मंदिर : तमिलनाडु के कोयंबटूर शहर में स्थित भगवान शिव की आवक्ष (छाती से ऊपर) प्रतिमा को “विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा” माना गया है. इस प्रतिमा का उद्धाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अभी हाल ही में किया था.
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इस मूर्ती को विश्व की सबसे ऊँची आवक्ष प्रतिमा के रूप शामिल किया है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने अपनी वेबसाइट पर इसकी घोषणा की है.
ऊँची प्रतिमा का आकार
भगवान शिव की इस प्रतिमा को ईशा योग फाउंडेशन द्वारा बनाया गया है. ऊँची प्रतिमा की ऊंचाई 112.4 फीट, चौडाई 24.99 मीटर तथा लम्बाई 147 फुट है. इस विशाल प्रतिमा को सद्गुरू जग्गी वासुदेव ने डिजाइन किया है.
भगवान शिव की यह प्रतिमा उन 112 मार्गों को दर्शाती है जिनसे इंसान योग विज्ञान के जरिए अपनी परम प्रकृति को प्राप्त कर सकता है. हम आपको बता दें कि इस प्रतिमा में शिव के चेहरे को बनाने में ही करीब ढाई साल लगे थे तथा इस प्रतिमा का वजन 500 टन है. भगवान शिव की इस प्रतिमा को स्टील से बनाया गया है और इसे धातु के टुकड़ों से जोड़ कर बनाया गया है.
भगवान शिव की सवारी नंदी बैल की प्रतिमा को भी ईशा योग फाउंडेशन ने बड़े खास तरीके से तैयार किया गया है. नंदी बैल के ऊपरी हिस्से को भी धातु के टुकड़ों को जोड़कर बनाया गया है. इस के अंदर तिल के बीज, हल्दी, पवित्र भस्म, कुछ खास तरह के तेल, रेत, कुछ अलग तरह की मिट्टी मिलाकर कुल 20 टन सामग्री डाली गई है.
भगवान शिव की इस प्रतिमा को देखने के लिए हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं. रात में जब नीली रोशनी में यह प्रतिमा नहाती है तो इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं.
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