आए दिन टीवी, रेडियो और अखबारों पर ‘जहाँ सोच वहाँ शौचालय’, ‘स्वच्छ भारत अभियान’ और ऐसे ही ढेरों विज्ञापन देखने को मिल जाते हैं. लेकिन हकीकत यह है कि देश के अधिकतर भागों में प्रशासन इस बारे में बेहद उदासीन और लापरवाह है. इसका उदाहरण है यह गाँव जहाँ एक भी शौचालय नहीं है और दो महीने से ज्यादा समय पहले दी गयी अर्जी पर कोई अमल नहीं हुआ जिससे परिणामस्वरूप एक होनहार बेटी को जान से हाथ धोना पड़ा.
आगरा के मैनपुरी में थाना बरनाहल क्षेत्र के गांव नौरंगाबाद निवासी छात्रा की सांप के डंसने के बाद मौत हो गई। छात्रा मंगलवार सुबह शौच के लिए खेतों की ओर गई थी। इसी दौरान सांप ने डंस लिया। लोगों का कहना है कि अगर घर में शौचालय होता तो शायद बिटिया की जान नहीं जाती।
खबर के मुताबिक बीए फाइनल की छात्रा जयललिता (18) पुत्री देवेंद्र सिंह नत्थू सिंह डिग्री कालेज में पढ़ रही थी। मंगलवार सुबह शौच के लिए वह खेतों की ओर गई. वापस लौटते समय रास्ते में उसे जहरीले सांप ने डंस लिया। कुछ ही देर में वह तड़पते हुए बेहोश हो गई। जयललिता को तुरंत सैफई के अस्तपाल ले जाया गया लेकिन देर हो चुकी थी।
पढाई में तेज और कुछ बनने का सपना रखने वाली जयललिता की मौत के बाद उसके घर में सन्नाटा पसरा हुआ है। जवान बेटी की मौत के गम ने पिता देवेंद्र को तोड़कर रख दिया है। उनका कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह इतना खर्च करके शौचालय का निर्माण करा सकें। मृतका चार भाई बहनों में तीसरे नंबर की थी।
दुःख से बेहाल पिता का कहना था कि दो महीने पहले उन्होंने शौचालय के लिए आवेदन किया था लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। गांव में कोई शौचालय नहीं है। कुछेक लोगों ने निजी खर्च से शौचालय निर्माण करा लिया है। मगर उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।
(मुख्य चित्र सांकेतिक है)