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ये हैं दुनिया के 5 अजीबोगरीब जीव

पूरे विश्व में विभिन्न प्रजातियों के पशु-पक्षी एवं जीव-जंतु पाए जाते हैं और सभी का अपना एक अलग महत्व है। उनमें से कुछ अपने रंग, मधुर आवाज और अपने आकार के लिए प्रसिद्ध हैं इसलिए वे विभिन्न विशेषताओं के साथ लोकप्रिय हैं।

इनमें से कुछ महासागर की गहराई में और कुछ घने जंगलों के बीच बसे हैं। आज हम दुनिया के कुछ ऐसे अजीबोगरीब जीवों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपने पहले न कभी देखा होगा और न ही उनके बारे में सुना होगा तो आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही विचित्र जीवों के बारे में :-

ओकापी

ओकापी अफ्री़का के इटुरी वर्षावन, जो कि मध्य अफ्री़का के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य  में पाया जाने वाला एक जीव है।

यह जिराफ़ का सबसे करीबी रिश्तेदार है। ओकापी का पृष्ठ भाग गहरे भूरे  रंग का होता है और पैरों में अद्भुत सफे़द-काली धारियाँ होती हैं, जिससे दूर से देखने में यह ज़ेब्रा जैसा दिखता है।

इसके शरीर की बनावट जिराफ़ जैसी ही होती है सिवाय लंबी गर्दन के। ओकापी और जिराफ़ दोनों की जीभ लंबी होती है जो नीले रंग की होती है और जिसकी मदद से वह पेड़ों से कोमल पत्तियाँ और कोपलें खाते हैं।

शूबिल

शूबिल अफ्रीका के सूडान और जांबिया में पाई जाती है। इसे इंग्लिश में ‘शूबिल’ तो अरबी में ‘अबू मरकब’ कहते हैं।

अबू मरकब का मतलब होता है जूते के साथ। इनकी चोंच जूते के आकार की होती है। इसी वजह से इनका नाम शूबिल पड़ा है।

शूबिल एक बड़ी चिड़िया है। इसका वजन करीब 8 किलो तक होता है। इसे साफ पानी के पास रहना पसंद है क्योंकि यह मछलियों का शिकार करना पसंद करती है इसीलिए यह अफ्रीका के उन क्षेत्रों में ही पाई जाती हैं, जहां नदी के पास जंगल हो और उस नदी में भरपूर मछलियां हों।

थोर्नी ड्रैगन

ऑस्ट्रेलिया में पाए जाने वाला यह जीव छिपकली की तरह दिखता है। इसकी पूरी बॉडी पर नुकीले कांटे होते हैं। यह मौसम के हिसाब से खुद को बदल सकता है। ये छिपकली आसानी से रेगिस्तान की मिट्टी में छिप जाती है।

इंडियन पर्पल फ्रॉग

भारत में पाई जाने वाली मेंढ़कों की प्रजातियों में से यह सबसे विचित्र प्रजाती है। इनका शरीर अजीब सा मोटा होता है। इसे ‘मावेली’ कहकर भी बुलाया जाता है।

माना जाता है कि बैंगनी रंग का दिखने वाला यह मेंढक कभी डायनासोर के साथ सह-अस्तित्व में था। ये साल भर धरती के अंदर रहते हैं और संभोग के लिए सिर्फ़ दो हफ़्ते धरातल पर बिताते हैं।

पाकु मछली

पाकु फिश को “बॉल कटर” भी कहते हैं। इसकी खासियत यह है कि इसके दांत इंसानों जैसे होते हैं। यह जब मुंह खोलती है तो वह इंसानी मुंह जैसा नज़र आता है और ये अपने शिकार को काटने से चूकती नहीं है।

ब्लू पेरेट फिश

एकदम नीले रंग की यह मछली अटलांटिक महासागर में पायी जाती है। इसकी खासियत यह है कि इसकी तोते की तरह चोंच होती है। मतलब यह कि इसका अलगा भाग तोते की तरह नज़र आता है।

मैंटिस श्रिम्प

इस जीव को सी लोकसटस प्रॉन किलर या थंब स्प्लिंटर्स भी कहते हैं। ये ट्रॉपिकल और सब-ट्रॉपिकल पानी में पाए जाते हैं। ये अधिक्तर वक्त अपने बिल में छिपे रहते हैं।

गोब्लिन शार्क

गोब्लिन शार्क लगभग पूरी दुनिया में पाई पाई  है। यह समुद्री सतह के 100 मीटर की गहराई में रहती है और यह  शार्क  लोगों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाती।

इसकी खासियत यह है कि इसका मुंह बहुत अजीब होता है। ऐसा लगता है कि इसका सिर गेंडे के सिंग के समान है इसीलिए यह अन्य शार्क मछलियों से भिन्न होती है।

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