स्टीव जॉब्स को कौन नहीं जानता। अगर आपने “एप्पल” का iPhone, iPad या iMac फोन या कंप्यूटर यूज किया है तो फिर तो जानते ही होंगे. अगर आप फिर भी नहीं जानते हैं तो आपको बता दें की दुनिया के सबसे तेज, टेक्नोलॉजी में बेजोड़, टिकाऊ और महंगे फोन बनाने वाली कंपनी “एप्पल” के संस्थापक थे स्टीव जॉब्स, जिनका 5 अक्टूबर 2011 को निधन हो गया था.
हालांकि, स्टीव अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जब वो अपनी कार चलाते थे तो उस पर नंबर प्लेट कभी नहीं लगाते थे। फिर भी ना ही उन्हें कभी पुलिस ने पकड़ा और ना ही कभी उन पर कभी कानूनी कार्यवाही हुई ।
शायद आप जानते होंगे कि संयुक्त राज्य अमेरिका के क़ानून काफी सख्त हैं और उनका पालन भी कड़े तरीके से करवाया जाता है. आपने कई सेलिब्रिटी का चालान किये जाने की ख़बरें भी पढ़ी होंगी.
तो अगर आपको लगता है कि स्टीव जॉब्स इतने बड़े आदमी या सेलिब्रिटी होने की वजह से बच जाते थे?
या क्या हर बार पकड़े जाने पर वह सिर्फ जुर्माना भर कर छूट जाते थे? धन की कमी तो थी नहीं ! या क्या उन्हें कैलिफ़ोर्निया प्रान्त सरकार ने उनको विशेष छूट दे रखी थी?
वे यातायात क़ानून से कैसे बचे रहे? इसके पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है.
स्टीव जॉब्स के पास सिल्वर कलर की बिना नंबर की Mercedes SL55 AMG रहती थी। इस पर उन्होंने कभी नंबर प्लेट नहीं लगाई. दरअसल जॉब्स ने कैलिफोर्निया के एक परिवहन क़ानून का फायदा उठाया जिसके अनुसार किसी नयी गाड़ी पर 6 महीने तक नंबर प्लेट न लगाने की छूट रहती है।
तो इस के लिए जॉब्स ने कार (leasing ) कंपनी के साथ एक व्यवस्था की, कि कम्पनी लीज़(lease) के छठे महीने के दौरान स्टीव जॉब्स की कार को नई कार से बदल देगी, एक हूबहू सिल्वर मर्सिडीज SL55 AMG के साथ। और इस प्रकार नंबर प्लेट को लगाने की कोई कानूनी आवश्यकता ही नहीं रही थी।
स्टीव जॉब्स की कार में नंबर प्लेट न होने की क्या थी वजह
अब आप सोच रहे होंगे कि स्टीव जॉब्स ऐसा क्यों करते थे? इसके पीछे की वजह यह है कि स्टीव चाहते थे कि उन्हें कोई ट्रैक ना कर सके।
“क्योंकि लोग कभी-कभी मेरा पीछा करते हैं, और अगर मेरे पास लाइसेंस प्लेट होगी तो वे पता कर लेंगे कि मैं कहाँ रहता हूँ”, वाल्टर इसाकसन(Walter Isaacson) द्वारा स्टीव जॉब्स की जीवनी के एक अंश के अनुसार स्टीव जॉब्स ने कहा था.
हालाँकि जॉब्स मानते थे की गूगल मैप के आ जाने से यह अब तर्कसंगत नहीं रह गया था. फिर भी वे संतुष्ट थे कि यह करना उन्हें अच्छा लगता था.
आखिर एक जीनियस और “हट के” व्यक्ति का शौक कर सोच भी स्पेशल और “हट के” ही होंगे, है ना!
वैसे आपने ऊपर कार की तस्वीर में एक बात नोट की होगी। स्टीव की कार जॉब्स पार्किंग में अपंग लोगों के लिए बनाई गई पार्किंग में खड़ी है. दरअसल स्टीव जॉब्स अपंगों के लिए बनाई गई पार्किंग में अपनी कार पार्क करने के लिए भी “कुख्यात” थे 🙂