भारत की इन “श्रापित नदियों” को छूने भर से बिगड़ जाते हैं सारे काम

445

भारत में नदियों का धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्‍व रहा है। भारत का जब भी प्राचीन और मध्यकाल इतिहास पढ़ा जाता है तो नदियों का जिक्र ज़रूर होता है। कहा जाता है कि प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल तक कई गांव और शहर नदियों के किनारे ही होते थे।

fundabook.com अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाली किसी भी कहानी या तथ्य का समर्थन नहीं करता। यह पोस्ट केवल पाठकों के ज्ञान और रोचक तथ्यों के सन्दर्भ में पोस्ट की गयी है। पाठक कृपया अपने विवेक से काम लें।

गंगा, सरस्वती, कावेरी, ब्रह्मपुत्र और सतलुज आदि नदियां भारत की सबसे प्राचीन नदियों में शामिल हैं। भारत के कई हिस्सों में इन पवित्र नदियों की पूजा-पाठ भी होती है। एक तरह से ये सभी नदियां पवित्र मानी जाती हैं।

लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में कुछ श्रापित नदियां भी मौजूद हैं जी हाँ इस लेख में हम आपको भारत की श्रापित नदियों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।

फल्गु नदी

फल्गु नदी बिहार के गया जिले की एक प्रमुख नदी है। गया एक ऐसा जिला है जहां पिंडदान या श्राद्ध के लिए हर साल लाखों लोग पहुंचते हैं। लेकिन इस नदी को लेकर कहा जाता है कि यह एक श्रापित नदी है।

Falgu-River

कई लोगों का मानना है कि बिहार की फल्गु नदी को सीता माता ने श्राप दिया था। मान्‍यता है कि माता सीता के श्राप से फल्‍गु नदी का जल धरती के अंदर चला गया था। इस कारण फल्‍गु को भू-सलिला भी कहा जाता है।

चंबल नदी

Chambal-River

चंबल मध्‍यप्रदेश की प्रमुख नदी है। यह नदी “जानापाव पर्वत ” बांगचु पॉइंट महू से निकलती है। इसका प्राचीन नाम “चर्मण्वती ” है। चंबल को डाकुओं का इलाका माना जाता है, पर अब यहां डाकू नहीं रहते, लेकिन इस नदी को लोग अपवित्र जरूर मानते हैं। इस नदी के बारे में कहा जाता है कि यह कई जानवरों के खून से उत्पन्न हुई है।

कर्मनाशा नदी

बिहार और उत्तर प्रदेश राज्य में बहने वाली यह एक प्रमुख नदी है। यह गंगा नदी की एक उपनदी है। इसकी उत्पत्ति बिहार के कैमूर ज़िले में होती है और फिर यह बहते हुए बिहार व उत्तर प्रदेश की सीमा निर्धारित करती है। एक तरह से दोनों राज्यों को यह नदी अलग भी करती है।

Karamnasa-River

इन दोनों ही राज्यों के लोगों का मानना है कि जो इस नदी का पानी छूता है उसके बने काम चंद मिनटों में बिगड़ जाते हैं। कई लोगों का मानना है कि इस नदी का पानी श्रापित है इसलिए कोई भी इस नदी का पानी छूता नहीं है।

कोसी नदी

कोसी नदी या कोशी नदी नेपाल में हिमालय से निकलती है और बिहार में भीम नगर के रास्ते से भारत प्रज्वल में दाखिल होती है।

Kosi-River

कहते हैं जब भी इस नदी में बाढ़ आती हैं, जो स्थानीय लोग प्रभावित होते हैं और कई लोगों की तो जान भी चली जाती है। हालांकि, लोग इसे श्रापित नहीं कहते, लेकिन इसे शोक नदी के नाम से बुलाते हैं।