हर रंग की कई शेड्स होती हैं। इसी तरह काले रंग की भी कई शेड्स हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि काले रंग का सबसे डार्क यानी कि दुनिया का सबसे काला रंग किसका है।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं वेंटाब्लैक नामक पदार्थ के बारे में जो इतना काला है कि इसे किसी ऊबड़-खाबड़ सतह पर पोत देने से वह सतह भी एकदम फ्लैट नजर आती है। यह दुनिया का सबसे काला पदार्थ है, जो लाइट के 99.96 प्रतिशत हिस्से को सोख लेता है।
इसे ब्रिटेन की नैनोटेक कंपनी ‘सरे नैनोसिस्टम्स’ ने 2014 में डेवलप किया था। कंपनी ने हाल ही में इसे स्प्रे के रूप में पेश किया है।
जानिए, वेंटाब्लैक क्यों है इतना काला?
वेंटाब्लैक क्यों इतना अधिक काला है, यह जानने के लिए पहले यह समझना होगा कि हमें चीजें और उनके रंग दिखाई कैसे देते हैं। दरअसल, रोशनी में 7 रंग होते हैं। जब किसी चीज पर रोशनी पड़ती है, तो वह कुछ रंगों को सोख लेती है और कुछ रंगों को परावर्तित कर देती है।
कोई चीज जिस रंग को परावर्तित करती है, वह उसी रंग की दिखाई देती है जैसे- यदि वह सारे रंगों को रिफ्लैक्ट कर दे, तो सफेद रंग का नजर आएगा, क्योंकि सातो रंगों से मिलकर सफेद बनता है लेकिन यदि वह प्रकाश के सारे रंगों को सोख ले और उसका कोई भी हिस्सा परावर्तित न करें, तो ब्लैक नजर आएगा।
क्या है राज़ वेंटाब्लैक के कालेपन का ?
वेंटाब्लैक कोई पेंट नहीं है बल्कि कार्बन के नैनोट्यूब्स से मिलकर बना है और इसमें हर नैनोट्यूब की मोटाई 20 नैनोमीटर के बराबर है। इसका मतलब है कि ये बाल की मोटाई से भी 3500 गुना पतला है।
इनकी लंबाई 14 से 50 माइक्रॉन्स तक है यानि1 वर्ग सेंटीमीटर की छोटी सी जगह पर 1 अरब नैनोट्यूब्स समा जाते हैं।
रोशनी इन्ही नैनोट्यूब्स के बीच की बारीक जगहों पर फंसकर रह जाती है, जिसकी वजह से वेंटाब्लैक में सिर्फ और सिर्फ कालापन ही नजर आता है, इसके सिवा कुछ नहीं।
पिछले साल ही इस पदार्थ की मदद से बीएमडब्ल्यू ने एक कार बनाई थी, जिसे दुनिया की सबसे काली कार माना गया था।