Sunday, December 22, 2024
19.7 C
Chandigarh

Google ने भारत की पहली महिला विधायक मुथुलक्ष्मी रेड्डी पर बनाया डूडल

Google भारत की पहली महिला विधायक डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी के 133वीं जयंती को एक खास Doodle के साथ सेलिब्रेट कर रहा है। डॉ. रेड्डी एक शिक्षक, सर्जन और समाज सुधारक थीं। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सुधार में लगाया। उन्हें देश की पहली महिला विधायक होने का गौरव प्राप्त है। वह एक ऐसी महिला थीं, जिन्होंने अपने समय जो किया, वह किसी महिला के लिए करना असंभव था। आइए आज जानते हैं डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी के बारे में कुछ बातें।

कौन थीं मुथुलक्ष्मी

उनका जन्म 30 जुलाई 1886 में तमिलनाडु (तब मद्रास) में हुआ था। मुथुलक्ष्मी को भी बचपन से ही पढ़ने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मुथु के पिता एस नारायण स्वामी चेन्नई के महाराजा कॉलेज के प्रिंसिपल थे। मुथु की मां चंद्रामाई ने समाज के तानों के बावजूद उन्हें पढ़ने के लिए भेजा। उन्होंने भी मां-बाप को निराश नहीं किया और देश की पहली महिला डॉक्टर बनीं।

डॉ. रेड्डी को सामाजिक असमानता, लिंग आधारित असमानता और लोगों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के प्रयासों के लिए भी जाना जाता हैं। वह 1912 में देश की पहली महिला डॉक्टर बनी और मद्रास के सरकारी मातृत्व अस्पताल में पहली महिला सर्जन बनीं।

कम उम्र में होने वाली थी शादी

माता-पिता उनकी शादी छोटी उम्र में ही कर देना चाहते थे, लेकिन डॉ. रेड्डी ने इसका विरोध करते हुए पढ़ाई पूरी करने की बात कही। शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए मद्रास मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया। इस कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाली पहली महिला छात्र भी डॉ. रेड्डी ही थीं। यही वह कॉलेज था, जहां उनकी दोस्ती एनी बेसेंट और सरोजिनी नायडू से हुई।

कैंसर अस्पताल की शुरुआत

डॉ. रेड्डी को अपनी बहन की कैंसर से हुई मृत्यु का गहरा सदमा लगा था। इसके बाद उन्होंने साल 1954 में चेन्नई में अद्यार कैंसर इंस्टिट्यूट की शुरुआत की। यह कैंसर अस्पताल अभी भी दुनिया के सबसे सम्मानित कैंसर अस्पतालों में से एक है। यहां हर साल 80,000 से ज़्यादा कैंसर पीड़ितों का इलाज किया जाता है।

किया राजनीति का रुख

कुछ ही सालों में डॉ. रेड्डी ने मेडिकल करियर को छोड़ राजनीति का रुख किया। मद्रास विधानसभा की पहली महिला सदस्य बनने के बाद उन्होंने कम आयु में लड़कियों की शादी रोकने के लिए नियम बनाए। साथ ही उन्होंने समाज में महिलाओं के शोषण के खिलाफ भी अपनी आवाज को बुलंद किया।

पद्म भूषण से सम्मानित

साल 1956 में उन्हें देश की सेवा करने के लिए भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया। समाज की बेहतरी के लिए अपने जीवन को समर्पित करने वाली डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी का 22 जुलाई सन् 1968 को चेन्नई में निधन हो गया था। तमिलनाडु में हर साल उनकी याद में 30 जुलाई को अस्पताल दिवस मनाया जाता है।

यह भी पढ़ें :-

Related Articles

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

15,988FansLike
0FollowersFollow
110FollowersFollow
- Advertisement -

MOST POPULAR