सर्दी का मौसम हो या गर्मी का, ठंडी-ठंडी आइसक्रीम खाना हम सबको अच्छा लगता है| आइये आज हम आपको बताने जा रहे कि कब और कैसे हुई आईसक्रीम की खोज| सर्वप्रथम ईसा पूर्व 618 से 97 के बीच चीन में आईसक्रीम जैसी कोई चीज खाई जाती थी। शांग के राजा टांग के पास 94 ‘आईसमैन’ (आईस क्रीम जैसी चीज बनाने वाले) थे। जो भैंस के दूध, आटे और कपूर से एक आईस क्रीम जैसी चीज़ बनाते थे।
ईसा से 200 साल पूर्व चीन में ही एक तरह की आईस क्रीम का आविष्कार हुआ था, जब दूध और चावल का एक मिश्रण बर्फ में पैक करने से ही जम गया था। माना जाता है, कि रोमन सम्राट पहाड़ की चोटी से ताजा बर्फ लाने के लिए गुलाम भेजते थे, जिसे स्वादिष्ट बना कर परोसा जाता था, जिसे एक तरह की आईस क्रीम भी कहा जा सकता है।
खोजी मार्को पोलो (1254-1324) ने चीन की यात्रा के दौरान आईस क्रीम बनती देखी और सबसे पहले इटली के लोगों को इससे परिचित करवाया। सन् 1533 में इटली की राजकुमारी का विवाह फ्रांस के राजा हैनरी द्वितीय के साथ हुआ था। वह अपने साथ कुछ इतालवी कुक भी ले आई थी, जो जायकेदार बर्फ की रेसिपी बनाना जानते थे।
1660 में पैरिस के एक कैफे ने दूध, क्रीम, मक्खन और अंडे को फेंट कर आईस क्रीम बनाने की रेसिपी को प्रचारित किया था।सन् 1671 में पहली बार ब्रिटेन के शासक चार्ल्स द्वितीय के पास आईस क्रीम पहुंची। वह इससे इतने प्रभावित हुए, कि आईस क्रीम बनाने वाले अपने कुक को इसकी रैसिपी गुप्त रखने के लिए हर महीने 500 पाऊंड देते थे।
सन् 1744 में ऑक्सफोर्ड इंगलिश डिक्शनरी में पहली बार आईसक्रीम शब्द प्रकाशित हुआ।अमेरिका में क्वेकर मूवमैंट के लोग आइस क्रीम लेकर आए जो इंगलैंड से आकर वहां बस गए थे। बाल्टीमोर के दूध के व्यापारी जैकब फसेल ने बड़े पैमाने पर आईस क्रीम का उत्पादन करना शुरू किया था| जिससे आईसक्रीम आम आदमी तक पहुंच गई।
आईसक्रीम सनडे (फलमिश्रित आईस क्रीम) का आविष्कार 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में तब हुआ, जब अमेरिकी शहर इवनस्टोन में संडे यानी रविवार के दिन आईस क्रीम सोडा बेचने पर पाबंदी लग गई थी। इस पाबंदी से बचने के लिए कुछ व्यापारियों ने सोडा को सिरप में बदल दिया, और इस मिष्ठान का नाम संडे के दिन पर’ आईसक्रीम संडे’ रख दिया गया था ।
20वीं सदी के मध्य में रेफ्रीजरेशन तकनीक के विकास से आईस क्रीम की लोकप्रियता और भी बढ़ गई।
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