Thursday, November 7, 2024
28.6 C
Chandigarh

जानिए सबसे पहले ‘साबुन’ कब बना

बिना साबुन के आप नहाने की कल्पना भी नहीं कर सकते। आज साबुन स्वच्छ रहने के लिए एक अनिवार्य वस्तु बन चुका है। सवाल यह है कि इसकी खोज कब की गई?

ऐतिहासिक तौर पर साबुन को लकड़ी की राख को चर्बी के साथ मिलाकर इसे उबाल कर बनाया गया। शुरू में इसका इस्तेमाल कपड़े धोने के लिए किया जाता था।

2800 और 600 बी.सी. तक बेबिलोनियन और फिनिशयंस ने साबुन बनाना शुरू किया। चर्बी को दो हिस्सों ग्लिसरीन और वसायुक्त एसिड में बांट कर ‘अलकली’ की प्रक्रिया की जाती है ताकि ‘अलकली’ में सोडियम और पोटाशियम को चर्बी या तेल के मिश्रण में मिलाया जा सके और फिर साबुन बनाया जा सके।

सदियों से साबुन को पोटाश और पर्ल लैश लाई के मिश्रण से बनाया गया था। दोनों ही पौधों में पाए जाने वाले पोटाशियम पर आधारित थे।

इसे बनाने का पहला प्रमाण पुरातन रोम में पाया गया वहां पर साबुन बनाने की फैक्टरी की खोज की गई। वहां के लोग नहाने और कपड़े धोने के लिए साबुन का इस्तेमाल करते थे।

आमतौर पर साबुन के निर्माण की जिम्मेदारी महिलाओं की थी। शुरू-शुरू में तरल साबुन का इस्तेमाल किया गया ताकि सख्त साबुन बनाया जा सके।

इसे बनाने की प्रक्रिया के अंत में नमक मिलाया जाता था। नमक की घरों और खेतों में सप्लाई की जाती थी।
इसी करण यह महंगा था। हालांकि कठोर साबुन को संरक्षित करके रखना और इधर से उधर ले जाना आसान था।

इसे अमरीका में बिक्री के लिए भेजा गया। आज वर्तमान में साबुन को कास्टिक सोडे से बनाया जाता है। 1971 में निकोलस लैबलेन ने नमक में से सोडा राख बनाने की खोज की।

पंजाब केसरी से साभार

यह भी पढ़ें :-

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR