भारत में कई ऐतिहासिक स्मारक हैं जिनमें राजाओं और महाराजाओं के शासनकाल के दौरान निर्मित कई किले हैं। इनमें से कई किले ऐसे हैं जो अभी भी रहस्य में डूबे हुए हैं।
गढ़कुंडार किला इन्ही किलों में से एक है। यह किला उत्तर प्रदेश राज्य में झाँसी के पास लगभग सत्तर किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
किले में अभी भी 11 वीं शताब्दी में निर्मित पांच मंजिला संरचना है। इन पांच मंजिलों में से तीन मंजिलें जमीनी स्तर से नीचे हैं और दो मंजिलें जमीनी स्तर से ऊपर हैं।
ऐसा अनुमान है कि किले को कम से कम पंद्रह से दो हजार साल पहले बनाया गया था। उस समय प्रांत पर चंदेल, बुंदेल और खंगार वंश के राजाओं का शासन था।
यह किला सुरक्षा के दृष्टिकोण से बहुत मजबूत और बहुत महत्वपूर्ण है। यह किला भारत के सबसे रहस्यमय किलों में गिना जाता है।
काफी समय पहले की बात है यहां पास के ही गांव में एक बरात आई थी। बरात यहां किले में घूमने आई। घूमते-घूमते वो लोग बेसमेंट में चले गए, जिसके बाद वो रहस्यमयी तरीके से अचानक गायब हो गए। जिसके बाद किले के नीचे जाने वाले सभी दरवाजों को बंद कर दिया गया।
किले में प्रवेश करने के सभी मौजूदा द्वार स्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं। यह किला किसी भूल-भुलैय्या की तरह है। किले के अंदर अंधेरा रहने के कारण दिन में भी यह डरावना लगता है।
कहा जाता है कि इस किले में एक खजाने का रहस्य भी छुपा हुआ है इसलिए खजाने को खोजने के लिए कई शौकिया मंडलियां यहां आती थीं।
हालांकि किसी का प्रयास सफल नहीं हुआ, और खजाने की खोज के कारण कई मंडलियां किले से गायब हो गईं। आज तक यह स्पष्ट नहीं है कि वे सभी लोग आखिर कहां गायब हो गए