नंबर्स का हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान है, फिर चाहे वो पैसे के रूप में हो या संख्या के रूप में। लेकिन क्या आपको पता है कि इन सभी नंबर्स में से 7 एक ऐसा नंबर है जो अन्य सभी में से यूनिक है।
वैसे तो सभी नंबर्स यूनिक ही होते हैं परंतु 7 नंबर को दुनिया का सबसे शुभ अंक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान ने पूरी दुनिया को 6 दिनों में बनाकर 7 वें दिन ही आराम किया था।
आज की हमारी इस पोस्ट में हम आपको नंबर सात के बारे में कुछ मज़ेदार तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, तो चलिए शुरू करते हैं ।
- भारतीय संस्कृति में 7 की संख्या बहुत खास मानी गई है, जैसे संगीत के 7 सुर, इंद्रधनुष के 7 रंग, 7 ग्रह, 7 तल, 7 समुद्र, 7 ऋषि, सप्त लोक, सूर्य के 7 घोड़े, सप्त धातु, 7 द्वीप, 7 दिन आदि।
- हिंदू धर्म में पाताल और स्वर्ग के बीच 7 डिविजन का महत्व बताया गया है।
- बाइबल में 7 महान चर्च बताए गए हैं। इफिसुस, स्मिर्ना, पेरगाम, थुआतिरा, सार्डिस, फिलाडेल्फिया और लौदीकिया
- इंसान की चमड़ी में 2 आंतरिक व 5 बाहरी यानी कुल 7 सतह होती है।
- मान्यता है कि 7 फेरे जीवन की पूर्णता को दर्शाते हैं। इसमें जप, तप, व्रत, नियम, दान, कर्म एवं स्वाध्याय, ये 7 बिंदु ही विवाह परंपरा को पूरा करते हैं।
- 7 फेरों का 7 जन्मों का भी प्रतीक माना जाता है, क्योंकि हिंदू धर्म में मान्यता है कि पति-पत्नी का संबंध सिर्फ एक जन्म का नहीं बल्कि 7 जन्मों का होता है।
- वैसे तो धरती पर बहुत से अजूबे हैं लेकिन कुल महत्वपूर्ण 7 अजूबे हैं जिनमें शामिल है चीन की महान दीवार, ताजमहल, कोलोज़ीयम, माचू पिच्चू”, क्राइस्ट रिडीमर, चिचेन इत्जा, पेट्रा
- वैज्ञानिकों के अनुसार मानव शरीर में 7 सालों बाद कुछ न कुछ परिवर्तन होता रहता है।
- प्रबंधकों के अनुसार किसी देश की अर्थव्यवस्था हर 7 साल में चक्र परिवर्तन करती है।
- Book Of Revaluation में 7 भगवान की आत्माओं के बारे में लिखा गया है।
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के ज्योर्ज मिलर ने लिखा है कि एक सामान्य इंसान कम समय में केवल 7 चीजें ही एक साथ याद रख पाता है।
- एक सबसे अच्छी होटल 7 स्टार होटल को माना जाता है।
- शरीर में ऊर्जा के 7 केंद्र माने गए हैं। इन केंद्रो को चक्र कहा जाता है। इनके नाम हैं- मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुर, अनाहत, विशुद्ध, आज्ञा और सहस्रार चक्र। ये चक्र ही हमें जीवनदायिनी शक्ति प्रदान करते हैं।
- 7 को पूर्ण अंक माना गया है। यानी 7 किसी दूसरे अंक से पूरी तरह विभाजित नहीं होता। इसके पीछे मनोवैज्ञानिक पक्ष ये है कि जिस तरह अंक 7 अविभाजित है, उसी तरह पति-पत्नी का संबंध भी कभी अलग न हो।