वर्ष 2020 महान वैश्विक प्रभाव (global impact) का वर्ष साबित हुआ है। इस वर्ष कुल छह ग्रहण थे। उनमें से चार चंद्र ग्रहण थे और दो सूर्य ग्रहण l
14 दिसंबर को लगने वाला ये ग्रहण 15 दिनों के अंदर लगने वाला दूसरा ग्रहण है। इससे पहले 30 नवंबर को पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा ग्रहण लगा था l
आइए जानते हैं कि ये सूर्य ग्रहण किस समय और कहां-कहां दिखाई देगा, भारत में इसका क्या असर होगा और क्या इस ग्रहण में सूतक माना जाएगा या नहीं।
सूर्य ग्रहण कब लगेगा?
वर्ष 2020 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर सोमवार को होगा। भारतीय मानक समय के अनुसार, ग्रहण 14 दिसंबर को शाम 7:03 बजे होगा और उसी दिन दोपहर 12:23 बजे समाप्त होगा। ग्रहण की अवधि लगभग 5 घंटे रहेगी।
सूर्य ग्रहण कहां देखा जाएगा?
ऐसा कहा जा रहा है कि दिसंबर में सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका कोई प्रभाव नहीं होगा। ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में लग रहा है।
इस ग्रहण काल के दौरान इस राशि वालों को बहुत सावधान रहने की जरूरत है । यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अटलांटिक के कुछ हिस्सों में देखा जाएगा।
कब से लगेगा सूतक काल
14 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए इस बार सूतक के नियम नहीं माने जाएंगे। साथ ही ग्रहण काल के दौरान मांगलिक कार्यों पर भी रोक नहीं लगेगी। सूतक काल मान्य ना होने की वजह से मंदिरों के कपाट बंद नहीं किए जाएंगे और ना ही पूजा-पाठ वर्जित होगी।
ग्रहण के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
सूर्य ग्रहण आंखों पर बिना किसी सुरक्षा के देखने से आपकी आंखों को नुकसान हो सकता है। ग्रहण के दौरान अपनी आंखों पर विशेष चश्मा जरूर लगाएं । इसके अलावा आप शीशे में भी ग्रहण देख सकते हैं।
ग्रहणकाल के दौरान चाकू, छुरी जैसे तेज किनारों वाली वस्तुओं का प्रयोग ना करें। इस दौरान भोजन और पानी का सेवन करने से भी बचें।
ग्रहणकाल के दौरान स्नान और पूजा ना करें ग्रहणकाल के दौरान इन कार्यों को शुभ नहीं माना जाता है। इस दौरान आप आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।