इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून यानी आज लगेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल के पहले सूर्य ग्रहण के दिन ज्येष्ठ मास की अमावस्या, शनि जयंती और वट सावित्री व्रत भी है ऐसा योग करीब 148 साल बाद बन रहा है जोकि बहुत खास माना जाता है।
इससे पहले शनि जयंती पर सूर्य ग्रहण 26 मई 1873 को हुआ था। इसके साथ ही इस दिन धृति और शूल योग भी बनेगा। सूर्य ग्रहण के दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है और इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं लेकिन पूजा आराधना चलती रहती है।
इसके अलावा सूर्य ग्रहण का सेहत पर भी असर पड़ता है। सूर्य ग्रहण वैज्ञानिक दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण घटना है । जिसमें हमें अपने खान-पान और सेहत का भी खास ध्यान रखना होता है।
कब और कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण 10 जून को दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 41 मिनट खत्म होगा। इस बीच आपको सूर्य ग्रहण के नेगेटिव प्रभाव से अपना बचाव करना होगा।
ये ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, लेकिन उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भाग में, उत्तरी कनाडा, यूरोप और एशिया में, ग्रीनलैंड और रूस के अधिकांश हिस्सों में इसे देखा जा सकेगा।
कनाडा, ग्रीनलैंड तथा रूस में वलयाकार सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। वहीं, उत्तर अमेरिका के अधिकांश हिस्सों, यूरोप और उत्तरी एशिया में आंशिक सूर्य ग्रहण दृश्य होगा।
भारत में साल का पहला सूर्यग्रहण अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में देखा जा सकेगा। अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्यजीव अभयारण्य के पास से शाम करीब 5 बजकर 52 मिनट पर देखा जा सकेगा।
वहीं लद्दाख के उत्तरी हिस्से में सूर्य ग्रहण शाम 06 बजे देखा जा सकेगा। यहां सूर्यास्त शाम को करीब 06 बजकर 15 मिनट पर होगा।
कैसे होता है सूर्य ग्रहण
जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है तब सूर्य ग्रहण लगता है और वो घड़ी आ चुकी है। इस दिन सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती है, लेकिन हल्का प्रकाश हमेशा रहता है क्योंकि चंद्रमा की वजह से सूर्य पूरी तरह से छिपने लगता है और इसे ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
ऐसी स्थिति में चंद्रमा केवल सूर्य के केंद्र को कवर करता है, तो इसके बाहरी किनारे दिखाई देता है जो चंद्रमा के चारों ओर एक ‘रिंग ऑफ फायर’ बनाते हैं।
10 जून को 9 सूर्य ग्रहण के दौरान रिंग ऑफ फायर का दृश्य दिखाई दे रहा है। देखने में तो ये नजारा काफी आकर्षक लग सकता है लेकिन इसका मानव स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
इस गलती से जा सकती हैं आंखों की रोशनी
वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण को सीधे नंगी आंखों से देखना उचित नहीं माना जाता है, ऐसा करने पर आपकी आंखों की रोशनी जा सकती है। सूर्य ग्रहण का हल्का प्रकाश आपके रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है और इस स्थिति में आप अंधेपन का शिकार हो सकते हैं।
नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के अनुसार, सूर्य ग्रहण को देखने के लिए चश्मा पहनना चाहिए। नंगी आंखों से आपको सूरज तो स्पष्ट दिखेगा नहीं, बल्कि आपकी सेहत संबंधी समस्याएं और हो जाएंगी।
क्या हैं सूतक के नियम
सूर्य ग्रहण का सूतक ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार सूतक के नियम वहीं माने जाते हैं, जहां ये ग्रहण दिखाई देता है।
इस सूर्य ग्रहण के नियम अरुणाचल प्रदेश के उस हिस्सों में ही लागू होंगे जहां ये ग्रहण दिखाई देगा। बाकी भारत में सूतक के कोई नियम मान्य नहीं होंगे।