वैज्ञानिकों ने होमो सेपियन्स के जीवाश्म के 20 नमूनों का विश्लेषण करने के बाद कुछ नतीजे निकले है. कार्बन डेटिंग के आधार पर इन नमूनों की आयु3 लाख वर्ष बताई गई है. दिमाग का आकार तो लगभग उतना ही है लेकिन उसकी आकृति बदल गई है. गत 1 साल से लेकर 35000 वर्ष के बीच के दौर में बदलाव हुए जिसके नतीजे में इंसान का दिमाग धीरे धीरे बदलते हुए मौजूदा आकृति तक पहुंचा है.
जर्मनी के मार्क्स प्लांक इंस्टिट्यूट ऑफ़ एवाल्युशनरी एंथ्रोपोलाजी की मानवविज्ञानी सिमोन नायबावर का कहना है कि दिमाग के गोल होने की वजह है पार्शिवक हिस्से और अनुमस्तिष्क यानी सेरिबैलम का उभरना. मशहूर जर्नल साइंस एडवांसेज में इसके बारे में एक रिसर्च का नतीजा छपा है. इस रिसर्च का नेतृत्व प्रोफेसर सिमोन ने ही किया है. सिमोन बताते है,”पार्शीवक हिस्सा एक महत्वपूर्ण धुरी है जहां मस्तिष्क के अलग अलग हिस्से मिलते है और यह अनुकूलन, ध्यान जैसे अन्य कई अहम् कामों से जुडा है.”
सेरिबैलम का संबंध संचालन से जुड़े कामों जैसे गतिविधियों का संयोजन और संतुलन के साथ ही सक्रिय याददाश्त, भाषा, सामाजिक अनुभूति और भावनात्मक प्रक्रियाओं से है. सिमोन का कहना है कि दिमाग आज के इंसान में जन्म के बाद के कुछ महीनों में गोलाकार रूप से विकसित होता दिखता है.इंसान के दिमाग का मौजूदा आकार में परिवर्तन पुरातात्विक प्रमाणो से जो परिवर्तन के संकेत मिलते है उसके अनुरूप ही है. इसके अनुसार यह परिवर्तन 40 से 50 हज़ार वर्ष पहले हुए. इन्हें इंसानी बर्तावके आधुनिकीकरण का सम्पूर्ण समूह कहा जाता है. इंसान के दिमाग में ठीक उस वक्त परिवर्तन शुरू हुआ जब वह नए परिवेश में नई चीज़ें सीख रहा था.
इनमे जोड़ तोड़ करना और काल्पनिक विचार जैसे कि कला, रचना, सजावट, रंगों का इस्तेमाल,मृत लोगोंका अंतिम संस्कार, कई उपकरणों वाले जटिल यंत्र बनाना, हड्डियों किकलाकृतियां आदी शामिल थे. वैज्ञानिक बताते है कि अल्ज़ाइमर्स या इसके जैसी दूसरी दिमेंसिया वाली बीमारियाँ होने से दशकों पहले ही दिमाग में खतरनाक बदलाव आने लगते है. तभी लोगों के पास अपने दिमाग की सेहत सुधारने का मौका होता है.
इससे पहले होमो सेपियन्स का सबसे पुराना जीवाश्म मोरक्को में मिला था और उसकी उम्र 3 लाख वर्ष बताई गई. इसके साथ ही इथियोपिया से भी एक जीवाश्म मिला जिसकी उम्र 1,95,000 वर्ष थी.इन सबके दिमाग लम्बे थे,निएंडरथाल मानव की तरह. निएंडरथाल हमारे सबसे नजदीकी पूर्वज है जो करीब 10 हज़ार वर्ष पहले लुप्त हो गए. इसके बाद के इंसान का दिमाग गोल होता चला गया. रिसर्च दिखाती है कि होमो सेपियन्स एक विकासशील जीव है जिसकी अफ्रीकी जड़ें काफी गहरी है और जिसमे लम्बे समय से लगातार परिवर्तन h रहे है.
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