आज कल बिना मोबाइल फोन के एक भी पल नहीं गुजरता। अगर हाथ में फोन न हो, तो इसके बिना समय बिताना बहुत मुश्किल हो जाता हैं। फोन हर समय साथ रहता है चाहे आप सो रहे हों या जाग रहे हों, बाथरूम में या बाहर हों।
जब हम सोते हैं तब भी फ़ोन हमारे बगल ही होता है और जानकारों के अनुसार यह आदत सेहत के लिए अच्छी नहीं है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 65% वयस्क और 90% किशोर अपने फोन चालू रखकर सोते हैं।
जब वे सुबह उठते हैं तो वे मूडी, थका हुआ और परेशान महसूस करते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि फोन भी इसकी एक वजह है।
इससे मानसिक तनाव, अवसाद, चिंता, मोटापा, हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा होता है। अगर आप अपने फोन को बगल में रखकर सोते हैं तो इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा होता है।
दिमाग को खतरा
मोबाइल फोन से हानिकारक रेडिएशन निकलता है। ये हमारे दिमाग को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खतरा
मोबाइल फोन रेडिएशन के कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खतरा सेल फोन से निकलने वाली नीली किरणें नींद लाने वाले हार्मोन मेलाटोनिन के उत्पादन को बाधित करती हैं। यह सर्कैडियन रिदम (बॉडी क्लॉक) को बाधित करता है। इससे अनिद्रा हो सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने फोन से आरएफ विकिरण को ‘मानव के लिए कार्सिनोजेनिक‘ के रूप में वर्गीकृत किया है। इससे ग्लियोमा, ब्रेन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
फोन को कितनी दूर रखना चाहिए?
यदि आप फोन को दूर रखते हैं, तो रेडियो फ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड एनर्जी कम हो जाती है। गंभीर परिणामों से बचने के लिए कम से कम तीन फीट की दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
सोने से पहले फोन का इस्तेमाल न करें..
हम मनोरंजन के नाम पर रात को सोने से पहले फोन के साथ समय बिताते हैं। अगर हम ऐसा करते हैं तो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा रहता है। रात को सोने से आधा घंटा पहले स्मार्टफोन को पूरी तरह से एक तरफ रख दें..
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