आसमान में दूसरे ग्रह के प्राणियों यानि ‘एलियंस’ और उड़न-तश्तरियों यानि UFO (Unidentified Flying Objects) को देखे जाने की हमने बहुत सारी बातें सुनी हैं. लेकिन यह कुछ ऐसा है जो शायद ही पहले कहीं देखा या सुना गया है.
जी हाँ, एक रहस्यमयी शहर को आसमान में बादलों के बीच देखा गया है. यह केवल बादलों के बीच बनने वाली कुछ अजीबो-गरीब आकृतियाँ नहीं बल्कि साफ़ तौर पर नज़र आ रही गगनचुंबी इमारतें हैं जो दिन में नज़र आईं हैं. यह बहुत ही विचित्र और हैरान करने वाला और रहस्यमयी है.
यह रहस्यमयी और तैरता हुआ शहर चीन के हुनान प्रान्त के युएयंग शहर में इस साल के शुरू में देखा गया था. आसमान में बादल छाए हुए थे, इनसे छनकर सूरज की हल्की रोशनी जमीन पर पड़ रही थी। मौसम सुहाना था और लोग झील के किनारे मौज-मस्ती करने पहुंचे थे। तभी आसमान में यह तैरता हुआ शहर प्रकट हुआ जिसे देख कर लोगों के होश उड़ गये.
लोग अपने-2 मोबाइल फ़ोन निकाल कर फोटो और वीडिओ बनने लगे. ऐसी ही एक वीडिओ इस साल के शुरू में secureteam नाम के यूट्यूब चैनल ने एक वीडियो पोस्ट की थी जो नीचे दी गयी है.
पिछले दो सालों में चीन में ऐसी दो घटनाएँ हो चुकी है। इससे पहले ऐसा ही एक वाकया चीन के क्वांग-डांग प्रान्त के फुशेन में भी देखा गया था. यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका के न्यूयॉर्क, कैलिफॉर्निया शहरों में भी आसमान में तैरता शहर देखा जा चुका है।
कुछ लोग इसे Mirage यानि ऑप्टिकल इल्यूजन का नाम देते हैं. लोग कहते हैं कि ऐसा दृष्टि भ्रम के कारण हुआ। विज्ञान की भाषा में इस phenomina को फाटा मोरगाना कहते हैं।
फाटा मोरगाना के मामलों में किसी आकृति के प्रतिबिम्ब से अन्य आकृति बनती है लेकिन इस मामले में ऐसा संभव नहीं था क्योंकि असली शहर में को भी गगनचुंबी इमारत नहीं है. (देखें युएयंग शहर का चित्र)
वहीँ एलियंस चेजर Mr. Warning के अनुसार, एलियंस चीन के धुंध-भरे वातावरण का फायदा उठा कर मानव के उपर रिसर्च को अंजाम दे रहे हैं. यहाँ का धुंधला वातावरण और घनी जनसँख्या इसके लिए उपयुक्त है. गौरतलब है कि युएयंग की जनसँख्या 50 लाख से ऊपर है.
दूसरे यह प्रभाव ऐसी सतहों पर नज़र आता है जहाँ प्रतिबिम्ब बनने के लिए उपयुक्त सतह और तापमान मौजूद हो, जैसे कि पानी या धरती की समतल सतह. आसमान में बादलों के बीच ऐसा प्रभाव पैदा होने की सम्भावना पहले कभी देखी गयी थी.
वैज्ञानिक हालंकि इस घटना को सामान्य घटना मानते हैं लेकिन उनके पास भी इसे प्रमाणित करने के लिए कोई सबूत नहीं है. वहीँ कुछ लोग इसे चीन के होलोग्राम प्रयोग के कारण हुई घटना मानते हैं.
देखें वीडिओ: