जीका वायरस (Zika Virus ; Wikipedia) ने पूरी दुनिया की नाक मे दम कर रखा है. क्या आप जानते है कि क्या है यह खतरनाक जीका वायरस? यह कहाँ से आया? कब आया? और क्या है इसके लक्षण?
जीका (Zika Virus) के लक्षण
जीका वायरस(Zika Virus) के लक्षण भी डेंगू बुखार की तरह होते है. जीका के लक्षण मुख्यतः बुखार, लाल आखें, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, शरीर पर रैशेस यानी लाल चकत्ते होते है. बच्चों और बड़ों में इसके लक्षण लगभग एक ही जैसे होते हैं.
लेकिन कुछ मामलों में यह बीमारी हमारे नर्वस सिस्टम के डिसऑर्डर में बदल जाती है जिससे पैरालिसिस भी हो सकता है. जीका वायरस(Zika Virus) का सबसे ज्यादा ख़तरा गर्भवती महिलाओं के पेट में पल रहे नवजात शिशु पर पड़ता है. इससे बच्चों में कई तरह की दिमागी बीमारियां हो जाती है. इससे नवजात शिशुओं को माईक्रोसिफ़ेली होने का खतरा है जिसमें बच्चों के मस्तिष्क का पूरा विकास नहीं हो पता और उनका सिर सामान्य से छोटा रह जाता है.
विश्व स्वास्थ संगठन (WHO) ने भारत में जीका वायरस(Zika Virus) के तीन मामलों की पुष्टि कर दी है. जिनमें एक 64 वर्षीय वृद्ध महिला, 34 वर्षीय पुरुष और एक 22 वर्षीय गर्भवती महीला में पाया गया है. अहमदाबाद के बी.जे. मेडिकल कॉलेज में मॉनिटरिंग के दौरान WHO को इन तीनों में जीका वायरस के लक्षण मिले हैं.
जीका वायरस फ्लाविविरिडए (Wikipedia) विषाणु परिवार से है. यह विषाणु दिन के समय अधिक सक्रिय रहते हैं.
इतिहास
1947 में पूर्वी अफ्रीकी विषाणु अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम यूगांडा के जीका जंगल में पीले बुखार पर शोध व् रिसर्च कर रही थी. वैज्ञानिकों की टीम ने एक रीसस मकाक यानी एक प्रकार के लंगूर को पिंजरे में रख कर शोध कर रही थी. उस लंगूर को बुखार था और उसी से ही यह वायरस मिला था. तभी से ही इस वायरस को जीका वायरस(Zika Virus) के नाम से जाना जाता है.
जब 1948 में फिर से वैज्ञानिकों की टीम ने जीका जंगल में रिसर्च की, तब उन्हें जीका जंगल के मच्छरों में भी वही वायरस मिला. सन 1954 में भी नाइजीरिया में एक व्यक्ति में इसके लक्षण पाए गये थे. इसके बाद 2007 में इसकी खोज होने से पहले इसके संक्रमण के मामले अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में पाए गये थे.
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WHO का अलर्ट
WHO यानि विश्व स्वास्थ संगठन ने जीका वायरस को लेकर दुनियाभर में अलर्ट जारी कर दिया है. खासतौर पर उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में. WHO की रिपोर्ट के अनुसार इस वायरस की चपेट में तीस से चालीस लाख लोग हो सकते हैं.
ब्राजील में इसके सबसे ज्यादा लक्षण पाए गये हैं?
ब्राजील में जीका वायरस के सबसे ज्यादा लक्षण पाए गये हैं. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि हजारों लोग इस विषाणु से संक्रमित हो सकते हैं. मच्छरों के जरिये फैलने वाले इस वायरस से बच्चों का मस्तिष्क विकास रुक जाता है और उनके मस्तिष्क का आकार भी सामान्य से छोटा हो जाता है. जिसे माईक्रोसिफ़ेली (Wikipedia) कहते है
आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर से अब तक इसके 4,120 संदिग्ध केस पाए गये हैं. इन लोगों में से 270 लोगों की लैब टेस्ट में पुष्टि हो चुकी है. ब्राज़ील सरकार के अनुसार, ब्राज़ील के इतिहास में यह किसी भी बीमारी का सबसे घातक आक्रमण है.
जीका वायरस से बचाव के लिए कारगर उपाय
जीका वायरस दुनिया के और हिस्सों में अपने पैर फैला सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इससे बचाव के लिए उपाय सुझाए हैं. हम आपको बताते हैं जीका वायरस से बचाव के लिए कारगर उपाय….
1. डब्ल्यूएचओ के अनुसार इस बीमारी को रोकने का सबसे अच्छा उपाय है मच्छरों की रोकथाम.
2. मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढककर रखें और हल्के रंग के कपड़े पहनें.
3. मच्छरों की रोकथाम के लिए घर के आसपास के गमले, बाल्टी, कूलर आदि में पानी जमा ना होने दें.
4. बुखार, गले में खराश, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होने जैसे लक्षण होने पर अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन और भरपूर आराम करें.
5. जीका वायरस का फिलहाल कोई टीका उपलब्ध नहीं है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि स्थिति में सुधार नहीं होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ.
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