मूत्रत्याग के परिणामस्वरूप उत्पन्न होता है। ऐसी मान्यता भारत के कुछ इलाकों में प्रचलित है, किन्तु यह बिलकुल गलत धारणा है।

यह भी पढ़ें: दुनिया की 7 सबसे जहरीली मशरूम!

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR