स्वर्ण मंदिर के बारे में कुछ रोचक बातें..

स्वर्ण मंदिर सिखों का एक पवित्र धार्मिक मंदिर है. स्वर्ण मंदिर को “हरमंदिर साहिब” और “अथ सत तीर्थ” नाम से भी जाना जाता है. स्वर्ण मंदिर दुनिया के सबसे आकर्षित स्थानों में से हैं. इस मंदिर की सुंदरता सभी के मन को लुभाती है और यहां हर दिन हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं. आइये जानें स्वर्ण मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में…
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  • सिख धर्म का सबसे पवित्र ग्रन्थ “गुरु ग्रंथ” साहिब सबसे पहले हरमंदिर साहिब में ही स्थापित किया गया था.
  • जिस जगह पर स्वर्ण मंदिर बना है उस जगह पर पहले सिखों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी ने ध्यान किया था. हरमंदिर साहिब की स्थापना सिख धर्म के पांचवें गुरु अर्जुन देव जी ने की थी.
  • महाराजा रणजीत सिंह, 19वी सदी में पंजाब के राजा थे और उनके कार्यकाल में ही स्वर्ण मंदिर का नवीनीकरण हुआ था.
  • हरमंदिर साहिब को जब शुरू में बनाया गया तो इसमें सोने की पॉलिश नहीं की गई थी.
  • हरमंदिर साहिब में लगने वाले लंगर में प्रतिदिन लगभग 35000 लोग खाना खाते हैं. सारा खाना भक्तों द्वारा दान किया जाता है. इस मंदिर की लंगर सेवा भी दुनिया की सबसे बड़ी सेवा है,
  • हरमंदिर साहिब के पहले पुजारी बाबा बुड्ढा जी थे.
  • हरमंदिर साहिब में प्रवेश करने के लिए चार रास्ते हैं. स्वर्ण मंदिर में बने चार मुख्य रास्तों का मतलब कोई भी व्यक्ति, किसी भी धर्म, समुदाय का इंसान उस मंदिर में आ सकता है.
  • हरमंदिर साहिब में सिख धर्म की प्राचीन ऐतिहासिक वस्तुओं का प्रदर्शन भी किया गया है, जिन्हें देखने प्रतिदिन देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु यहाँ आते हैं.
  • सिखों का मुख्य उत्सव बैसाखी, गुरु राम दास का जन्मदिन, गुरू तेग़ बहादुर का मृत्युदिन, गुरु नानक देव जी का जन्मदिन इत्यादि शामिल हैं.

जुगाड़ में हमारा कोई जबाव नहीं!

जुगाड़ हम भारतीयों की खासियत है. जहाँ कुछ और न चले वहां जुगाड़ चलता है। ‘जुगाड़’ एक ऐसा शब्द है जो जरुरत आने पर सभी के दिमाग में सबसे पहले आता है। वास्तव में हम सभी जुगाड़ी ही हैं जो अपना काम निपटाने के लिए कोई न कोई रास्ता यानि जुगाड़ निकाल ही लेते हैं चाहे लोग उस पर हंस-हंस कर लोटपोट क्यों ना हो जाएँ।

आज हम आपको कुछ ऐसी जुगाड़ की तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं, जिन्हें देखकर आपकी हंसी नहीं रुकेगी। ये कारनामे इतने दिलचस्प हैं कि आप इन्हें कम से कम एक बार तो जरुर देखना चाहेंगे।

चित्र 1- इंडियन हाई-टेक खेती. चित्र 2- माल्स(मील्स) ओन व्हील्स

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मोटर साइकिल टुल्लू पंप

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मिल्क फॉर आयरन मैन

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साइकिल और मोटरसाइकिल का संगम

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प्लेबॉय की हाई सिक्योरिटी कार

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सौर उर्जा चलित फोन बैटरी की छावं में

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मोटर साइकिल मैन का साइकिल-अवतार

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ऐसा जुगाड़ पहले देखा है क्या अपने

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जुताई करने के लिए देसी जुगाड़

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रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

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भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) देश के बैंकिंग सिस्टम को रेगुलेट करता है. 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना की गई थी. आरबीआई, करेंसी सिस्टम को भी ऑपरेट करता है. आइए जानें भारतीय रिज़र्व बैंक के बारें में कुछ रोचक तथ्य…….

  • भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधानों के अनुसार 1 अप्रैल 1935 को हुई थी.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक का केन्द्रीय कार्यालय शुरुआत में कोलकाता में स्थापित किया गया था लेकिन  1937 में बदल कर इसे कोलकाता से मुंबई स्थानान्तरित कर दिया गया.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक भारत में सभी बैंकों का संचालन करता है और भारत की अर्थव्यवस्था को भी नियन्त्रित करता है.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक सिर्फ करंसी नोटों को ही छापता है. जबकि, सिक्‍कों को बनाने का काम भारत सरकार द्वारा किया जाता है.
  • भारत के अलावा रिज़र्व बैंक, दो अन्‍य देशों में भी सेंट्रल बैंक के रूप में अपनी भूमिका निभा चुका हैं आरबीआई ने जुलाई 1948 तक पाकिस्‍तान और अप्रैल 1947 तक म्‍यांमार (वर्मा) में सेंट्रल बैंक के रूप में काम किया.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक के चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में चार आंचलिक कार्यालय (Zonal Office) है. इसके अलावा 19 क्षेत्रीय कार्यालय (Regional office) और 10 उप-कार्यालय (Sub-Office)  है.
  • भारत में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है, लेकिन रिज़र्व बैंक का वित्तीय वर्ष 1 जुलाई से 30 जून तक होता है.
  • केजे उडेशी भारतीय रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की पहली महिला डिप्टी गवर्नर, 2003 में बनी थी.
  • भारतीय रिज़र्व बैंक का कामकाज केन्द्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा शासित होता है. केन्द्रीय निदेशक बोर्ड की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है. केन्द्रीय निदेशक बोर्ड की नियुक्ति चार सालों के लिए की जाती हैं.
  • रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक निजी संस्था थी जिसकी स्थापना 1 अप्रैल 1935 को हुई थी. लेकिन अब रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक सरकारी संस्था है जिसका राष्ट्रीयकरण 1949 में किया गया था.

फुटबॉल से जुड़े कुछ रोचक तथ्य!!

फुटबॉल दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल है. दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल फुटबॉल को पहले एसोसिएशन फुटबॉल के नाम से जाना जाता था लेकिन आज फुटबॉल के करोड़ों फैन्स हैं. लेकिन कुछ देशों में आज भी फुटबॉल को सौकर के नाम से जाना जाता हैं. फुटबॉल दुनिया में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला खेल है. हम आपको फुटबॉल के कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में आपको शायद ही पता होगा….

  • फुटबॉल के सबसे पहले क्लब की स्थापना 1857 में नथानिएल और मेजर विलियम ने की थी. जिसका नाम शेफील्ड फुटबॉल क्लब (sheffield football club) है.
  • फ्रांस के स्टीफन स्टाइन के नाम एक मैच में सबसे ज्यादा बार गोल करने का रिकॉर्ड दर्ज है उन्होंने 1942 में रेसिंग क्लब के लिए 16 गोल किये थे.
  • फुटबॉल की सबसे लोकप्रिय प्रतियोगिता फीफा वर्ल्ड कप है जो हर चौथे साल आयोजित किया जाता है.
  • अमेरिका और कैनेडियन देशों में फुटबॉल को सॉकर के नाम से जाना जाता हैं.
  • 2 मई 1964 को पेरू (दक्षिण अमेरिका) में हुए आयोजित फुटबॉल मैच के दौरान हुए दंगे में लगभग 300 लोगों की मौत हो गई थी. यह खेलों की दुनिया में अब तक की सबसे बड़ी दुर्घटना हैं.
  • हार्टलेपूल यूनाइटे के ली टोड के नाम फुटबॉल के इतिहास में सबसे जल्दी रेड कार्ड मिलने का रिकॉर्ड है.
  • ब्राजील के महान फुटबॉल खिलाड़ी पेले 17 साल की उम्र में फुटबॉल वर्ल्ड कप जीतने वाले सबसे छोटे खिलाडी हैं. वहीं डीने जौफ 40 साल की उम्र में फुटबॉल वर्ल्ड कप जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाडी हैं.
  •  विश्व की 80% से ज्या्दा फुटबॉल, पाकिस्तान में ही बनाई जाती हैं.
  • फुटबॉल के इतिहास में चिली के कार्लोस कजली पहले ऐसे फुटबॉल खिलाडी थे, जिन्हें 1974 के वर्ल्डकप में रेड कार्ड मिला था.

OMG: क्या अपने देखी है कभी ऐसी नदियाँ, जहाँ पानी नही रेत बहता हैं

प्रकृति बहुत सुंदर और अदभुत है. इसके रंग निराले है. कभी-कभी प्रकृति ऐसे दृश्यों, संयोगों या घटनायों का निर्माण करती हैं जो हमें हैरत में डाल देते हैं और सोचने को मजबूर कर देते हैं कि क्या यह वास्तव में हैं या कोई सपना है. आज हम ऐसी एक घटना लेकर आए है जहां अचानक रेत की नदी बहने लगी है.

https://www.youtube.com/watch?v=vpkDsnsk30o

जी हाँ हम बात कर रहे है इराक के रेगिस्तानी इलाकों की. यह वीडियो उस समय की है जब रेगिस्तानी इलाकों में भारी बारिश और ओले गिरे थे. दरसल रेगिस्तानी इलाकों में ऐसी घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं. लेकिन ऐसी नदियों को बहुत कम लोग ही देख पाते हैं. क्योंकि ऐसी नदी या तो बहुत कम समय के लिए बनती हैं या तो बहुत ही छोटी होती है. ऐसा माना जाता है कि ऐसी रेतीली नदियाँ लगभग आधे घंटा या एक घंटे तक ही बहती है.

डिजिटल उपकरणों से इन 10 उपायों से बचाएं अपनी आँखों को

आजकल ज्यादातर लोग अपना समय लैपटॉप, टेबलेट्स और मोबाइल फ़ोनों पर गुजारते हैं. लेकिन उनको यह पता नहीं होता कि डिजिटल उपकरणों के इस्तेमाल से उनकी आँखों पर कितना बुरा असर पड़ता है. अगर आप अपनी आँखों को इन उपकरणों से होने वाले बुरे असर से बचाना चाहते हो तो यह 10 उपाय आपके लिए मददगार सिद्ध होंगे.

आँखों के व्यायाम करें

अगर आप अपनी आँखों को लगातार डिजिटल उपकरण पर चिपकाए रखते हैं या बिना पलक झपके एक टक मोबाइल या कंप्यूटर की स्क्रीन को देखते रहते हो. तो आपकी आँखों पर बहुत बुरा असर पड़ता है. इससे बचने के लिए आपको डिजिटल उपकरण पर ज्यादा से ज्यादा लगातार 20 मिनट्स बिताने चाहिए और फिर नई स्थिति में आकर डिजिटल उपकरण इस्तेमाल करना चाहिए.

अपने डिजिटल डिवाइसेस से कुछ इंच की दूरी पर बैठें

दृष्टि विशेषज्ञों का मानना है कि आपको अपने डिजिटल उपकरण से एक बांह जितनी दूरी पर बेठना चाहिए. अगर आप डेस्कटॉप पर काम कर रहे हैं तो आप में और डेस्कटॉप में दूरी एक बांह जितनी होनी चाहिए.

अपनी आँखों को प्रकृतिक उजाले में रखें

कुछ समय डिजिटल उपकरण पर समय बिताने के बाद बगीचे में या शांत प्राकृतिक जगह पर टहलने के लिए निकल जाएँ. ऐसा करने से आपकी आँखें द्वारा प्रकृति से जुड़ जाएंगी. जिससे आपके स्वभाव में भी सुधार आएगा और आपको नींद भी अच्छी आएगी.

अपनी डिजिटल स्क्रीन के प्रकाश को समायोजित करें

आपको अपने डेस्कटॉप, लैपटॉप या मोबाइल फोन की स्क्रीन की रौशनी अपनी आँखों के अनुसार समायोजित करनी चाहिए. अगर आप कम रौशनी वाले कमरे में काम कर रहे हैं तो आपको आपने डिजिटल उपकरण की रौशनी भी कम कर लेनी चाहिए.

अपने डिवाइसेस की चमक कम कर लें (Reduce glare from your device screen)

ऐसा आप कई उपायों से कर सकते हैं, जैसे की स्क्रीन को साफ़ रख कर, कम वोल्टेज वाले बल्बों का इस्तेमाल करके, खुली खिड़की से दूर बैठकर कर सकते हैं.

अपने डॉक्टर से विशेष चश्मे लगाने की सलाह लें

आपका चिक्तिसक आपको विशेष चश्मे पहनने की सलाह दे सकता है. इन विशेष चश्मों से आप पर कंप्यूटर या किसी डिजिटल उपकरणों से निकलने वाली किरणों का कोई असर नहीं होगा.

अच्छे आहार के माध्यम से अपनी आँखों की रक्षा करें

एक अच्छा भोजन आपकी आँखों को डिजिटल उपकरणों से होने वाले हानिकारक प्रभावों से बचाता है. आपकी आँखों के लिए यह भोजन बहुत अच्छे होते हैं जिनमें विटामिन C, विटामिन A और ओमेगा-3 पोषक तत्व होते हैं.

अपनी डिजिटल स्क्रीन को अपने आँख के स्तर से 5 इंच नीचे रखें

ऐसा करने से आपकी नेत्रगोल्क(eyeballs) का बढ़ा हिस्सा आपकी पलकों द्वारा सुरक्षित कर लिया जाता है. जिससे आपकी आँखों पर डिजिटल उपकरण की स्क्रीन से निकलने वाली रौशनी का बुरा असर नहीं पड़ता.

नियमित रूप से काम के बीच ब्रेक लो

नेत्र विशेषज्ञों का मानना है कि 2 घंटे डिजिटल उपकरण पर व्यतीत करने के बाद आपको 15 से 20 मिनट्स के लिए आराम करना चाहिए. ऐसा करने से आपकी आँखें तो सुरक्षित रहेंगी ही बल्कि आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा.

अपने डिजिटल डिवाइसेस के उपयोग को सीमित करो

आपको डिजिटल डिवाइसेस का उपयोग भी सीमित रखना चाहिए. अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो कम से कम रात को सोने से पहले अपने सारे डिजिटल उपकरणों को बंद कर दें.

लकम्मा देवी मंदिर: इस मंदिर में चढाई जाती है चप्पलों की माला!

मंदिरों में लोग माथा टेकने के साथ-साथ चढ़ावा भी चढाते हैं. लोग चढ़ावे में मुख्यतः फूलों की मालाएं, प्रसाद या जिसके पास अधिक पैसा होता है वह सोना-चांदी का चढ़ावा चढाते हैं. लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जहां देवी-देवताओं को फूलों की माला नहीं, बल्कि चप्पलों की माला चढ़ाई जाती है.

lakamma-devi-temple-karnatakaजी हां, कर्नाटक के गुलबर्ग जिले में स्थित लकम्मा देवी का मंदिर है. इस मंदिर के बाहर नीम का एक पेड़ है, मां के भक्त मंदिर के बाहर नीम के पेड़ पर चप्पल टांगते हैं. यहां के लोगों का मानना है कि उनके द्वारा चढ़ाई गई चप्पल को पहनकर माँ रात भर घूमती है, जिससे चप्पल चढ़ाने वाले की सारी इच्छाएंदुख-दर्द दूर हो जाते हैं.
दरअसल, हर साल दीपावली के बाद आने वाली पंचमी के दिन इस मंदिर में मेले का आयोजन किया जाता है, उस दिन देश के हर कोने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में पहुंचते हैं. इस दिन श्रद्धालु मंदिर में मन्नत मांगते हुए, मंदिर में लगे नीम के पेड़ पर चप्पल की माला बांधते हैं.

 मान्यता

गांव वालों का कहना है कि देवी मां एक बार गांव की पहाड़ी पर टहल रही थी तभी दुत्तारा गांव के देवता की नजर देवी मां पर पड़ी. उसके बाद दुत्तारा गांव के देवता ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया. देवी मां ने उनसे बचने के लिए अपने सिर को जमीन में धंसा लिया था. लकम्मा देवी का मंदिर उसी स्थान पर बनाया गया है. माता की मूर्ति को उसी व्यवस्था में रखा गया है और लोग आज भी देवी मां की पीठ की पूजा करते हैं.
लोगों का यह भी कहना है कि पहले इस मंदिर में बैलों की बलि दी जाती थी लेकिन सरकार द्वारा जानवरों की बलि पर रोक लगाने के बाद बलि देना बंद कर दिया था. लोगों का कहना है कि उसके बाद देवी माँ क्रोधित हो गई थी और उन्हें शांत करने के लिए यह परंपरा शुरू की गयी थी.

छुट्टियाँ बिताने के लिए उत्तम स्थान, शोजा गाँव

भागदौड़ भरी जिंदगी से बोर हो गए है और किसी एकांत वातावरण में छुट्टियाँ बिताने का विचार कर रहे है तो शोजा गाँव सबसे अच्छी जगह है. शोजा गाँव हिमाचल प्रदेश में जिला कुल्लू के औट नामक स्थान से केवल 40 किलोमीटर की दूरी पर प्राकृतिक दृश्यों के बीच बसा एक खुबसूरत गावं है.

shoja village kull hills valleyयह गाँव शहर के शोर शराबे से दूर पहाड़ों और जंगलों के मनोहारी वातावरण के मध्य स्थित है. यहाँ लकड़ी से बने सुंदर घर के बाहर अपने दोस्तों के साथ घंटों बैठकर प्राकृतिक दृश्यों का आनन्द ले सकते हैं. यहाँ खुले में आग जलाकर सेंकने का आनन्द (bone fire) लेना अपने आप में एक सुखद अनुभव होता है.

शोजा गाँव

अगर आप अपने दोस्तों के साथ थोड़े समय के लिए किसी अच्छी जगह पर छुट्टियां बिताना चाहते हैं तो शोजा गाँव छुट्टियों को बिताने के लिए सबसे अच्छी जगह है. शोजा जगह हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में पड़ती है. शोजा एक छोटा सा गाँव है. यह गाँव प्राकृति के अदभुत दृश्यों से भरपूर है. यह गाँव खूबसूरत वादियों से, बर्फ के पेड़ों से ढका हुआ बहुत ही सुंदर गाँव है.

शोजा कैसे पहुंचे

सड़क मार्ग द्वारा:

शोजा गाँव पहुँचने के लिए सबसे पहले आपको मंडी से कुल्लू राष्ट्रीय उच्च मार्ग द्वारा औट पहुंचना होगा. औट नामक स्थान मंडी से 40 किलोमीटर दूर है. औट से शोजा गाँव की दूरी केवल 39 किलोमीटर है.

हवाई मार्ग द्वारा:

भुन्तर नामक स्थान पर हवाई पट्टी स्थित है. यहाँ के लिए शिमला,चंडीगढ़ ,धर्मशाला से हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं. भुन्तर से वाया औट होते हुए शोजा की दूरी केवल 59 किलोमीटर है. यहाँ के लिए हमेशा बस सुविधा उपलब्ध हैं. भुन्तर से शोजा गाँव के लिए टैक्सी सेवा भी उपलब्ध है. एक तरफ का किराया लगभग 1000 रुपए है.

शोजा में रहने की सुविधा

शोजा में कुछ एक ही गैस्ट हाउस हैं. जिनमें एक रात रहने का खर्च 500 से 1000 रूपये आ सकता है. अगर आप ज्यादा सुविधाओं वाला गैस्ट हाउस चाहते हो तो आपको एक रात ठहरने का खर्च लगभग 3 से 4 हज़ार रूपये के करीब आ सकता है. यह गैस्ट हॉउस लकड़ी के बने हुए हैं और इनमें सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं. शोजा गांव आने से पहले यहाँ के गैस्ट हाउस में बुकिंग पहले से ही करा लेना बेहतर है क्योंकि सीजन के समय यहाँ के गैस्ट हाउस हमेशा व्यस्त रहते हैं.

भोजन की सुविधा

शोजा गाँव में भोजन की अच्छी और सस्ती सुविधा उपलब्ध है. चाय और कॉफ़ी ठण्ड की लिहाज से अच्छे पेय हैं.

यात्रा का उत्तम समय:

शोजा गाँव पूरे वर्ष यात्रा के लिए खुला रहता है लेकिन यहाँ पर घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से लेकर नवम्बर तक होता है. शोजा में बहुत सारे स्थान हैं जैसे कि छोटे पुल, झरने, ट्रैकिंग के लिए पहाड़. लकड़ी से बने मेज व कुर्सियां यहाँ पर बैठ कर आप अपनी शाम को ओर भी खूबसूरत बना सकते हैं. प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर स्थान जलौड़ी दर्रा यहाँ से केवल पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहाँ एक खूबसूरत वॉटरफॉल भी है. यह स्थान ट्राउट मछली पकड़ने (trout fishing) के लिए भी प्रसिद्ध है.

कहाँ ठहरें

शोजा नामक गाँव में रहने के लिए कई आरामदायक स्थान मौजूद हैं. यहाँ एक राजा गैस्ट हॉउस भी है. यहाँ छह साधारण लेकिन सुविधाजनक कमरे हैं. राजा गैस्ट हॉउस का मोबाईल नम्बर (09418550549; Tariff: INR 600-1,000) है.

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) 2016 पुरस्कारों की सूची!!

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 2016 पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है. इस साल आईसीसी पुरस्कारों में भारतीय ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया है. अश्विन ने इस साल का “क्रिकेटर ऑफ द ईयर” और “टेस्ट क्रिकेटर ऑफ द ईयर” पुरस्कार अपने नाम किया. अश्विन एकमात्र भारतीय खिलाड़ी है जिसने आईसीसी टेस्ट टीम में स्थान प्राप्त किया. भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली को आईसीसी एकदिवसीय टीम का कप्तान चुना गया है. 2016 आईसीसी पुरस्कारों की संपूर्ण जानकारी इस प्रकार है :-

2016 आईसीसी पुरस्कार के विजेताओं की सूची :

क्रम संख्या पुरस्कार खिलाड़ी देश
1. आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर रविचंद्रन अश्विन भारत
2. आईसीसी टेस्ट क्रिकेटर ऑफ द ईयर रविचंद्रन अश्विन भारत
4. आईसीसी Women’s T20I क्रिकेटर ऑफ द ईयर सूजी बेट्स न्यूजीलैंड
5. आईसीसी T20, वर्ष का सर्वश्रेष्ठ T20 प्रदर्शन कार्लोस ब्रेथवेट वेस्ट इंडीज
6. आईसीसी इमर्जिंग क्रिकेटर ऑफ द ईयर मुस्तफिजुर रहमान बांग्लादेश
8. आईसीसी एसोसिएट/संबद्ध क्रिकेटर ऑफ द ईयर मोहम्मद शहजाद अफगानिस्तान
9. आईसीसी स्पिरिट ऑफ क्रिकेट अवार्ड मिस्बाह-उल-हक़ पाकिस्तान
10. आईसीसी अंपायर ऑफ द ईयर मराइस इरासमस दक्षिण अफ्रीका

ICC वर्ष की पुरुषों की टीम 2016: आईसीसी 2016 की एकदिवसीय टीम का चयन 14 सितम्बर 2015 से 20 सितम्बर 2016 के बीच खिलाड़ियों के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर हुआ है. इस टीम का चयन राहुल द्रविड़, गैरी कर्स्टन और कुमार संगकारा ने किया हैं.

1. डेविड वार्नर, ऑस्ट्रेलिया
2. क्विंटन डि काक , दक्षिण अफ्रीका
3. रोहित शर्मा, इंडिया
4. विराट कोहली (कप्तान), भारत
5. एबी डिविलियर्स, दक्षिण अफ्रीका
6. जोस बटलर, इंग्लैंड
7. मिशेल मार्श, ऑस्ट्रेलिया
8. रविंद्र जडेजा, भारत
9. मिशेल स्टार्क, ऑस्ट्रेलिया
10. कैगिसो रबादा, दक्षिण अफ्रीका
11. सुनील नारिने (Sunil Narine), वेस्ट इंडीज
12. इमरान ताहिर, दक्षिण अफ्रीका

सीटी स्कैन के माध्यम से पता चला की बुद्ध मूर्ति के अंदर एक मम्मी है!!!

प्राचीन बुद्ध मूर्ति के अंदर मिली 1000 साल पुराणी एक बुद्ध साधु की मम्मी

सीटी स्कैन के माध्यम से एक प्राचीन बुद्ध मूर्ति के अंदर एक बुद्ध साधु की मम्मी को खोजा गया. यह बहुत ही असाधारण रहस्य था. वैज्ञानिक यह जानते थे कि मूर्ति के अंदर मम्मी है. लेकिन फिर भी इस मूर्ति का डरेंट्स संग्रहालय (नेदरलैंड्स) के अनुरोध से सीटी स्कैन किया गया, जिससे यह पता चला की मूर्ति के अंदर बुद्ध साधु का कंकाल है. शोधकर्ताओं को मूर्ति के अंदर एक छिपा हुआ कागज भी मिला जिसके बाद पता चला कि मूर्ति के अंदर जो मम्मी थी वह प्राचीन बौद्ध गुरु का शरीर था. जो चीन में बहुत समय पहले मैडिटेशन स्कूल का गुरु था. कुछ लोगों का मानना था कि यह मम्मी ध्यान की बहुत उच्च अवस्था में थी.

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