जर्मन मूल के अमरीकी वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन जीनियस थे। सन 1955 में उनकी मृत्यु के बाद से ही अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय रहा है। आखिर आइंस्टीन के दिमाग में आखिर ऐसा क्या था कि जिसके चलते आइंस्टीन ने भौतिक विज्ञान की असाधारण खोजें कीं।
कुछ साल पहले हुए एक शोध में पता चला है कि आइंस्टीन के दिमाग का Cerebral Cortex नाम का हिस्सा एक औसत इंसान के मुकाबले में आश्चर्यजनक रूप से भिन्न था। Cerebral Cortex यानि प्रमस्तिष्क प्रांतस्था मानव के दिमाग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जो सबसे जटिल दिमागी प्रक्रियाओं के लिए जिम्मेवार माना जाता है।
स्मरण-शक्ति, कार्य-योजना बनाना, चिंता और तनाव, भविष्य की योजनाएं बनाना, कल्पना करना आदि कार्यों के लिए दिमाग का यही हिस्सा जिम्मेवार है। यह भाग असाधारण और अजीबो-गरीब ढंग से निर्मित और विकसित होता है और दिमाग की सतह पर न्यूरॉन्स के संयोजन के लिए जिम्मेवार होता है। शोध करने वाले विज्ञानियों ने पाया कि आइंस्टीन का दिमाग इस संयोजन के लिहाज से बहुत अधिक जटिल था।
कहाँ है अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग?
अल्बर्ट आइंस्टीन का दिमाग 46 टुकड़ों के रूप में अमेरिका के एक संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है। आइंस्टीन के दिमाग के यह काफी पतले टुकडे मूल रूप से डॉ। थॉमस हार्वे के पास सुरक्षित थे जिन्होंने वर्ष 1955 में महान वैज्ञानिक के निधन के बाद उनका पोस्टमार्टम किया था।
डॉ. हार्वे ने सामान्य जांच के लिए ये टुकड़े लिए थे लेकिन उन्होंने इन टुकड़ों को जांच के बाद नहीं लौटाया। मिथक है कि उन्होंने इसे चुराया लेकिन यह सच नहीं है।
डॉ. हार्वे के बाद आंइस्टीन के दिमाग के ये टुकड़े कई हाथों से होते हुए लूसी लूसी रोर्के एडम्स के पास पहुंचे। लूसी ने ही इन टुकड़ों को फिलाडेल्फिया के मुएटर म्यूजियम एंड हिस्टोरिकल मेडिकल लाइब्रेरी संग्रहालय को दान करने का निर्णय लिया। वहां जार में रखे आइंस्टीन के दिमाग को लोग देख सकते हैं।