एशिया का 500 साल पुराना बाज़ार, जिसे महिलाएं चला रही हैं

भारत के पूर्वोत्तर में स्थित मणिपुर राज्य की राजधानी इम्फ़ाल से 29 किलोमीटर की दूरी पर एक ऐसा बाज़ार लगता है, जो कई ऐतिहासिक घटनाओं के

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य…

संयुक्त राज्य अमेरिका के 45 वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक अमेरिकी व्यवसायी, टेलीविजन व्यक्तित्व, लेखक और निश्चित रूप से एक राजनीतिज्ञ हैं। आइये डोनाल्ड ट्रम्प के बारे कुछ रोचक जानकारी और तथ्य सांझा करते हैं।

  • डोनाल्ड ट्रंप एक अमीर खानदान से ताल्लुक रखते हैं. 1975 डोनाल्ड ट्रंप के पिता ने लगभग 1 करोड़ डॉलर उधार लेकर अपनी कंपनी शुरू की थी. आज इस कंपनी का नेट वर्थ लगभग 1000 करोड़ डॉलर हैं.
  • डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में शामिल हैं.
  • अमेरिका में 63 साल बाद कोई गैर राजनैतिक व्यक्ति राष्ट्रपति बना है. इससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक बात यह है कि ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव से सिर्फ डेढ़ साल पहले राजनीति में आए थे.
  • अमेरिका के राजनीतिक इतिहास में ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिनके कसीनो और होटल हैं.
  • अमेरिका के इतिहास में 70 वर्षीय डोनाल्ड ट्रंप सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति हैं. इससे पहले रिकॉर्ड रोनाल्ड रीगन 1981 से लेकर 1989 तक अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे. रीगन उस समय 69 साल में राष्ट्रपति बने थे.
  • डोनाल्ड ट्रंप ने तीन शादियां की है. डोनाल्ड ट्रंप ने पहली शादी 1977 में, दूसरी 1993 में और तीसरी 2005 में की. ट्रंप की तीनों पत्नियों से कुल पांच बच्चे हैं जिनमें तीन बेटे और दो बेटियां हैं.donald-trump-family
  • डोनाल्ड ट्रंप का दावा है कि वो सिर्फ 4 घण्टे ही सोते है. साल 1990 में ट्रंप पर 97 करोड़ डॉलर का कर्ज़ था. घाटे की वजह से उन्होंने 3 बार दिवालिया होने की अर्जी दायर की थी.
  • ट्रंप महिलाओं पर भद्दे कमेंट को लेकर काफी बदनाम हो चुके हैं. 2006 मेंडोनाल्ड ट्रंप की एक वीडियो के अनुसार, उन्होंने कहा कि “वो बहुत ही अमीर और शक्तिशाली व्यक्ति है और किसी भी महिला से कुछ भी कर सकते है”.
  • ट्रंप के दफ्तर में सोने की परत चढ़े पर्दे लगे हुए है और उनके घर करीब 213 एकड़ जमीन में फैला हुआ है. ट्रंप के पास खुद का एक प्लेन है जिसकी कीमत 10 करोड़ डॉलर (करीब 660 करोड़) हैं.
  • ट्रंप मुस्लिमों पर कमेंट को लेकर काफी विवादों में रहे है. ट्रंप ने कहा था कि यदि वो राष्ट्रपति बनते है तो मुस्लिमों के अमेरिका आने पर बैन लगा देंगे और अमेरिका की हर मस्जिद की निगरानी करवाएंगे.

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रोने से होने वाले बड़े फायदे !

दुर्भाग्य से हमारी सभी भावनाएं एक समान नहीं होती। ऐसा ज्यादातर देखा गया है कि हंसने वाले लोगों को सफल समझा जाता है और हमें यह भी सिखाया जाता है कि ज्यादा हंसने से आपके अधिक मित्र बनेंगे और ज्यादा लोग आपको पसंद करेंगे। जबकि उदासी को भावनाओं से पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया गया।

अगर कोई उदास होकर रोने लगता है तो उसे कमजोर और असुरक्षित समझा जाता है। लेकिन असल में जो लोग रोने में कोई शर्म महसूस नहीं करते वह मानसिक रूप से मजबूत होते हैं। यह हैं 5 कारण जो दर्शाते हैं कि ज्यादा रोने वाले लोग असल में मानसिक रूप में मजबूत होते हैं।

ज्यादा रोने वाले लोग अपनी भावनाओं को दूसरों के सामने लाने से नहीं डरते

अगर आप को किसी बात की ख़ुशी हो रही है, तो आप जोर-जोर से हंसते हैं। आपके हंसने की वजह ख़ुशी हो सकती है लेकिन अगर आप उदास हैं तो आप रोने से क्यों शर्माते हैं ? लोग जो अपनी उदासी की अनदेखी करते हैं असल में वह अपने आप को धोखा दे रहे होते हैं। उदास होना या रोने का यह अर्थ नहीं है कि आप कमज़ोर हैं।

ज्यादा रोने वाले लोगों को पता होता है कि रोने के भी चिकित्सक गुण होते हैं

रोने से आपका शरीर चिंता, दुख और निराशा से आजाद हो जाता है। रोने से आपकी आत्मा की सफाई, मन समर्द्ध हो जाता है और आप में नकरात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है। अगर आप बहुत ज्यादा दुखी हैं लेकिन आप रो नहीं रहे तो नकरात्मक ऊर्जा आपके अंदर ही रहेगी। जो आपको मानसिक और शरीरक रूप से बुरी तरह प्रभावित करेगी।

रोना एक उपचारात्मक क्रिया है

हाल ही में मनोवैज्ञानिक अध्ययन में सामने आया है कि रोना एक बहुत ही उपचारात्मक क्रिया है। रोने से हमारे दिमाग में एंडोर्फिन (endorphin) में संतुलन बना रहता है। रोने को प्राकृतिक दर्द दूर (Natural Pain Killer) करने वाली प्रक्रिया भी कहा जाता है।

ज्यादा रोने वाले लोग समाजिक उम्मीद की प्रवाह नहीं करते

ज्यादातर लोग समाज के डर से सभी के सामने नहीं रोते। हमारे समाज में अगर औरत रो रही है तो उसे अस्थिर, मजबूर माना जाता है अगर आदमी रो रहा हो तो उसे कमज़ोर या डरपोक माना जाता है। इसी वजह से कई लोग अपने दुख को अपने अंदर तक छुपा लेते हैं। असल में जो लोग समाज के सामने रोने से नहीं डरते वह मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं।

ज्यादा रोने वाले लोग दूसरों को रोने के लिए प्रोत्साहित करते हैं

जब हम दूसरों के सामने दुखी होकर रोने लगते हैं तो उस समय हम दूसरों को भी रोने के लिए प्रोत्साहित कर रहे होते हैं। आपके द्वारा अपनी भावनाओं को अपने ही अंदर दबा देना आपके लिए बहुत ही खतरनाक हो सकता है। जब हम अपने शरीर के प्रति ईमानदार होते हैं तो हमारा शरीर भी अपनी अधिकतम क्षमता से काम करता है।

स्वर्ण मंदिर के बारे में कुछ रोचक बातें..

स्वर्ण मंदिर सिखों का एक पवित्र धार्मिक मंदिर है. स्वर्ण मंदिर को “हरमंदिर साहिब” और “अथ सत तीर्थ” नाम से भी जाना जाता है. स्वर्ण मंदिर दुनिया के सबसे आकर्षित स्थानों में से हैं. इस मंदिर की सुंदरता सभी के मन को लुभाती है और यहां हर दिन हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं. आइये जानें स्वर्ण मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में…
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  • सिख धर्म का सबसे पवित्र ग्रन्थ “गुरु ग्रंथ” साहिब सबसे पहले हरमंदिर साहिब में ही स्थापित किया गया था.
  • जिस जगह पर स्वर्ण मंदिर बना है उस जगह पर पहले सिखों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी ने ध्यान किया था. हरमंदिर साहिब की स्थापना सिख धर्म के पांचवें गुरु अर्जुन देव जी ने की थी.
  • महाराजा रणजीत सिंह, 19वी सदी में पंजाब के राजा थे और उनके कार्यकाल में ही स्वर्ण मंदिर का नवीनीकरण हुआ था.
  • हरमंदिर साहिब को जब शुरू में बनाया गया तो इसमें सोने की पॉलिश नहीं की गई थी.
  • हरमंदिर साहिब में लगने वाले लंगर में प्रतिदिन लगभग 35000 लोग खाना खाते हैं. सारा खाना भक्तों द्वारा दान किया जाता है. इस मंदिर की लंगर सेवा भी दुनिया की सबसे बड़ी सेवा है,
  • हरमंदिर साहिब के पहले पुजारी बाबा बुड्ढा जी थे.
  • हरमंदिर साहिब में प्रवेश करने के लिए चार रास्ते हैं. स्वर्ण मंदिर में बने चार मुख्य रास्तों का मतलब कोई भी व्यक्ति, किसी भी धर्म, समुदाय का इंसान उस मंदिर में आ सकता है.
  • हरमंदिर साहिब में सिख धर्म की प्राचीन ऐतिहासिक वस्तुओं का प्रदर्शन भी किया गया है, जिन्हें देखने प्रतिदिन देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु यहाँ आते हैं.
  • सिखों का मुख्य उत्सव बैसाखी, गुरु राम दास का जन्मदिन, गुरू तेग़ बहादुर का मृत्युदिन, गुरु नानक देव जी का जन्मदिन इत्यादि शामिल हैं.

जुगाड़ में हमारा कोई जबाव नहीं!

जुगाड़ हम भारतीयों की खासियत है. जहाँ कुछ और न चले वहां जुगाड़ चलता है। ‘जुगाड़’ एक ऐसा शब्द है जो जरुरत आने पर सभी के दिमाग में सबसे पहले आता है। वास्तव में हम सभी जुगाड़ी ही हैं जो अपना काम निपटाने के लिए कोई न कोई रास्ता यानि जुगाड़ निकाल ही लेते हैं चाहे लोग उस पर हंस-हंस कर लोटपोट क्यों ना हो जाएँ।

आज हम आपको कुछ ऐसी जुगाड़ की तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं, जिन्हें देखकर आपकी हंसी नहीं रुकेगी। ये कारनामे इतने दिलचस्प हैं कि आप इन्हें कम से कम एक बार तो जरुर देखना चाहेंगे।

चित्र 1- इंडियन हाई-टेक खेती. चित्र 2- माल्स(मील्स) ओन व्हील्स

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मोटर साइकिल टुल्लू पंप

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मिल्क फॉर आयरन मैन

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साइकिल और मोटरसाइकिल का संगम

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प्लेबॉय की हाई सिक्योरिटी कार

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सौर उर्जा चलित फोन बैटरी की छावं में

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मोटर साइकिल मैन का साइकिल-अवतार

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ऐसा जुगाड़ पहले देखा है क्या अपने

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जुताई करने के लिए देसी जुगाड़

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रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

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भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) देश के बैंकिंग सिस्टम को रेगुलेट करता है. 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना की गई थी. आरबीआई, करेंसी सिस्टम को भी ऑपरेट करता है. आइए जानें भारतीय रिज़र्व बैंक के बारें में कुछ रोचक तथ्य…….

  • भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल 1935 को हुई थी.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक का केन्द्रीय कार्यालय शुरुआत में कोलकाता में स्थापित किया गया था लेकिन  1937 में बदल कर इसे कोलकाता से मुंबई स्थानान्तरित कर दिया गया.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक भारत में सभी बैंकों का संचालन करता है और भारत की अर्थव्यवस्था को भी नियन्त्रित करता है.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक सिर्फ करंसी नोटों को ही छापता है. जबकि, सिक्‍कों को बनाने का काम भारत सरकार द्वारा किया जाता है.
  • भारत के अलावा रिज़र्व बैंक, दो अन्‍य देशों में भी सेंट्रल बैंक के रूप में अपनी भूमिका निभा चुका हैं आरबीआई ने जुलाई 1948 तक पाकिस्‍तान और अप्रैल 1947 तक म्‍यांमार (वर्मा) में सेंट्रल बैंक के रूप में काम किया.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक के चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में चार आंचलिक कार्यालय (Zonal Office) है. इसके अलावा 19 क्षेत्रीय कार्यालय (Regional office) और 10 उप-कार्यालय (Sub-Office)  है.
  • भारत में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है, लेकिन रिज़र्व बैंक का वित्तीय वर्ष 1 जुलाई से 30 जून तक होता है.
  • केजे उडेशी भारतीय रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की पहली महिला डिप्टी गवर्नर, 2003 में बनी थी.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक का कामकाज केन्द्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित होता है. केन्द्रीय निदेशक बोर्ड की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है. केन्द्रीय निदेशक बोर्ड की नियुक्ति चार सालों के लिए की जाती हैं.
  • रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक निजी संस्था थी जिसकी स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी. लेकिन अब रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक सरकारी संस्था है जिसका राष्ट्रीयकरण 1949 में किया गया था.

फुटबॉल से जुड़े कुछ रोचक तथ्य!!

फुटबॉल दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है. दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल फुटबॉल को पहले एसोसिएशन फुटबॉल के नाम से जाना जाता था लेकिन आज फुटबॉल के करोड़ों फैन्स हैं. लेकिन कुछ देशों में आज भी फुटबॉल को सौकर के नाम से जाना जाता हैं. फुटबॉल दुनिया में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला खेल है. हम आपको फुटबॉल के कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में आपको शायद ही पता होगा….

  • फुटबॉल के सबसे पहले क्लब की स्थापना 1857 में नथानिएल और मेजर विलियम ने की थी. जिसका नाम शेफील्ड फुटबॉल क्लब (sheffield football club) है.
  • फ्रांस के स्टीफन स्टाइन के नाम एक मैच में सबसे ज्यादा बार गोल करने का रिकॉर्ड दर्ज है उन्होंने 1942 में रेसिंग क्लब के लिए 16 गोल किये थे.
  • फुटबॉल की सबसे लोकप्रिय प्रतियोगिता फीफा वर्ल्ड कप है जो हर चौथे साल आयोजित किया जाता है.
  • अमेरिका और कैनेडियन देशों में फुटबॉल को सॉकर के नाम से जाना जाता हैं.
  • 2 मई 1964 को पेरू (दक्षिण अमेरिका) में हुए आयोजित फुटबॉल मैच के दौरान हुए दंगे में लगभग 300 लोगों की मौत हो गई थी. यह खेलों की दुनिया में अब तक की सबसे बड़ी दुर्घटना हैं.
  • हार्टलेपूल यूनाइटे के ली टोड के नाम फुटबॉल के इतिहास में सबसे जल्दी रेड कार्ड मिलने का रिकॉर्ड है.
  • ब्राजील के महान फुटबॉल खिलाड़ी पेले 17 साल की उम्र में फुटबॉल वर्ल्ड कप जीतने वाले सबसे छोटे खिलाडी हैं. वहीं डीने जौफ 40 साल की उम्र में फुटबॉल वर्ल्ड कप जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाडी हैं.
  •  विश्व की 80% से ज्या्दा फुटबॉल, पाकिस्तान में ही बनाई जाती हैं.
  • फुटबॉल के इतिहास में चिली के कार्लोस कजली पहले ऐसे फुटबॉल खिलाडी थे, जिन्हें 1974 के वर्ल्डकप में रेड कार्ड मिला था.

OMG: क्या अपने देखी है कभी ऐसी नदियाँ, जहाँ पानी नही रेत बहता हैं

प्रकृति बहुत सुंदर और अदभुत है. इसके रंग निराले है. कभी-कभी प्रकृति ऐसे दृश्यों, संयोगों या घटनायों का निर्माण करती हैं जो हमें हैरत में डाल देते हैं और सोचने को मजबूर कर देते हैं कि क्या यह वास्तव में हैं या कोई सपना है. आज हम ऐसी एक घटना लेकर आए है जहां अचानक रेत की नदी बहने लगी है.

https://www.youtube.com/watch?v=vpkDsnsk30o

जी हाँ हम बात कर रहे है इराक के रेगिस्तानी इलाकों की. यह वीडियो उस समय की है जब रेगिस्तानी इलाकों में भारी बारिश और ओले गिरे थे. दरसल रेगिस्तानी इलाकों में ऐसी घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं. लेकिन ऐसी नदियों को बहुत कम लोग ही देख पाते हैं. क्योंकि ऐसी नदी या तो बहुत कम समय के लिए बनती हैं या तो बहुत ही छोटी होती है. ऐसा माना जाता है कि ऐसी रेतीली नदियाँ लगभग आधे घंटा या एक घंटे तक ही बहती है.

डिजिटल उपकरणों से इन 10 उपायों से बचाएं अपनी आँखों को

आजकल ज्यादातर लोग अपना समय लैपटॉप, टेबलेट्स और मोबाइल फ़ोनों पर गुजारते हैं. लेकिन उनको यह पता नहीं होता कि डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल से उनकी आँखों पर कितना बुरा असर पड़ता है. अगर आप अपनी आँखों को इन उपकरणों से होने वाले बुरे असर से बचाना चाहते हो तो यह 10 उपाय आपके लिए मददगार सिद्ध होंगे.

आँखों के व्यायाम करें

अगर आप अपनी आँखों को लगातार डिजिटल उपकरण पर चिपकाए रखते हैं या बिना पलक झपके एक टक मोबाइल या कंप्यूटर की स्क्रीन को देखते रहते हो. तो आपकी आँखों पर बहुत बुरा असर पड़ता है. इससे बचने के लिए आपको डिजिटल उपकरण पर ज्यादा से ज्यादा लगातार 20 मिनट्स बिताने चाहिए और फिर नई स्थिति में आकर डिजिटल उपकरण इस्तेमाल करना चाहिए.

अपने डिजिटल डिवाइसेस से कुछ इंच की दूरी पर बैठें

दृष्टि विशेषज्ञों का मानना है कि आपको अपने डिजिटल उपकरण से एक बांह जितनी दूरी पर बेठना चाहिए. अगर आप डेस्कटॉप पर काम कर रहे हैं तो आप में और डेस्कटॉप में दूरी एक बांह जितनी होनी चाहिए.

अपनी आँखों को प्रकृतिक उजाले में रखें

कुछ समय डिजिटल उपकरण पर समय बिताने के बाद बगीचे में या शांत प्राकृतिक जगह पर टहलने के लिए निकल जाएँ. ऐसा करने से आपकी आँखें द्वारा प्रकृति से जुड़ जाएंगी. जिससे आपके स्वभाव में भी सुधार आएगा और आपको नींद भी अच्छी आएगी.

अपनी डिजिटल स्क्रीन के प्रकाश को समायोजित करें

आपको अपने डेस्कटॉप, लैपटॉप या मोबाइल फोन की स्क्रीन की रौशनी अपनी आँखों के अनुसार समायोजित करनी चाहिए. अगर आप कम रौशनी वाले कमरे में काम कर रहे हैं तो आपको आपने डिजिटल उपकरण की रौशनी भी कम कर लेनी चाहिए.

अपने डिवाइसेस की चमक कम कर लें (Reduce glare from your device screen)

ऐसा आप कई उपायों से कर सकते हैं, जैसे की स्क्रीन को साफ़ रख कर, कम वोल्टेज वाले बल्बों का इस्तेमाल करके, खुली खिड़की से दूर बैठकर कर सकते हैं.

अपने डॉक्टर से विशेष चश्मे लगाने की सलाह लें

आपका चिक्तिसक आपको विशेष चश्मे पहनने की सलाह दे सकता है. इन विशेष चश्मों से आप पर कंप्यूटर या किसी डिजिटल उपकरणों से निकलने वाली किरणों का कोई असर नहीं होगा.

अच्छे आहार के माध्यम से अपनी आँखों की रक्षा करें

एक अच्छा भोजन आपकी आँखों को डिजिटल उपकरणों से होने वाले हानिकारक प्रभावों से बचाता है. आपकी आँखों के लिए यह भोजन बहुत अच्छे होते हैं जिनमें विटामिन C, विटामिन A और ओमेगा-3 पोषक तत्व होते हैं.

अपनी डिजिटल स्क्रीन को अपने आँख के स्तर से 5 इंच नीचे रखें

ऐसा करने से आपकी नेत्रगोल्क(eyeballs) का बढ़ा हिस्सा आपकी पलकों द्वारा सुरक्षित कर लिया जाता है. जिससे आपकी आँखों पर डिजिटल उपकरण की स्क्रीन से निकलने वाली रौशनी का बुरा असर नहीं पड़ता.

नियमित रूप से काम के बीच ब्रेक लो

नेत्र विशेषज्ञों का मानना है कि 2 घंटे डिजिटल उपकरण पर व्यतीत करने के बाद आपको 15 से 20 मिनट्स के लिए आराम करना चाहिए. ऐसा करने से आपकी आँखें तो सुरक्षित रहेंगी ही बल्कि आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा.

अपने डिजिटल डिवाइसेस के उपयोग को सीमित करो

आपको डिजिटल डिवाइसेस का उपयोग भी सीमित रखना चाहिए. अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो कम से कम रात को सोने से पहले अपने सारे डिजिटल उपकरणों को बंद कर दें.

लकम्मा देवी मंदिर: इस मंदिर में चढाई जाती है चप्पलों की माला!

मंदिरों में लोग माथा टेकने के साथ-साथ चढ़ावा भी चढाते हैं. लोग चढ़ावे में मुख्यतः फूलों की मालाएं, प्रसाद या जिसके पास अधिक पैसा होता है वह सोना-चांदी का चढ़ावा चढाते हैं. लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जहां देवी-देवताओं को फूलों की माला नहीं, बल्कि चप्पलों की माला चढ़ाई जाती है.

lakamma-devi-temple-karnatakaजी हां, कर्नाटक के गुलबर्ग जिले में स्थित लकम्मा देवी का मंदिर है. इस मंदिर के बाहर नीम का एक पेड़ है, मां के भक्त मंदिर के बाहर नीम के पेड़ पर चप्पल टांगते हैं. यहां के लोगों का मानना है कि उनके द्वारा चढ़ाई गई चप्पल को पहनकर माँ रात भर घूमती है, जिससे चप्पल चढ़ाने वाले की सारी इच्छाएंदुख-दर्द दूर हो जाते हैं.
दरअसल, हर साल दीपावली के बाद आने वाली पंचमी के दिन इस मंदिर में मेले का आयोजन किया जाता है, उस दिन देश के हर कोने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में पहुंचते हैं. इस दिन श्रद्धालु मंदिर में मन्नत मांगते हुए, मंदिर में लगे नीम के पेड़ पर चप्पल की माला बांधते हैं.

 मान्यता

गांव वालों का कहना है कि देवी मां एक बार गांव की पहाड़ी पर टहल रही थी तभी दुत्तारा गांव के देवता की नजर देवी मां पर पड़ी. उसके बाद दुत्तारा गांव के देवता ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया. देवी मां ने उनसे बचने के लिए अपने सिर को जमीन में धंसा लिया था. लकम्मा देवी का मंदिर उसी स्थान पर बनाया गया है. माता की मूर्ति को उसी व्यवस्था में रखा गया है और लोग आज भी देवी मां की पीठ की पूजा करते हैं.
लोगों का यह भी कहना है कि पहले इस मंदिर में बैलों की बलि दी जाती थी लेकिन सरकार द्वारा जानवरों की बलि पर रोक लगाने के बाद बलि देना बंद कर दिया था. लोगों का कहना है कि उसके बाद देवी माँ क्रोधित हो गई थी और उन्हें शांत करने के लिए यह परंपरा शुरू की गयी थी.