औसतन हर 1000 बच्चों पर 4 जुड़वाँ पैदा होते है. एशिया में यह औसत 4 से भी कम है। लेकिन भारत में एक ऐसा गाँव भी है जहाँ में हर हज़ार बच्चों पर 45 बच्चे जुड़वाँ पैदा होते हैं. हालांकि यह औसत विश्व में दूसरे नंबर पर है, लेकिन जुड़वाँ लोगों के मामले में यह एशिया में यह पहले नंबर पर है।
केरल के मलप्पुरम जिले में स्थित कोडिन्ही गाँव (Kodihni) को जुड़वों के गाँव (Twins Village) के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर वर्तमान में करीब 350 जुड़वा जोड़े रहते हैं जिनमें नवजात शिशु से लेकर 65 साल तक के बुजुर्ग शामिल है।
कोडिन्ही गाँव एक मुस्लिम बहुल गाँव है जिसकी आबादी करीब 2000 है। इस गाँव में घर, स्कूल, बाज़ार लगभग हर जगह हमशक्ल नज़र आते है।
इस गाँव में जुड़वाँ बच्चे पैदा होना आम बात है. इस गाँव में लगभग 3000 घरों में 740 के करीब जुड़वाँ बच्चे है और जुड़वाँ बच्चों की संख्या हर साल बढ़ रही है।
इस गाँव में 2008 में सर्वाधिक 300 बच्चों पर 15 जुड़वाँ बच्चे पैदा हुए जो कि अब तक एक साल में जन्मे सबसे अधिक जुड़वाँ बच्चे हैं। अब इस गाँव में 2 के बाद 3-3 बच्चे भी एक साथ पैदा होने लगे है। ऐसे तीन केस पिछले तीन सालों में देखे गये हैं।
लगभग 70 साल पहले हुई थी शुरुआत
इस गाँव के जुड़वाँ जोड़ो में सबसे उम्रदराज़ 65 साल के अब्दुल हमीद और उनकी जुड़वाँ बहन कुन्ही कदिया है। ऐसा माना जाता है इस गांव में तभी से जुड़वाँ बच्चे पैदा होने शुरू हुए थे। शुरू के सालों में इक्का दुक्का जुड़वां बच्चे पैदा होते थे लेकिन बाद में इसमें तेज़ी आई और अब तो बहुत ही ज्यादा संख्या में जुड़वाँ बच्चे पैदा हो रहे है. इसका अंदाजा आप इस तथ्य से लगा सकते हैं कि यहाँ के कुल जुड़वाँ लोगों में से आधे पिछले 10 सालों में पैदा हुए हैं।
केवल कोडिन्ही ही ऐसी एकमात्र जगह नहीं है जहाँ पर जुड़वाँ लोगों की भरमार है। संसार में ऐसी कई अन्य जगहें भी हैं। देखें नाइज़ीरिआ के इग्बो-ओरा
आखिर इस गाँव में ऐसा कौन सा अनोखा रहस्य है? आखिर वो कौन सा राज़ है जिसकी वजह से तीन पीढ़ियों से गाँव के हर घर में जुड़वाँ बच्चे पैदा हो रहे हैं? ज्यादा जानकारी के लिए देखिये नीचे दी गई विडियो।