हर साल फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व आता है, वैसे तो पूरे साल की प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शंकर को समर्पित मास शिवरात्रि का व्रत किया जाता है लेकिन सालभर में एक बार की जाने वाली फाल्गुन कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि का बहुत अधिक महत्व है।
इस दिन व्रत और पूजा करने से युवतियों को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। बताया जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की चार पहर की विशेष पूजा का महत्व है।
उत्तर भारत में इस दिन को फाल्गुन के महीने के रूप में माना जाता है, जबकि अंग्रेजी महीने में यह दिन फरवरी या मार्च के महीने में आता है।
आज इस पोस्ट में हम जानेंगे इस साल कब है शिवरात्रि और शुभ मुहूर्त। तो आइए जानते हैं।
महाशिवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, 8 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा का समय शाम के समय 06 बजकर 25 मिनट से 09 बजकर 28 मिनट तक है।
महाशिवरात्रि 2024 चार प्रहर मुहूर्त
- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 06 बजकर 25 मिनट से रात 09 बजकर 28 मिनट तक
- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – रात 09 बजकर 28 मिनट से 9 मार्च को रात 12 बजकर 31 मिनट तक
- रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – रात 12 बजकर 31 मिनट से प्रातः 03 बजकर 34 मिनट तक
- रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – प्रात: 03.34 से प्रात: 06:37
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा और व्रत रखने का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन ही भगवान शिव लिंग के स्वरूप में प्रकट हुए थे। इसके अलावा ऐसी भी मान्यता है कि इसी तिथि पर पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
महाशिवरात्रि पर अविवाहित कन्याएं पूरे दिन उपवास रखते हुए शिव आराधना में लीन रहती है और भगवान शिव से योग्य वर की प्राप्ति के लिए कामना करती हैं।
महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से सभी तरह के सुख और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। महाशिवरात्रि पर सुबह से ही शिव मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ जुटना प्रारंभ हो जाती है।
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महाशिवरात्रि पूजा का संकल्प
- महाशिवरात्रि व्रत इस वर्ष त्रयोदशी पर शुरू होगा। इस दिन सुबह उठकर स्नान करें, साफ कपड़े पहनें और पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें।
- शिव और देवी पार्वती की मूर्तियों को लकड़ी के तख्ते पर रखें और पंचामृत से स्नान कराएं।
- शिवलिंग को स्नान कराएं और बेल के पत्ते, भांग, धतूरा, फल और मिठाई चढ़ाएं।
- चंदन की माला से शिव की पूजा करें और मां पार्वती को कुमकुम चढ़ाएं।
- महाशिवरात्रि पर उपवास करने का संकल्प लें और मंदिर जाकर शिव को जल चढ़ाएं।