ध्यान या मैडिटेशन का लक्ष्य एकाग्रता है और मन की शांति को प्राप्त करना है. मैडिटेशन करने से पहले यह बात अच्छी तरह से समझ लें कि ध्यान करना केवल एक क्रिया नहीं है, जो आपको करनी है. बल्कि यह तो चीज़ों को महसूस करने का विषय है. ध्यान करने के बजाए, हम कहें कि हमें ध्यान देना है.
ध्यान देना है उन चीज़ों, क्रियाओं, बदलावों, घटनाओं की और जो हमारे स्वयं के अंदर और बाहर दोनों तरफ हो रही हैं. जैसे कि हमारे मन-मस्तिष्क में क्या विचार उठते हैं? उनमें से कितने सही हैं कितने गलत. बस हमने विश्लेषण करना है. हमें एक प्लेयर बन कर कुछ करना नहीं है, बल्कि एक दर्शक बन कर सारे घटनाक्रम को रिकॉर्ड करना है.
इसको ऐसे समझें – जब आप एक मूवी देखने जाते हैं, तो आप सारी दिन-दुनिया को कर भूल कर सिर्फ मूवी पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तभी मूवी का पूरा लुत्फ़ उठा पाते हैं. इसके लिए आप अपने मोबाइल को साइलेंट मोड पर डाल देते हैं. ध्यान करते वक्त भी यही तरीका अपनाना है.
खुद के नर्वस सिस्टम को साइलेंट मोड पर डालना है. दिन-दुनिया, काम-काज, रिश्ते-नाते, बिज़नेस, शिक्षा, हेल्थ किसी भी चीज़ के बारे में नहीं सोचना है. सिर्फ अपने शरीर, इन्द्रियों को एक ही काम पर लगाना है, और वो है आत्म-चिंतन और विश्लेषण।
इस लेख में हम मैडिटेशन के कुछ आधारभूत बिन्दुओं पर चर्चा करेंगे.
मैडिटेशन करने से पहले की तैयारी
- एक शांतिपूर्ण वातावरण को चुनें. मैडिटेशन हमेशा एक शांत जगह पर करनी चाहिए. ऐसा करने से आपका ध्यान ज़्यादा से ज़्यादा मैडिटेशन की तरफ ही केंद्रित रहेगा.
- मैडिटेशन करने से पहले हमेशा आरामदायक कपड़े पहनने चाहिए.
- पहले से यह निर्णय कर लें कि आप कितने समय तक मैडिटेशन करना चाहते हैं. अगर संभव हो, तो हर दिन एक नियत समय पर मैडिटेशन करने की आदत बना लें.
- मैडिटेशन एक जगह पर बैठ कर ध्यान लगाने की प्रक्रिया है, तो ऐसा करने से पहले आपको थोड़ी स्ट्रेचिंग कर लेनी चाहिए.
- स्ट्रेचिंग करने के बाद एक आरामदायक स्थिति में बैठ जाएँ.
- आरामदायक स्थिति के बाद आप अपनी आँखें बंद कर लें. वैसे आप अपनी आँखें खुली रखकर भी मैडिटेशन कर सकते हैं.
मैडिटेशन करने की प्रचलित तकनीकें
- मैडिटेशन की तकनीकों में सबसे प्रचलित तकनीक श्वसन की तकनीक है. इस तकनीक में आपको नाभि के ऊपर किसी बिंदु को चुनकर उस पर अपने मन को केंद्रित करना है. सांस को अंदर और बाहर की ओर खींचने और छोड़ने के दौरान पेट के उठने और गिरने के क्रम और सांस लेने और छोड़ने के क्रम पर भी ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। अगर सांस पर ध्यान लगा रहे हैं, तो सिर्फ और सिर्फ अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कीजिए. केवल यह देखिए कि सांस कैसे आ और जा रही है.
- इस मैडिटेशन की तकनीक में आपको एक ही चीज़ पर ज़्यादा से ज़्यादा एकाग्रचित होना होता है. यह तकनीक नौसिखियों के लिए एक बेहतर तकनीक है.
- मैडिटेशन करके मंत्र दोहराना मैडिटेशन की एक प्रचलित तकनीक है. अपने आप को शांत रख कर और आँखें बंद कर कर अपने प्रिय मंत्र, श्लोक या देवी-देवता का ध्यान करते हुए मंत्र दोहरा सकते हैं. हिंदु धर्म को मानने वाले अधिकतर संस्कृत के मंत्र को दोहराते हैं जैसे कि “ॐ”, “सत, चित्त, आनन्द” मंत्र.
- एक साधारण सी सम्मुख वस्तु पर ध्यान केन्द्रित करना भी मैडिटेशन की एक तकनीक है. जिसमें आप अपना ध्यान आँखें खुली रख कर किसी विषयवस्तु पर टिका लेते हैं. उदाहरण के लिए सामने दीवार पर पेंसिल से एक बिंदु बना कर उस पर ध्यान टिकाना. यह तकनीक सुनने में आपको आसान लग सकती है, लेकिन अपना ध्यान किसी विषय वस्तु पर टिकाना एक बहुत ही मुश्किल काम होता है.
- मैडिटेशन की तकनीक में अन्त: दर्शन की तकनीक बहुत ही प्रचलित है, क्योंकि इसमें आप आँखें बंद कर के किसी शांत और सुंदर जगह की कल्पना करते हैं. यह तकनीक आपको चिंता मुक्त करने में बहुत फायदेमंद होती है.
- आत्म-काया या शरीर के निरीक्षण की तकनीक में आप अपने शरीर के हर हिस्से पर अपना ध्यान थोड़े समय के लिए केंद्रित करते हैं. इस तकनीक में लेटकर आप अपनी आँखें बंद कर के अपने शरीर के अलग- अलग हिस्सों पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं. ऐसा करने से आपका मन शांत अवस्था में पहुंच जाता है.
- ह्रदय-चक्र पर ध्यान केंद्रित करना: ह्रदय-चक्र शरीर के भीतर स्थित सात चक्रों या ऊर्जा-केन्द्रों से एक है। ह्रदय-चक्र छाती के बीचोंबीच स्थित है और प्रेम, करुणा, शांति और सदभाव से जुड़ा हुआ है।
रोजमर्रा के जीवन पर ध्यान
- रोजमर्रा की जिंदगी में मानसिक पूर्णता का अभ्यास कीजिए.
- एक अच्छी जीवनशैली अपनाएं. इसलिए अच्छा भोजन करें, रोज व्यायाम करें और पूरी नींद लें और आपको मैडिटेशन करने से पहले टेलीविजन नहीं देखना चाहिए. शराब और सिगरेट जैसे नशों का सेवन न करें. नशा आपके मन को विचलित करता है.
- अध्यात्मिक किताबें पढ़ें.
- ध्यान (Meditation) लगाना सीखने के लिए आप किसी पेशेवर व्यक्ति से मदद ले सकते हैं.
- प्रत्येक दिन एक ही समय पर मैडिटेशन करने की आदत बना लें.
- यह बात को अच्छी तरह से समझ लो कि मैडिटेशन एक तरह की यात्रा है, जो आपको उच्च अध्यात्मिक आयाम तक पहुंचने में मदद करती है.
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