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चाणक्य नीति : इन 4 बातों को हमेशा रखना चाहिए गुप्त

चाणक्य नीति के रचयिता आचार्य चाणक्य को उनकी बुद्धिमत्ता और विभिन्न विषयों में प्रवीणता के कारण आज भी सर्वश्रेष्ठ  विद्वान लोगों की श्रेणी में रखा जाता है। चाणक्य चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। वे कौटिल्य या विष्णुगुप्त नाम से भी विख्यात हैं। पिता श्री चणक के पुत्र होने के कारण वह चाणक्य कहलाए।

वह एक महान राजनीति के महाविद्वान होने के साथ-साथ एक महान अर्थशास्त्री भी थे। वे अपने ‘कुटिल सदुपयोग’ ,जनकल्याण तथा अखंड भारत के निर्माण जैसे सृजनात्मक कार्यो में करने के कारण ‘कौटिल्य‘ कहलाए।

चाणक्य ने कई शास्त्रों की रचना भी की थी जो आज भी मनुष्य के लिए उपयोगी है। आचार्य चाणक्य की नीति को ‘चाणक्य नीति‘ के नाम से जाना जाता है, जिसमें मानव जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें कही गई हैं।

यदि जीवन में इन बातों का ध्यान रखा जाए तो कई समस्याओं से बचा जा सकता है और जीवन को सुखमय व्यतीत किया जा सकता है। चाणक्य की नैतिकता में भी कुछ ऐसी बातें बताई गई हैं, जिन्हें हमें गुप्त रखना चाहिए, तो चलिए जानते हैं इस पोस्ट के माध्यम से कि वे कौन कौन सी बातें हैं जिन्हें हमें दूसरों को नहीं बताना चाहिए:-

Acharya Chanakya

पति-पत्नी के बीच की बातें

नैतिकता के अनुसार व्यक्ति को कभी भी अपने वैवाहिक जीवन की बातें किसी और से नहीं करनी चाहिए। पति-पत्नी के बीच की बातचीत को अपने तक ही सीमित रखना चाहिए।

खासकर अगर आपके और आपके जीवनसाथी के बीच किसी भी तरह का झगड़ा चल रहा हो तो उसका जिक्र किसी तीसरे व्यक्ति से नहीं करना चाहिए, भले ही वह आपका भरोसेमंद दोस्त ही क्यों न हो। इससे आपको आगे चलकर मान सम्मान की हानि उठानी पड़ती है। इसके साथ ही आपके रिश्ते में भी दरार आ जाती है।

अपने काम से संबंधित योजना किसी को न बताएं

आचार्य चाणक्य का कहना है कि कभी भी किसी अन्य व्यक्ति के सामने अपने काम से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों या योजनाओं का जिक्र नहीं करना चाहिए।

इससे आपको कार्यक्षेत्र में नुकसान उठाना पड़ सकता है और आपके कार्य में सफलता मिलने की संभावना भी कम हो जाती है इसलिए काम हो जाने के बाद ही किसी को बताना चाहिए।

अपने अपमान की गाथा न गाएं

आचार्य के अनुसार यदि किसी ने आपका अपमान किया है तो इस घटना को अपने तक ही सीमित रखना बेहतर है। दूसरों को बताने से उनके मन में आपके लिए सम्मान भी कम हो जाएगा।

आर्थिक नुकसान के मामले में किसी को न बताएं

आचार्य चाणक्य के अनुसार जिन लोगों को आर्थिक नुकसान हुआ है उन्हें इसे बाहरी लोगों को बताने से बचना चाहिए। उनके अनुसार जो लोग पैसों को लेकर परेशानी में होने पर दूसरों के साथ अपनी बात साझा करते हैं, वे मदद करने के बजाय निराश हो सकते हैं। इतना ही नहीं आपकी परेशानी जानकर लोग आपसे दूरी भी बनाने लगेंगे।

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