1 मार्च से 8 मार्च 2020 को महिला दिवस के सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा हैं। यह सप्ताह समारोह ,शिक्षा ,जागरूकता और लिंग मुद्दों पर आधारित है। आज के आधुनिक युग में जहाँ महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कधां मिलाकर चल रही है, वहीँ पुरुषों की सोच भी महिलाओं के प्रति बदल रही है। अब महिलाएं घर तक सिमित नहीं रही बल्कि प्लेन ,ट्रैन, कारों तक को चला रही है। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह में अलग अगल क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु महिलाओं को सम्मानित किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को प्रतिवर्ष पूरे इतिहास और राष्ट्रों में महिलाओं की उपलब्धिओं का जश्न मनाने के लिए आयोजित किया जाता है। महिला दिवस को महिला अधिकारों और अंतर्राष्ट्रीय शान्ति के लिए सयुंक्त राष्ट्र (यू एन ) दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
अलग अलग देशों में इस दिन को विभिन्न तरीकों से आयोजित किया जाता है। कुछ देशों में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को सर्वाजनिक छुट्टी होती है। कई देशों में कई व्यवसाय ,सरकारी कार्यलय शैक्षणिक संस्थान बंद रहते है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2020 के लिए थीम (पीढ़ी समानता)
इस साल इंटरनेशनल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का थीम पीढ़ी समानता हैं। 2020 दुनियाभर में लैंगिंक समानता को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है। इस इंटरनेट के ज़माने में महिलाओं को नई जानकारीयां, उनके अधिकारों के बारे में पता चल रहा हैं। अब महिलाओं को भी हर ज्ञान घर बैठ कर मिल रहा है। आज महिला और पुरुष एक समान है और साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसलिए अब कोई छोटा या बड़ा नहीं रहा है। 2020 का वर्ष एक नई सोच का वर्ष है जिसमें सबकी तरकी सबका विकास साथ मिलकर होगा।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के लिए रंग
बैंगनी रंग को अंतर्राष्ट्रीय रंग के रूप में महिलाओं के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त है। जबकि हरे, बैंगनी और सफेद रंगो का संगम महिलाओं की समानता का प्रतिनिधित्व करने के लिए है। कुछ लोग बैंगनी रिबन पहनकर इस दिन का जश्न मनाते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह का महत्व
इस दिन को मनाने का मुख्य उदेश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना था। ताकि वे अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाये। यह दिन महिलाओं के प्रति सम्मान , प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए शैक्षणिक आर्थिक ,राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। पूरी दुनिया में महिलाओं से संबधित विषयों पर चर्चा की जाती है समाधान खोजे जाते है और संकल्प लिए जाते हैं ।
अंतर्राष्ट्राय महिला दिवस महिला जागरूकता सशक्तिकरण का आयोजन है। जागरूकता और जानकारी महिला और पुरुषों में भेदभाव मिटाने के सबसे बड़े हथियार हैं।
1857 में न्यूर्याक शहर में पोशाक बनाने वाले एक कारखाने में काम करने वाली महिलाओं ने अपने समान अधिकारों , काम करने की अवधि में कमी , कार्य अवस्था में सुधार की मांग करते हुए जुलुस निकालकर सड़कों पर उतर आई थी।
सन 1910 में महिलाओं की समस्याओं के समाधान हेतु बीजिंग में एक विश्व सभा बुलाई गई थी। उसी दिन की स्मृति में 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है।
शिक्षा पाकर लड़कियां आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनेगीं तो आर्थिक आजादी के साथ ही समानता की भावना भी पनपेगी। समय के साथ साथ महिलाओं की स्थिति भी पहले से अच्छी हुई है। अब महिलाएं अपनी पेशेवर जिंदगी (सामाजिक ,आर्थिक ,राजनीतिक ) को लेकर अधिक जागरूक हैं। अब महिलाएं पुरुषों से आगे निकल रही है। भारत की नारी भी अब अपने पुरुष मित्रों के साथ काम करते हुए आगे बढ़ रही है और दुनिया में अपनी पहचान बना रही है। दुनिया की बहुत सी महिलाएं है जो कई कंपनियों, हॉस्पिटलों और होटलों को चला रही है और दुनियां की अमीर महिलाओं में भी उनका नाम शामिल है। उदाहरण के लिए फ्रांस्वा बेटनकोट ,एलिस वॉल्ट्न जैकलीन मार्स ,सुषैन क्लैटन यांग हुइयाआन जो सबसे अमीर महिलाओं मे गिनी जाती है। 8 मार्च को ऐसी ही महिलाओं को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने इस दुनिया में अपने कामों से अपनी एक अलग पहचान बनाई हो।