महात्मा गांधी जी को हम बापू के नाम से जानते हैं। उनका पूरा जीवन अपने आप में एक स्कूल की तरह है जिसे अपना कर आप अपने जीवन में नई ऊंचाइयां पा सकते हैं। गांधी जी ने अपने अनुभव पर कई किताबें लिखीं जो आज हमें जीवन की नई राह दिखाती हैं।
उनकी सोच हमें राह दिखाती है और उनके विचार आज भी उतने ही सार्थक हैं जितने कि वह तब थे। यदि उनके विचारों पर अमल किया जाए तो हम जीवन में कई तरह से आनंद पा सकते हैं।
ऐसे जिएं जैसे आपको कल मरना है, सीखें ऐसे कि आपको हमेशा जीवित रहना है
गांधी जी का यह विचार हमें लगातार सीखने की ओर प्रेरित करता है। कई बार हम यह सोचकर कुछ नया नहीं सीखते कि अब सीख कर क्या करना है। हमें जीना ही कितना है मगर गांधी जी के अनुसार सीखने की कोई उम्र नहीं होती जब जागो तब सवेरा।
जो समय बचाते हैं वे धन को बचाते। बचाया धन, कमाए धन के समान ही महत्वपूर्ण है
हममें से कई लोग हैं जो अक्सर यह कहते हैं कि क्या करें टाइम ही नहीं मिलता मगर भगवान ने सभी को 24 घंटे ही दिए हैं किसी को कम या ज्यादा नहीं तो फिर कोई और क्या कर सकता है तो हम क्यों नहीं। क्या हममें काबिलियत नहीं है।
कुछ अलग से करने की इच्छा नहीं है। इसका कारण टाइम मैनेजमैंट का न होना है। यदि हम लगातार अपना समय बचाएं, अपने समय को अनावश्यक रूप से व्यर्थ न करके उसका सदुपयोग करें तो हम अपने साथ-साथ दूसरों का जीवन भी संवार सकते हैं।
आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी
आज के समय हर कोई किसी दूसरे की तरक्की नहीं देख सकता। हर समय एक दूसरे की टांग खींचने पर लगे रहते हैं। यदि कोई व्यक्ति किसी की उन्नति में बाधा बनता है तो कोई दूसरा व्यक्ति उसकी उन्नति में बाधा बन जाता है।
जैसा हम दूसरे के लिए करते हैं वैसा ही हम अपने लिए पाते हैं इसलिए अपनी सोच को सदैव सकारात्मक रखें। बदला लेने की भावना अपने मन पर हावी न होने दें ताकि खुद भी तरक्की कर सकें और दूसरों की तरक्की पर हमें मलाल न हो। – प्रसन्नता ही एक मात्र ऐसा इत्र है जिसे आप दूसरे पर डालते हैं तो कुछ बूंद आप पर भी पड़ती है।
व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं उसके चरित्र से होती है
कई बार हम बाहरी आवरण को देख कर किसी की तरफ आकर्षित हो जाते हैं मगर जब हम उसके करीब जाते हैं तो हम सच्चाई से रू-ब-रू हो पाते हैं।
किसी व्यक्ति के कपड़ों से हम उसके व्यक्तित्व को नहीं समझ सकते।वह उसके व्यक्तित्वका आवरण मात्र है। उसका व्यक्तित्व उसके चरित्र से उजागर होता है।
आप जो कुछ भी करते हैं वह कम महत्वपूर्ण हो सकता है मगर सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप कुछ करें
कई बार किसी कार्य को करने से पहले ऐसे विचार हमारे दिमाग में चलते रहते हैं कि “वह जरूरी नहीं है” या “वह कम महत्वपूर्ण है”। ऐसे में हम उस कार्य को शुरू ही नहीं कर पाते।
यदि हम किसी कार्य को करेंगे ही नहीं तो कैसे पता चलेगा कि वह महत्वपूर्ण है या नहीं। कार्य महत्वपूर्ण है या नहीं यह जरूरी नहीं है कार्य का होना जरूरी है।
गांधी जयंती 2 अक्तूबर
गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था जिनका जन्म 2 अक्तूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। इस दिन को सारा देश गांधी जयंती के रूप में मनाता है। अहिंसा के पथ पर चल कर देश को अंग्रेजों की दास्ता से मुक्ति दिलाने वाले गांधी जी ने पूरी दुनिया को अपने विचारों से प्रभावित किया था। । अहिंसा केरास्ते पर चलने की बात गांधीजी |ने आजादी की लड़ाई में शामिल हर शख्स से कही थी। उन्होंने त्याग को अपने जीवन में सदा अपनाए रखा और सादगी भरे जीवन के साथ-साथ कम से कम चीजों से अपना जीवनयापन किया।
गांधी जी के तीन महत्वपूर्ण सूत्र
पहला : सामाजिक गंदगी को दूर करने के लिए झाड़ का सहारा।
दूसरा : सामूहिक प्रार्थना को बल देना जिससे एकजुट होकर व्यक्ति जात-पात और धर्म की बंदिशों को दरकिनार कर प्रार्थना करे।
तीसरा: चरखा जोआत्मनिर्भर और एकता का प्रतीक माना जाने लगा था।
हंसता हुआ चेहरा हर किसी को पसंद होता है। हर हंसने वाले चेहरे के साथ दुनिया हंसती है। यदि आप अपनी छवि को हमेशा अच्छा बनाए रखना चाहते हैं, सदैव प्रसन्न रहकर अपने आसपास का माहौल खुशनुमा बना सकते हैं।