भगवान शिव की पूजा के दौरान लोग कभी शिवलिंग पर भांग-धतूरा तो कभी दूध, चंदन और भस्म चढ़ाते हैं। भगवान शिव को बैरागी कहा जाता है, यही वजह है कि उनके शिवलिंग पर कभी भी आम जिन्दगी में इस्तेमाल होने वाली चीजें नहीं चढ़ाई जाती हैं।
अगर आप भी भोलेबाबा के व्रत या उनकी पूजा करने वाले हैं तो भूलकर भी शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये चीजें। आज इस पोस्ट के माध्यम से जानते हैं कि वो कौन-कौन सी चीज़े है जो शिवलिंग पर नहीं चढ़ानी चाहिए।
मान्यता है कि हर देवी देवता में चढ़ने वाले तुलसी और सिंदूर शिव को नहीं चढ़ाने चाहिए। ऐसा करने से शिव प्रसन्न होने की जगह पर नाराज हो जाते हैं।
आपको बता दें कि तुलसी मां लक्ष्मी का स्वरूप मानी जाती है यानी श्री विष्णु की अर्धांगिनी। भगवान विष्णु शालिग्राम की पूजा में ही सदैव तुलसी का प्रयोग किया जाता है मगर शिवलिंग पर तुलसी का प्रयोग वर्जित माना गया है।
सिंदूर को श्रृंगार की वस्तु कहा जाता है जोकि सभी देवियों को चढ़ाया जाता है मगर भगवान शिव वैरागी है और उन्हें महाकाल माना जाता है इसलिए सिंदूर शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए।
शिव को अर्पित की गई वस्तु का प्रसाद नहीं लिया जाता, जैसे कि बाकी देवताओं पर चढ़ी चीजों को प्रसाद में लेते हैं।कथाओं के अनुसार एक बार केतकी पुष्प ने ब्रह्मा का झूठ में साथ दिया था जिसे जानकर शिव ने क्रोध में केतकी के पुष्प को श्राप दिया था। तब से इस पुष्प को शिवलिंग में नहीं चढ़ाया जाता हैं।
सभी देवी देवताओं की पूजा में हल्दी या हल्दी चावल का प्रयोग किया जाता हैं मगर कुछ लोगों की मानें तो हल्दी सौभाग्य का प्रतीक होती है तो विनाश के देवता भगवान शिव को यह नहीं अर्पित करनी चाहिए।
भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान विष्णु का भक्त था इसलिए विष्णु भगवान की पूजा शंख से होती है लेकिन शिव की नहीं।