हमारी Eyes की Muscles हर समय एक्टिव रहती हैं। हमारी फोकस करने वाली Muscles 1 दिन में 10 लाख बार करती है मतलब मिलती है यानी कि हमारी टांगो की Muscles को 80 किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा उसके बराबर।
हमारी आंखें धूल-मिट्टी अपने आप छान लेती है और उसको 48 घंटे के अंदर साफ यानी ठीक कर लेती है। हमारी 1 मिनट में लगभग 17 बार आंखे झपकती है।
हमारी आंखे सिर्फ दो तरह की कोशिकाओं की वजह से देख पाती है Rod Cells and Cone Cells. हमारी आंखों में 13 करोड़ Rod Cells होते हैं और 70 लाख Cone Cells होते हैं। हम अंधेरे में सिर्फ Rod Cells की मदद से देख पाते हैं।
इंसान की आंखें 576 मेगापिक्सल की होती है और इंसान आंख को किसी जगह फोकस करने में सिर्फ 2 मिली सेकंड लगते हैं।
हमारा दिमाग 65% सिर्फ आंखों को संभालने में लगता है। शायद आपको पता ना हो कि हमारी आँखों में हर 5 महीने में पलकें अपने आप ही नई आ जाती हैं।
जो नीली आंखों वाले लोग होते हैं उनकी आंखों में Melanin की मात्रा अधिक होती है।
अगर आपको नजदीक का देखने में दिक्कत आती है तो आपकी आंखों के गोले ( Eyesballs ) बड़े होंगे इसके दूसरी तरफ अगर आपको दूर का देखने में दिक्कत आती है तो आप की आंखों की गोले छोटे होंगे।
जिन लोगों की आंखें नीली होती है वह बाकियों के मुकाबले सूर्य की चमक को ज्यादा सहन नहीं कर पाते आज से 10000 साल पहले नीली आंखों वाले लोग नहीं हुआ करते थे।
जब हमारी आँखों से पानी निकलता है, तो हमारी आँखें उस वक्त सूखे स्थिति में होती है।
कम प्रकाश में पढ़ने से हमारी आँख़ों को हानी तो नहीं पहुँचती, लेकिन आंखें थक जाती हैं।
आँसू हमारी आँखों को साफ रखता है। लेकिन फिर भी वैज्ञानिक आज तक नहीं समझ पाए कि जब हम दुखी होते हैं तो रोते क्यों हैं।
जिस तरह से उंगलियों की छाप में 40 अनोखे तत्व होते हैं, उसी तरह हमारे आँख की पुतलियों में 256 प्रकार के अनोखे तत्व होते हैं।
पुरुषों में छोटे अक्षर पढ़ने की क्षमता, औरतों से ज़्यादा होती है।
तेज़ रोशनी में हमें टोपी और धूप का चश्मा पहना चाहिए। इससे हमारी आँखें पराबैंगनी किरणों (UV rays) से सुरक्षित रहतीं हैं।
जिस मच्छली की चार आँखें होती है, वो पानी के ऊपर और नीचे एक ही बार में देख सकती है।
हमारी आंख 2 मिलियन तांत्रिक कोषों से बनी है l
हमारी आँखों के अंदर जाने वाला प्रकश सबसे पहेले retina पर आता है इसके बाद ही हमारी आँख कोई भी चीज देख पाती है।
हमारी आँख हर बार पलक झपकते समय कम से कम3 सेकंड के लिए बंद रहती है। इस तरह पुरे दिन की बात करे तो हम 30 मिनिट तक अँधेरे में ही रहेते है और जिन्दगी के 5 साल हम Blinking यानि की पलक झपकने की वजह से अँधेरे में रहेते है।
हमारी आंखे 1 करोड़ रंग पहचान सकती है लेकिन वास्तव में आंखे तीन रंगों को ही पहचान पाती है हरा, लीला और लाल। इन तीनो रंगों के अलग-अलग शेड्स मिलाकर 1 करोड़ रंग हमारी आंख देख पाती है।
कुछ इंसानों की आँखों का रंग ब्राउन, डार्क, ब्लू कलर होता है परंतु क्या आप जानते है कि दुनिया में ऐसे लोग भी होते है जिनकी दोनों आँखों का रंग अलग अलग होता है। इसे Heterochromia कहा जाता है।