31 मई का इतिहास:-
- 1577 – मुगल सम्राट जहाँगीर की पत्नी नूरजहाँ का जन्म, इनका मूल नाम ‘मेहरुन्निसा’ था।
- 1725 – भारत की वीरांगनाओं में से एक अहिल्याबाई होल्कर का जन्म।
- 1727 – फ्रांस, ब्रिटेन और नीदरलैंड ने पेरिस संधि पर हस्ताक्षर किए।
- 1756 – एब्बे फारिया का जन्म। दुनिया का पहला व्यक्ति, जिसने सम्मोहन की कला को एक वैज्ञानिक आधार प्रदान किया।
- 1759 – अमेरिका के उत्तरपूर्वी प्रांत पेनसिल्वेनिया में सभी थियेटर के कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया।
- 1774 – भारत में पहला डाक सेवा कार्यालय खोला गया।
- 1867 – बंबई में प्रार्थना समाज की स्थापना हुई।
- 1878 – अमेरिकी कांग्रेस ने डॉलर के सर्कुलेशन को घटाया।
- 1921 – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे को अंगीकार किया गया।
- 1925 – हिंदी फिल्मों में शीर्ष निदेशक, निर्माणकर्ता और पटकथा कारों में से एक राज खोसला का जन्म।
- 1929 – पहली बार मिकी माउस का बोलता हुआ कार्टून कार्निवाल किड रिलीज किया गया।
- 1957 – अमेरिकी चर्चित नाटककार आर्थर मिलर को अवमानना का दोषी पाया गया। उन पर आरोप था कि वे साम्यवादी षडयंत्र का हिस्सा थे।
- 1959 – बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को तिब्बत से निर्वासन के बाद भारत में शरण दी गई।
- 1964 – बंबई में इलेक्ट्रिक ट्राम अंतिम बार चली।
- 1966 – दक्षिणी वियतनाम में शासन के विरोध में 17 साल की युवती ने खुद को आग लगा ली।
- 1985 – फुटबॉल एसोसिएशन ने इंग्लिश क्लबों के यूरोप में खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया।
- 1994 – दक्षिण अफ्रीका गुट निरपेक्ष आन्दोलन का 109वाँ सदस्य राष्ट्र बना।
- 1996 – बेंजामिन नेतन्याहू इजरायल के नए प्रधानमंत्री चुने बने।
- 1999 – एडोल्फ़ ट्युटर स्लोवाक गणराज्य के राष्ट्रपति निर्वाचित।
- 2001 – मानवाधिकार आयुक्त रॉबिन्सन का कार्यकाल बढ़ा।
- 2003 – प्रसिद्ध संगीतकार अनिल बिस्वास का निधन।
- 2006 – अमेरिकी वायुसेना के पूर्व जनरल मिशेल हैडेन को अमेरिकी खुफिया एजेंसी (सीआईए) का निदेशक नियुक्त किया गया।
- 2007 – सैप ब्लेटर तीसरी बार अंतर्राष्ट्रीय फ़ुटबाल संघ के अध्यक्ष बने।
- 2008 – सरकारी तेल कम्पनियों ने जहाज़ों के ईधन (एटीफ) की क़ीमत में5% की बढ़ोत्तरी की।
- 2008 – औपचारिक दस्तावेज के अभाव में पाकिस्तान के पूर्व मंत्री अंसार बर्नी नई दिल्ली हवाई अड्डे से पाकिस्तान वापस हुए।
- 2009 – अंग्रेजी और मलयालम की प्रसिद्ध लेखिका कमला दास का निधन।
- 2010 – भारत में मान्यता प्राप्त हर प्राइवेट स्कूल में ग़रीब बच्चों के लिए 25 फ़ीसदी सीटें आरक्षित करने का क़ानून बनाया गया।
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