यूट्यूब पर २ दिन पहले अपलोड हुई “मेडिकल वर्सेज इंजीनियरिंग लाइफ” की फनी वीडियो ट्रेंडिंग में तीसरे नंबर पर है. अब तक 1,705,179 लोग इसे देख चुके है. इस वीडियो में मेडिकल लाइफ और इंजीनियरिंग लाइफ के बारे में बताया गया है.
मेडिकल के स्टूडेंट्स अपनी पढाई को लेकर इतने सीरियस होते है की परीक्षा से 2 महीने पहले भी उन्हें लगता है के तयारी के लिए बहुत कम टाइम रह गया और दूसरी तरफ इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स परीक्षा के एक दिन पहले भी इतने मस्त रहते है के वह परीक्षा से सर्फ एक घंटा पहले पढ़ कर ही परीक्षा देने चले जाते है.
मेडिकल की क्लास में सभी बच्चे हाज़िर होते है जब की इंजीनियरिंग की क्लास में कभी कभी स्टूडेंट्स अपने दोस्तौं की ही प्रॉक्सी लगवाते रहते है जो की क्लास में होते ही नही.
मेडिकल के स्टूडेंट्स में यूनिटी कम होती है, जब के इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स में यूनिटी बहुत होती है. एक बार मास बंक करने का तय कर लिया उसके बाद कोई भी क्लास में नही जाता बल्कि यह तो कॉलेज से भी बाहर घुमने चले जाते है. 😛
लड़ाई के मामले में मेडिकल के स्टूडेंट्स डरपोक होते है, जबकी इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स किसी से नही डरते. इन्हें या इनके किसी दोस्त को कोई कुछ कह के तो देखे, बस फिर ये इंजीनीयर्स नही देखते के सामने कौन है और कौन नही सभी की धुलाई कर देते है.
अगर बात पढाई की करें तो मेडिकल स्टूडेंट्स दिन रात पढ़ते रहते है, लेकिन दुसरौं को ऐसे दिखाते है जैसे अभी पढ़ना शुरू भी नही किया हो. और दूसरी तरफ इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स इतने टेंशन फ्री होते है की आधी रात तक फ़ोन पे गेम्स खेलते रहते हैं, मूवीज देखते है या दोस्तौं के साथ गप्पें मारते रहते है, इन्हें तो यह भी नहीं पता होता कि सुबह पेपर कौन सा है 😀
एग्ज़ाम के टाइम मेडिकल और इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स का पेपर करने का स्टाइल आप खुद नीचे दी हुई वीडियो में देख कर आनंद लें. 🙂
प्लेसमेंट के बाद मेडिकल के स्टूडेंट्स सिर्फ डोक्टर ही बनते है कोई किसी में स्पेशलिस्ट तो कोई किसी में. लेकिन सिर्क इंजीनीयर्स में ही कुछ भी बन ने का टैलेंट होता है. कोई डिफेन्स (Defence) में जाता है तो कोई आर्मी (Army) में. कोई बड़ा स्टार(STAR) बन जाता है तो कोई बड़ा Business Man.