केरल में कोल्लम जिले के ‘चादयमंगलम‘ गांव में 4 जुलाई, 2018 को खोला गया ‘जटायु नेचर पार्क‘ खूबसूरत वादियों में 65 एकड़ में फैला हुआ है। यहां से आप पहाड़ों के मनोरम दृश्य देख सकते हैं।
यहां स्थापित पौराणिक पक्षी ‘जटायु’ की 200 फुट लंबी, 150 फुट चौड़ी और 70 फुट ऊंची मूर्ति भारत में सबसे बड़ी मूर्तियों में से एक होने के अलावा दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी प्रतिमा भी है।
रामायण में जिक्र है कि रावण जब सीता माता को लंका ले जाने का प्रयास कर रहा था, तब जटायु ने उन्हें बचाने की कोशिश की। जटायु ने रावण का साहसपूर्वक मुकाबला किया लेकिन जटायु के बहुत बूढ़ा होने के कारण रावण ने जल्द ही उन्हें हरा दिया।
रावण ने जटायु के पंख काट दिए थे, जिससे वह ‘चादयमंगलम‘ में चट्टानों पर जा गिरे। श्री राम और लक्ष्मण जब सीता माता की खोज के दौरान मरणासन्न जटायु से मिले तो उन्होंने ही उन्हें रावण के सीता को ले जाने की सूचना दी और बताया कि वह दक्षिण की ओर गया था।
जटायु की मूर्ति उसी पहाड़ी की चोटी पर विराजमान है, जहां उन्होंने श्री राम तथा लक्ष्मण को सूचना देने के बाद अंतिम सांस ली थी। यह विशाल प्रतिमा एक किंवदंती का प्रतिनिधित्व करती है और महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान तथा सुरक्षा की प्रतीक है।
इसे प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और मूर्तिकार राजीव आंचल ने डिजाइन किया जो गुरुचंद्रिका बिल्डर्स एंड प्रॉपर्टी प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भी हैं। यह नेचर पार्क उनका ही विचार था ।
जटायु के आकार की इमारत में है 6 डी थिएटर
इस इमारत में ऑडियो-विजुअल आधारित डिजिटल म्यूजियम व 6डी थिएटर है, जो रामायण के बारे में बताता है। पर्यटक मूर्ति के अंदर से समुद्र तल से 1,000 फुट ऊपर से खूबसूरत नजारे का भी अनुभव ले सकते हैं।
इस मूर्ति को बनाने में 7 साल लगे हैं। कंक्रीट के ढांचे को स्टोन फिनिश दिया गया है। इस इमारत को बनाने में काफी मुश्किलें आईं क्योंकि सभी सामग्रियों को पहाड़ की चोटी पर ले जाना बेहद मुश्किल था ।
एडवेंचर जोन और करीब 20 गेम्स
जटायु नेचर पार्क में एक एडवेंचर सैक्शन भी है। पेंट बॉल, लेजर टैग, तीरंदाजी, राइफल शूटिंग, रॉक क्लाइम्बिंग और बोल्डरिंग जैसी गतिविधियों के लिए यहां कई विकल्प उपलब्ध हैं। पार्क में एक अनूठा आयुर्वेदिक गुफा रिजॉर्ट भी है। यहां आपको मनोरंजन से लेकर रोमांच और आराम तक सब कुछ मिलेगा।
अत्याधुनिक केबल कार
इस नेचर पार्क में यात्रियों के लिए एक अत्याधुनिक रोप-वे की भी सुविधा है। रोपवे पर धीरे-धीरे 1000 फुट की चढ़ाई एक शानदार अनुभव है, जहां से मंत्रमुग्ध कर देने वाले नजारे दिखाई देते हैं।
जटायु-राम मंदिर
जटायु प्रतिमा के पास ही एक जटायु-राम मंदिर भी बनाया गया है। यहां करीब ही एक जगह पर पैरों के निशान हैं। मान्यता है कि ये निशान श्री राम के पैरों के हैं।
कैसे पहुंचें
कोल्लम जिला रेल तथा हवाई मार्ग से देश भर से जुड़ा शहर से पार्क तक पहुंचने के लिए बस तथा टैक्सी आदि ली जी सकती है। आगंतुकों को पार्क के शीर्ष तक पहुंचने के लिए केबल कार का इस्तेमाल करना पड़ता है। पार्क में प्रवेश करने के लिए टिकट लेना भी आवश्यक है।
पंजाब केसरी से साभार