टॉप 10 खोजें जो जल्द ही आपकी जीवनशैली को पूरी तरह से बदल देंगी !

जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है हमारी जीवनशैली बदलती जाती है. हम अपनी जीवनशैली को वर्तमान के अनुसार बदलते जाते हैं. हम को पता भी नहीं चलता कि हमारी जीवनशैली पर विज्ञान कितना ज्यादा प्रभाव डाल रहा है. यह है भविष्य की 10 खोजें जो आपकी जीवनशैली को पूरी तरह बदल देंगी.

मनोरम दृश्यों वाले बिना खिड़कियों के हवाई जहाज

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भविष्य के जहाजों में खिड़कियाँ नहीं होंगी. इस तरह की अवधारणा आपको दुविधा में डाल सकती है, लेकिन ऐसा सच्च में होने जा रहा है. जिसमें जहाज की खिड़कियों को डिस्प्ले स्क्रीन के साथ बदल दिया जायेगा.

उर्जा का उत्पादन करने वाले फार्म टावर

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यह फार्म टावर भविष्य में शहरों को पूरी तरह से बदल देंगे. इन टावर्स को भविष्य की स्मार्ट सीटी में बनाया जायेगा. यह फॉर्म टावर टिकाऊ ऊर्जा का उत्पादन करेंगे. इन फॉर्म टावर्स में पवन चक्की, सोलर सेल्स से उर्जा उत्पन्न की जाएगी और साथ-साथ इनमें वनस्पति की पैदावार भी की जायेगी.

भविष्य में हवाई जहाजों के ट्रेनों की तरह फली(pod) लिंक होंगे

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भविष्य में ऐसे स्काईस्टेशन होंगे जो आपकी रेल और हवाई यात्रा को ओर भी ज्यादा आरामदायक बना देंगे. इन स्टेशनों पर हवाई जहाज बगैर जमीन पर उतरे ही अपने यात्रियों को, उनके समान को उठा लेंगे साथ साथ इंधन को भी भर लेंगे.

भविष्य में समुद्र के भीतर बनेंगे शहर

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भविष्य में सागर के गहरे पानी के अंदर बनेगे शहर. इन शहरों में 5,000 लोग रह सकेंगे. यह शहर कांच से बने होंगे और इन शहरों में कांच का व्यास 500 मीटर होगा जो सीधा हवा से और समुद्र के तल से जुड़ा होगा. यह शहर गुबंद आकर के कांच में बने होंगे.

सौर उर्जा संचालित स्थायी घर

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सौर उर्जा संचालित घरों को लोग अब इस्तेमाल भी करने लगे हैं. लेकिन भविष्य के सौलर उर्जा संचालित घर जरा हटकर होंगे. इन घरों की छतें सोलर पैनल से बनी होंगी और इस घर में उस लकड़ी का इस्तेमाल किया जा सकेगा जिसको हम द्वारा अपने कार्य में इस्तेमाल में ला सकते हैं.

ज्वाहर के लहर से संचालित घर(Tidal wave powered homes)

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भविष्य की हाउसबोट को समुद्र की लहरों द्वारा उत्पन्न की जाने वाली उर्जा से संचालित किया जा सकेगा. समुद्र की लहरें इतनी ऊर्जा पैदा नहीं करती लेकिन लहरों द्वारा पैदा की गयी बिजली एक घर के लिए काफी होती है.

भविष्य में 3डी प्रिंटर से आपके शरीर के अंग तैयार होंगे

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3डी प्रिंटर लंबे समय के काम को छोटे समय में कर देते हैं. पहले समय में शरीर के लिए नकली अंग बनाने के लिए बहुत समय लगता था और इसमें बहुत सारे पैसे भी खर्च होते थे. लेकिन अब 3डी प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी के आने से आप नकली अंग कम पैसों में और जल्दी बना सकेंगे.

उच्च गति कैप्सूल टयूब परिवहन (High speed capsule tube transport)

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भविष्य में सड़कों की जगह कैप्सूल टयूब का इस्तेमाल किया जायेगा. जो आपकी 354 मील की यात्रा को सिर्फ 35 मिनट में ही पूरा कर देगी. इस तरह की सड़कों में गाड़ियों की जगह कैप्सूल टयूब का इस्तेमाल किया जायेगा जिनकी रफ्तार 600 मील प्रति घंटा होगी.

ड्रोन एम्बुलेंस (Drone Ambulances)

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यह खोज आपको इतनी दिलचस्प नहीं लग रही होगी. लेकिन ड्रोन एम्बुलेंस के आने से कई लोगों के जीवन को बचाया जा सकेगा. वर्तमान में सड़कों पर चलने वाली एम्बुलेंस कई बार ट्रैफिक जाम में फंस जाती है. लेकिन यह आकाश में उड़कर मरीज को अस्पताल में पहुंचाएगी.

भविष्य में पानी पर चलेंगे शहर

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अगर कभी भविष्य में कहीं पर युद्ध शुरू होता है या पूरे देश में कोई बीमारी फैल जाती है. तो यह शहर बहुत काम आयेंगे. इन पानी पर चलने वाले शहरों को नोह्स अर्क(Noah’s Ark) कहा जाता है. इन शहरों में लोग और उनके साथ साथ जंगली जीव भी रह सकेंगे. इन शहरों पर खेती भी की जा सकेगी. इन शहरों में वह सब कुछ होगा जो साधारण शहरों में होता है.

आपके शरीर के अंदर पूरे दिन में यह चमत्कारी काम होते हैं !

आपको अपने शरीर की बाहर की अवस्था का अच्छी तरह से पता हो सकता है, लेकिन आपको इस बात का अंदाजा नहीं होगा कि आपके शरीर के अंदर क्या हो रहा है ? आपके शरीर के अंदर बहुत सारी ऐसी चीजें हो रही होती हैं जो आपके शरीर के लिए बहुत जरूरी होती हैं. इस लेख में हम आपको बतायेंगे कि आपके शरीर के अंदर हर दिन क्या-क्या चमत्कार होते हैं.

  1. आपका दिल हर दिन 7571 लीटर खून को पंप करता है. दिल हर दिन 1,00,000 बार धड़कता है
  2. आप दिन में 17,000 बार सांस लेते हो. ऐसा करते समय आप एक भी सांस के बारे में सोचते नहीं.
  3. हर दिन आपका शरीर हज़ारों बार यह सुनिश्चित करता है कि आप किसी तरह के कैंसर के संपर्क में ना आ जाएँ. हर दिन आपके शरीर की हजारों कोशिकाएं कैंसर के संपर्क में आ जाती हैं. लेकिन आपका शरीर इन कैंसर से ग्रस्त कोशिकाओं को रोकने के लिए एंजाइम छोड़ता है जिससे यह कैंसर से ग्रस्त कोशिकाएं घातक टयूमर बनने से पहले ठीक हो जाती हैं.
  4. आपका दिमाग बिना रुके पूरे दिन कुछ ना कुछ सोचता रहता है. आपके दिमाग में हर दिन लगभग 50,000 विचार आते है. लेकिन कई वैज्ञानिकों ने 60,000 विचार बताये हैं. इसका अर्थ है कि आपका दिमाग हर मिनट में 35 से 48 विचार सोचता है.
  5. आपके पेट में पायी जाने वाली कोशिकाएं हर मिलीसेकंड में एल्कलाइन पदार्थ का उत्पादन करती हैं. जिससे पेट में पैदा होने वाला एसिड बेअसर हो जाता है. अगर यह कोशिकाएं ऐसा ना करें तो आपका पेट खुद को ही पचा लेगा क्योंकि यह एसिड इतना शक्तिशाली होता है जिससे की यह एक धातु को भी पिघला दे.
  6. आप हर दिन 28,800 बार अपनी पलक झपकते हो. ऐसा करने से आपकी आँखें साफ़-सुथरी और नम रहती हैं. ऐसा करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि आपके द्वारा ली गयी 90 प्रतिशत सूचना दृश्य होती है.
  7. आपकी शरीर की ज्यादातर ऊर्जा आपके शरीर में गर्मी की वजह से खत्म हो जाती है. आपका शरीरदिन में उतनी गर्मी पैदा करता है जितने 25 लाइट बल्ब दिन में गर्मी पैदा करते हैं.
  8. लाल खून की कोशिकाएं(Cells), पूरे शरीर में अपना चक्कर सिर्फ 60 सेकंड में पूरा कर लेती हैं. इसका अर्थ आपके शरीर में हर लाल कोशिका हर दिन में 1,440 चक्कर लगाती हैं और अपने साथ साथ शरीर के हर हिस्से में ऑक्सीजन पहुंचाती जाती हैं और आपके शरीर में ऊर्जा के संतुलन को बनाये रखती हैं. हर कोशिका की जिन्दगी 40 दिन की होती है, और उसके बाद एक नई कोशिका का जन्म होता है.
  9. आप हर दिन 10 लाख कोशिकाओं को अपने अंदर से छोड़ते रहते हैं और इनकी जगह आपका शरीर नई कोशिकाओं को लगा देता है.
  10. आपके सर के बाल हर दिन आधा मिलीमीटर बढ़ जाते हैं.
  11. औसतन लोग  हर दिन औसतन 5,000 शब्द बोलते हैं.
  12. आपका जिगर हर दिन इतना व्यस्त होता है कि इसके द्वारा किये जाने वाले कामों को समझना भी असंभव होता है. जिगर आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल, विटामिन डी और ब्लड प्लाज्मा का भी उत्पादन करता है. आपका जिगर हर मिनट में 1.43 लीटर खून फ़िल्टर करता है और हर दिन 0.94 लीटर पित्त का उत्पादन करता है यह पित्त भोजन को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने का काम करती है.
  13. आपके मुंह में पायी जाने वाली ग्रंथी हर दिन 1.5 लीटर लार उत्पादन करती है. अगर यह लार पैदा ना करे तो आपका मुंह पूरी तरह से सूख जाएगा जिससे आपके पूरे मुंह में बैक्टीरिया भर जायेंगे और आप अपना भोजन नहीं पचा सकेंगे.
  14. औसतन आदमी का टेस्टिकल हर दिन 1 करोड़ नये स्पर्म पैदा करता है.
  15. आपके हर गुर्दे में 10 लाख छोटे छोटे फ़िल्टर होते हैं जो आपस में काम करते हैं. यह गुर्दे हर मिनट में 1.3 लीटर खून को फ़िल्टर करते हैं और हर दिन 1,872 लीटर खून का उत्पादन करते हैं. अगर आपको यह काफी नहीं लगता. यह गुर्दे हर दिन आपके शरीर में से 1.4 लीटर यूरिन को बाहर निकाल देते हैं.
  16. सोते समय आपकी लंबाई 8 मिलीमीटर तक बढ़ जाती है.
  17. आपका शरीर भोजन को मुंह में आने से पहले ही उसको पचाने की प्रक्रिया शुरू कर देता है क्योंकि जब आप भोजन की खुशबू लेते हो तो आपके मूंह में लार बनने लग जाती है. जो भोजन को पचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
  18. यह तथ्य बहुत ही दिलचस्प है आपके शरीर में हर दिन कोशिकाओं का पुनर्जन्म होता रहता है और यह सब कुछ अपने आप ही होता रहता है. इसका अर्थ हर 10 दिनों में आपकी नई स्वाद कलिकाएँ आ जाती हैं, 6-10 महीनों में आपके नये नाखून आ जाते हैं, 10 सालों में आपकी नई हड्डियां आ जाती हैं और हर 20 सालों में आपका नया दिल आ जाता है.
  19. इसके बाद भी अगर आप यह सोचते हैं कि आपके शरीर में कोई चमत्कार नहीं हो रहा , तो उन सभी चीजों के बारे में सोचिये जो आपके अंदर चमत्कारी ढंग से काम कर रही हैं

भूकंप से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य!!!

भूकंप का नाम सुनकर ही सब के मन में डर बैठ जाता हैं. भूकंप प्रकृति का एक ऐसा विनाशकाय प्रलय है जिसका सामना करने की किसी में हिम्मत नही होती है. आज हम आपको भूकंप से जुड़े कुछ ऐसे ही तथ्यों से अवगत कराएंगे जिनके बारे में आपने कभी सुना तक नहीं होगा….

  • जब पृथ्वी की ऊपरी सतह हिलती है तो उसे भूकंप का नाम दिया जाता है. भूकंप आने का मुख्य कारण टेक्टोनिक प्लेटों का खिसकना, ज्वालामुखी विस्फोट, परमाणु धमाके और खदानों की खुदाई आदि भी हो सकते हैं.
  • क्या आपको पता है कि पृथ्वी पर हर साल लगभग 5 लाख भूकंप आते है इन में से सिर्फ 1 लाख भूकंप ही महसूस किए जा सकते है. 1 लाख भूकंपों में से सिर्फ 100 भूकंप ही ऐसे होते है जो कि विनाशकाय प्रलय लाते हैं.
  • आज तक का सबसे विनाशकारी भूकंप सन 1960 में चिली में आया था. जिसकी तीव्रता 9.5 दर्ज की गई.
  • सन 1811 में एक जबरदस्त भूचाल के कारण उत्तरी अमरीका में बहने वाली मिसिसिप्पी नदी (mississippi river) उल्टी दिशा में बहने लगी थी.
  • भूकंप के कारण अब तक का सबसे खतरनाक हिमस्खलन सन 1970 में पेरू में आया था. यह हिमस्खलन लगभग 400 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आया था. इस हिमस्खलन की वजह से पूरा गांव ही तबाह हो गया था और लगभग 18 हजार लोग मारे गए थे.
  • साल 2015 में नेपाल में आने वाले भूकंप के कारण माउंटएवरेस्ट एक इंच (2.5 सेंटीमीटर) नीचे धंस गया था.
  • सन 2004 में हिंद महासागर में आए भूकंप में इतनी ऊर्जा थी कि वो अमेरिका को तीन दिन तक बिजली दे सकता था.
  • एक औसत भूकंप लगभग 1 मिनट तक आ सकता है.
  • कैलिफोर्निया के पार्कफील्ड को “The Earthquake Capital of the World” कहा जाता है. दरअसल पार्कफील्ड ऐसी जगह स्थित है, जहां दो टेक्टोनिक प्लेट आपस में एक-दूसरे से जुड़ती हैं.
  • भूकंप आने के प्रारंभिक बिंदु को फोकस या HypoCenter (भूकंप के भूमिगत फोकस बिंदु) कहा जाता है.
  • प्राचीन ग्रीस में लोगों का मानना था कि भूकंप समुद्र के देवता पोसाइडन की वजह से आता है. उनका कहना था कि जब देवता नाराज हो जाते है तो जमीन पर अपने त्रिशूल से प्रहार करते है जिससे धरती कांपती है.
  • भूकम्प के कारण अब तक का सबसे खतरनाक लैंडस्लाइड चीन के कान्सू प्रान्त में सन 1920 में आया था. लैंडस्लाइड की वजह से लगभग 2 लाख लोग मारे गये थे.
  • भूकंप (Earthquake) के बचाव के लिए पैगोडा आकार के घर बनाये जाते है
  • प्लेट टेक्टोनिक्स थ्योरी का विकास 20वी सदी के मध्य में हुआ था. हैरी हेस के द्वारा सागर नितल प्रसरण की खोज से इस सिद्धान्त का प्रतिपादन आरंभ माना जाता है.
  • भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का इस्तेमाल किया जाता है और इस यंत्र को रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल भी कहा जाता है. भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल 1 से 9 तक के आधार पर मापता है.
  • सन 1935 में कैलिफॉर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी में कार्यरत वैज्ञानिक चार्ल्स रिक्टर ने बेनो गुटेनबर्ग की सहायता से रिक्टर स्केल पैमाने की खोज की थी.
  • भूकम्प के कारण अब तक की सबसे ऊंची सुनामी 1771 में जापान में आयी थी. यह कम से कम 85 मीटर ऊँची थी.

पुलिस के बारे में कुछ रोचक तथ्य!!!

  • हम आपको बता दें कि पुलिस एक सुरक्षा बल होता है जिनका उपयोग व चयन देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा जनता की सुरक्षा के लिए किया जाता है.

 

  • पुलिस का कार्य कानून व्यवस्था बनाए रखना, अपराध को रोकना, अपराध की जांच करना, अपराध करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी करना, किसी व्यक्ति के जान, माल और आजादी की सुरक्षा करना हैं.
  • दुनिया भर के देशों की पुलिस के पास अलग-अलग कानूनी धाराएं होती है और प्रत्येक धारा की अलग-अलग सजा होती है.

 

  • पुलिस किसी भी व्यक्ति पर अपराध का आरोप होने पर ही उसे गिरफ्तार कर सकती है. केवल शिकायत अथवा शक के आधार पर किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.
  • पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D) की स्थापना पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के बारे में भारत सरकार के उद्देश्य को पूरा करने के लिए 28 अगस्त, 1970 को की गई थी.
  • BPR&D के अनुसार,  1829 में पहली आधुनिक मेट्रोपोलिटन पुलिस लंदन में थी, उन्होंने अपना एक यूनिफार्म बनाया था जो कि डार्क ब्लू रंग का था. यह युनिफोर्म एक पैरा मिलिट्री यूनिफॉर्म स्टाइल की तरह थी. लंदन में मेट्रोपोलिटन पुलिस ने ब्लू रंग इसलिए चुना क्योंकि ब्रिटिश आर्मी लाल और सफेद यूनिफार्म पहनती थी इसलिए पुलिस को आर्मी से अलग दिखाए जाने के लिए यह रंग चुना गया.

 

  • भारतीय पुलिस की ड्रेस खाकी रंग की है जो हल्के पीले और भूरे रंग का मिश्रण है. खाकी का अर्थ होता है मिट्टी का रंग. खाकी रंग विश्व के बहुत से देशों की आर्मी इस्तेमाल करती हैं.

पुलिस का प्रशासनिक ढांचा

एसएचओ(SHO) एसएचओ पुलिस थाने का इंचार्ज होता है.
डीएसपी(DSP) डीएसपी मेट्रोपोलिटन शहरों में असिस्टेंट कमिश्नर और एसएचओ के काम की भी देखरेख करता है.
एसपी(SP) एसपी जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने में डीएम की मदद करता है.
एसएसपी(SSP) एसएसपी जिले के पुलिस प्रशासन का इंचार्ज होता है, जो जिला मजिस्ट्रेट के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण में काम करता है.
डीआईजीपी(DIGP) राज्य के तीन-चार जिलों का इंचार्ज होता है.
आईजीपी(IGP) राज्य स्तर के पुलिस प्रशासन का इंचार्ज होता है.

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भूत-प्रेतों से जुड़े कुछ हैरान करने वाले रोचक तथ्य

दुनिया के हर धर्म, संस्कृति, स्थान और कहानियों में भूत-प्रेतों को अलग-अलग ढंग से वर्णित किया गया है। भूतों को लेकर अलग-अलग तर्क दिए जाते हैं। मृत्यु के बाद आत्मा के अस्तित्व पर बहस की जाती है। कई लोगों का मानना है कि उन्होने मरे हुए लोगों को देखा है।

कई लोग मरे लोगों यानि भूतों के द्वारा डराए जाने, शारीरिक नुकसान पहुंचाने, और अन्य बहुत सारी गतिविधिओं को अंजाम दिये जाने का दावा करते हैं। कई लोग यहाँ तक दावा करते हैं कि उन्होने किसी मरे हुए इंसान को देखा और उसने बात भी की जबकि वो नहीं जानते थे कि वो इंसान वास्तव में मर चुका था। हालांकि एक बार पता चलने पर वो भूत दोबारा नहीं मिला।

खैर ये तो थी भूतों और उनसे जुड़े किस्सों के बार में थोड़ी सी बातचीत। दरअसल हम में से अधिकतर लोग भूतों के बारे में ज्यादा नहीं जानते। हम लोग दूसरे लोगों के द्वारा शेयर की गयी जानकारी पर ही निर्भर करते हैं। तो चलिये इस लेख में हम भूत प्रेतों से जुड़ी कुछ आम धारणाओं के बारे में बात करते हैं।

  • आत्‍माएं रात को ही क्यों दिखाई देती हैं? यह बहुत ही आम प्रश्न है लेकिन समझ नहीं आता कि ऐसा क्यों होता है।  आम धारणा है कि आत्‍माएं दिन में होने वाले शोर और घरेलू सामान के चलने से होने वाले शोर की वजह से डरती हैं। माना जाता है कि रात के समय रोशनी कम होती है जिसके कारण भूत-प्रेत ज्यादा शक्ति दिखा पाते हैं और ज्यादा चीजों पर अपना नियंत्रण कर पाते हैं। यही कारण है कि रात के समय या एकांत में भूतों की मौजूदगी की संभावनाएं ज्यादा होती हैं।
  • भूत बहुत कम लोगों को ही दिखाई देते हैं। हिन्दू धर्म में लोगों मानना है कि जिनके गण यानि ग्रह नक्षत्र कमजोर होते हैं भूत उनको दिखाई देते हैं। दूसरी और लोगों का मानना है कि जिन लोगों में कुछ खास बात होती है उनको भूत दिखाई देते हैं। खास बात से मतलब शायद छठी इंद्री या कुछ आलोकिक शक्तियों से है।
  • ज्योतिषानुसार कुंडली में राहु की विशेष स्थिति में भी भूत से कुछ लोग ग्रस्त हो जाते हैं। जैसे राहु यदि लग्न में या अष्टम भाव में होता है और उस पर अन्य क्रूर ग्रहों की दृष्टि है। ऐसी स्थिति में भूत के होने का उक्त व्यक्ति को अहसास होता रहता है। जो राक्षसगण के लोग हैं उन्हें भूत के होने का अहसास तुरंत ही हो जाता है।
  • हिन्दू धर्म शास्त्रों में लिखा है कि जो व्यक्ति भूखा, प्यासा, संभोगसुख से विरक्त, राग, क्रोध, द्वेष, लोभ, वासना आदि इच्छाएं और भावनाएं लेकर मरता है वह अवश्य ही वह भूत बनकर भटकता है। साथ ही जो व्यक्ति दुर्घटना, हत्या, आत्महत्या आदि से मरता है वह भी भू‍त बनकर भटकता है। लेकिन साथ ही यह कहा जाता है मृत व्यक्ति के शरीर को जलाने और उसका श्राद्ध-तर्पण आदि करने पर वह व्यक्ति मुक्त हो जाता है। जो लोग अपने स्वजनों और पितरों का श्राद्ध और तर्पण नहीं करते वे उन अतृप्त आत्माओं द्वारा परेशान होते हैं।
  • पुरुषों का भूत- हिन्दू धर्म में कर्म और गति के अनुसार मरने वाले लोगों का विभाजन किया है। ये हैं भूत, प्रेत, पिशाच, कूष्मांडा, ब्रह्मराक्षस, वेताल और क्षेत्रपाल। इन सभी के उप-भाग भी होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार 18 प्रकार के प्रेत होते हैं। भूत सबसे शुरुआती चरण है या कहें कि जब कोई आम व्यक्ति मरता है तो सर्वप्रथम भूत ही बनता है।
  • स्त्री का भूत- माना गया है कि प्रसुता, स्त्री या नवयुवती मरती है तो चुड़ैल बन जाती है और जब कोई कुंवारी कन्या मरती है तो उसे देवी कहते हैं। बुरे कर्मों वाली स्त्री मरने पर डायन या डाकिनी बनती है। इन सभी की उत्पति अपने पापों, व्याभिचार, अकाल मृत्यु या श्राद्ध न होने से होती है।
  • भूत की ताकत : भूत अदृश्य होते हैं। भूत-प्रेतों के शरीर धुंधलके तथा वायु से बने होते हैं अर्थात् वे शरीर-विहीन होते हैं। इसे सूक्ष्म शरीर कहते हैं। आयुर्वेद अनुसार यह 17 तत्वों से बना होता है। कुछ भूत अपने इस शरीर की ताकत को समझ कर उसका इस्तेमाल करना जानते हैं तो कुछ नहीं।
  • कुछ भूतों की मानसिक शक्ति इतनी बलशाली होती है कि यह किसी भी व्यक्ति का दिमाग पलट कर उससे अच्छा या बुरा कार्य करा सकते हैं। यह भी माना जाता है कि यह किसी भी व्यक्ति के शरीर का इस्तेमाल करना भी बखूबी जानते हैं।
  • कुछ भूतों में स्पर्श करने यानि छूने की ताकत होती है तो कुछ में नहीं। जो भूत स्पर्श करने की ताकत रखता है वह बड़े से बड़े पेड़ों को भी उखाड़ कर फेंक सकता है। ऐसे भूत यदि बुरे हैं तो खतरनाक होते हैं। यह किसी भी देहधारी (व्यक्ति) को अपने होने का अहसास करा देते हैं।
  • माना जाता है भूत स्वयं किसी खास व्यक्ति को दिखाई देते हैं या अपने होने का आभास करवाते हैं। फिल्मों में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि कुछ बताने के लिए मृत व्यक्ति किसी खास व्यक्ति को दिखता है जो की उससे जुड़ी किसी घटना से जुड़ा होता है।
  • रिसर्च में भी यह साबित हुआ है कि बच्चों और जानवरों को भूत ज्यादा दिखाई देते हैं। इसकी वजह से बच्चों को भूतों के नाम से ही डर हो जाता है।
  • लोगों का मानना है कि भूतों की उपस्थिति का एहसास सबसे पहले जानवरों को होता है। ऐसा होने पर जानवर अलग तरह से बर्ताव करने लगते हैं।
  • आत्‍माएं कई रूपों में लोगों को नजर आती हैं उनका कभी कोई एक आकार नहीं होता है।
  • दुनिया के महान वैज्ञानिक अल्‍बर्ट आइंस्टीन ने भी भूत-प्रेतों के बारे में खोज की थी। उनका मानना था कि एनर्जी कभी खत्म नहीं होती है, बस शरीर बदल जाता है।
  • क्या आपको पता है कि माउंट एवरेस्ट पर 200 से भी ज्यादा मृत शरीर पड़े हैं।कई पर्वतोरोहियों ने माउंट एवरेस्ट में अंजान लोगों को देखने का दावा किया है। हो न हो ये वही मरे हुए लोग होंगे जिनके शव कभी बरामद नहीं हुए।
  • सबसे ज्यादा भूत किस देश के लोगों को दिखाई देते हैं? हो गए न आप भी सोचने पर मजबूर? दरअसल हाल ही के रिसर्च से यह पता चला है कि चीन के कार्यालय कर्मचारियों को सबसे ज्यादा भूत दिखाई देते हैं. इनमें से 87 प्रतिशत कर्मचारियों का मानना हैं कि भूत होते हैं। जाहिर है कि ज्यादातर लोगों ने भूतों को देखने और महसूस करने का दावा किया है.

इस लेख के कुछ अंश webdunia.com के एक लेख से लिए गए हैं

भारत के महान वैज्ञानिक, जिन्होंने भारत का नक्शा बदल दिया!

विश्व में भारत ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. विज्ञान हमारे जीवन शैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. भारत के ऋषि मुनियों द्वारा बताई गई बहुत सी बातें आज विज्ञान भी स्वीकार कर रहा है. भारत के महान गणितज्ञ और वैज्ञानिक आर्यभट्ट ने शून्य का आविष्कार कर विश्व को पहली बार संख्या के ज्ञान से परिचित करवाया था.

प्राचीन काल के विश्वविख्यात वैज्ञानिक आर्यभट्ट, नागार्जुन, भास्कराचार्य से लेकर आधुनिक युग के श्रीनिवास रामानुजन, डॉ. ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम, जयंत विष्‍णुनार्लीकर, जैसे महान वैज्ञानिकों ने नई- नई खोजें करके पूरी दुनिया में भारत का झंडा फहराया हैं.

आइए जानें ऐसे ही प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में जिन्होंने भारत का नक्शा ही बदल दिया.

सी.वी. रमन

सी.वी. रमन का पूरा नाम चंद्रशेखर वेंकटरमन था और उनका जन्म 7 नवंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्‍ली नामक स्थान में हुआ था. सी.वी. रमन भारत के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें 1930 में भौतिकी शास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. सी.वी. रमन के महान आविष्कारों में से एक प्रकाश पर गहन (Studied at the light) था. बाद में सी.वी. रमन द्वारा किए गए अविष्‍कार को “रमण प्रभाव” के रूप में जाना गया. 1954 ई. में उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किया गया था 1957 में उन्हें लेनिन शान्ति पुरस्कार (Lenin Peace Prize) दिया गया था.

होमी जहांगीर भाभा

होमी जहांगीर भाभा, भारत के एक प्रमुख वैज्ञानिक थे जिन्होंने भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की कल्पना की थी. भाभा का जन्म अक्टूबर 1909 को मुंबई में हुआ था. उनके द्वारा किए गए महान आविष्कारों में से एक क्वांटम थ्योरी (Quantum Theory) है. होमी जहांगीर भाभा भारतीय परमाणु ऊर्जा के पिता के रूप में भी विख्यात हुए हैं.  होमी जहांगीर भाभा ने भारत के महान वैज्ञानिक संस्थानों की स्थापना की हैं जैसे कि भाभा परमाणु अनुसंधान संस्थान (Bhabha Atomic Research Institute) और टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (Tata Institute of Fundamental Research). उन्हें ‘आर्किटेक्ट ऑफ इंडियन एटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम‘ भी कहा जाता है.

एम विश्वेस्वर्या – M. Visvesvaraya

1955 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर (कर्नाटक) के कोलार जिले में 15 सितंबर 1860 को एक तेलुगु परिवार में हुआ था. विश्वेश्वरैया भारत के महानतम, विद्वान और एक कुशल राजनेता थे. विश्वेश्वरैया के प्रसिद्ध आविष्कारों में Automatic Sluice Gates’ और Block Irrigation System’ हैं जिन्हें आजकल भी इंजीनियरिंग क्षेत्र में चमत्कार माना जाता है. उन्होंने 1895 में ‘कलेक्टर’ वेल्स के माध्यम से पानी फिल्टर करने का एक कारगर तरीके की खोज की थी जो कि शायद ही कभी दुनिया में कहीं देखा गया था. विश्वेश्वरैया की जन्म तिथि 15 सितंबर को उनकी यादगार के लिए भारत में अभियंता दिवस (Engineer Day) के रूप में मनाया जाता है.

श्रीनिवास रामानुजन्

श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसम्बर1887 को हुआ था. रामानुजन एक महान भारतीय गणितज्ञ थे. उनका गणितीय विश्लेषण (mathematical analysis), संख्या सिद्धांत (number theory) और अनंत श्रृंखला (Infinite series), के क्षेत्र में असाधारण योगदान रहा हैं. रामानुजन ने शुरू में अपने ही गणितीय शोध विकसित कि और इसे जल्द ही भारतीय गणितज्ञों द्वारा मान्यता दी गई थी.

सत्येन्द्र नाथ बोस

सत्येन्द्र नाथ बोस का जन्म 1 जनवरी 1894 को कोलकाता में हुआ था. बोस भारतीय गणितज्ञ और भौतिक शास्त्री हैं. बोस को “क्वांटम फिजिक्स” में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है. क्वांटम फिजिक्स में उनके अनुसंधान ने “बोस-आइंस्टीन स्टैटिस्टिक्स” और “बोस-आइंस्टीन कंडनसेट” सिद्धांत की नींव रखी थी. भौतिक शास्त्र में दो प्रकार के अणु माने जाते हैं – बोसान और फर्मियान. इनमे से बोसान सत्येन्द्र नाथ बोस के नाम पर हैं.

आर्यभट्‍ट

आर्यभट्‍ट भारत व् दुनिया के सबसे महान खगोलशास्त्रीयों (Kgolshastriyon) और गणितज्ञों में से एक थे. वर्तमान में भी उनके द्वारा किये गए आविष्कार (विज्ञान और गणित के क्षेत्र में) वैज्ञानिकों को प्रेरणा देते हैं. आर्यभट्‍ट का नाम उन व्यक्तियों में आता हैं जिन्होंने बीजगणित (एलजेबरा) का आविष्कार किया था. आर्यभट्‍ट ने अपनी प्रसिद्ध रचना ‘आर्यभटिया’ (गणित की पुस्तक) को कविता के रूप में लिखा. यह प्राचीन भारत की बहुचर्चित पुस्तकों में से एक है. आर्यभट्‍ट द्वारा लिखित आर्यभटिया’ पुस्तक में ज्यादातर जानकारी खगोलशास्त्र और गोलीय त्रिकोणमिति से सम्बंधित है. ‘आर्यभटिया’ पुस्तक में अंकगणित (Arithmetic), बीजगणित (algebra) और त्रिकोणमिति (trigonometry) के 33 नियम भी दिए गए हैं.

डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भारतीय वैज्ञानिक और भारत के 11वें राष्ट्रपति थे. अब्दुल कलाम ने भारत के सबसे महत्वपूर्ण संगठनों (डीआरडीओ और इसरो) में कार्य किया. उन्होंने वर्ष 1998 के पोखरण द्वितीय परमाणु परीक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. डॉ कलाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और मिसाइल विकास कार्यक्रम के साथ भी जुड़े थे. इसी कारण उन्हें ‘मिसाइल मैन’ भी कहा जाता है.

दिलचस्प तस्वीरें जो आपके दिल को छू लेंगी।

लिफ्ट में एक युवक ने एक बूढ़ी औरत के लिए एक “मानवीय कुर्सी” बनाईं।

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एक नन्ही बच्ची ऊंट के साथ-साथ खुश होती हुई।

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यह व्यक्ति “जादू की झप्पी” यानि गले लगाने के बदले में नि:शुल्क हजामत करता है।

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एक बीमार लड़की उस वक्त बहुत खुश हुई जब उसका चहेता रग्बी स्टार ब्रायन ओद्रिस्कोल्ल (O’Driscoll) उसको देखने अस्पताल पहुँचा।

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इस बच्चे के माता-पिता ने उसके लिए एक आइसक्रीम ट्रक का निर्माण किया।

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महिला पुलिस अधिकारी एक बतख परिवार के लिए रास्ता बना रही है।

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अटूट दोस्ती।

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यह प्यारा बच्चा रमजान के पहले दिन फ्रांस में स्ट्रासबर्ग ग्रांड मस्जिद में सजदा कर रहा है।

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संगीतकार लड़का और उसकी फैन

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भिक्षु अपने एक दोस्त के साथ भोजन बांटता हुआ।

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एक आदमी एक मानसिक और शारीरिक रूप से विकलांग बच्चे का मनोरंजन करता हुआ।

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आदमी और उसके दोस्त।

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मासूम बच्चें जो ध्रुवीय क्षेत्र में रहते है और खुशी खुशी जीवन व्यतीत करते हैं।

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.. और दूल्हा अपनी दुल्हन की खूबसूरती को देख कर रो पड़ा।

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सच्चे दोस्त, जो दोस्त को अलविदा चुंबन लेने में मदद कर रहे हैं।

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अभी तो हम जवान है ………..पुराना जोड़ा दिखा रहा है युवा प्रेम।

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भारत के उच्च न्यायालयों से जुड़ीं कुछ दिलचस्प बातें!

भारत का उच्चतम न्यायालय भारत का शीर्ष न्यायिक प्राधिकरण है. जिसे भारतीय संविधान के भाग 5 अध्याय 4 के तहत स्थापित किया गया है. राज्य स्तर पर सबसे बड़ी न्यायिक शक्ति उच्च न्यायालय के पास होती है. भारत में कुल मिलाकर 24 उच्च न्यायालय हैं जिनका क्षेत्राधिकार राज्य, केंद्र शासित प्रदेश या राज्यों का समूह होता है. आइए जाने भारत के सबसे पुराने और प्रसिद्ध उच्च न्यायालयों के बारें में.

कोलकता हाईकोर्ट

kolkata-high-courtकोलकाता उच्च न्यायालय भारत के सबसे पुराने उच्च न्यायालयों में से एक है. इसकी स्थापना उच्च न्यायालय अधिनियम, 1861 के तहत 1 जुलाई 1862 को की गई थी. इस उच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तक है. इस न्यायालय परिसर का निर्माण आर्किटेक्ट वाल्टर ग्रैनविले ने किया था. सन् 2001 में कलकत्ता का नाम बदल कर कोलकाता रखा गया.

मुंबई उच्च न्यायालय

Bombay-High-Courtमुंबई उच्च न्यायालय का उद्घाटन उच्च न्यायालय अधिनियम, 1861 के तहत 14 अगस्त 1862 को किया गया था. 1995 में बम्बई शहर का नाम बदल कर मुंबई रखा गया. मुंबई उच्च न्यायालय, चार्टर्ड उच्च न्यायालय और देश के सबसे पुराने उच्च न्यायालयों में से एक है. मुंबई उच्च न्यायालय का अधिकार क्षेत्र महाराष्ट्र के अलावा गोवा, औरंगाबाद, नागपुर, दमन एवं दीव, दादरा एवं नगर हवेली तक है. मुंबई हाईकोर्ट का निर्माण 1862 में आर्किटेक्ट जे.ए फुलर ने किया था. यह मुंबई की सबसे बड़ी सरकारी बिल्डिंग है इसको बनाने की कुल लागत 16 लाख 44 हजार 5 सौ 28 रूपये  आई थी. महात्मा गांधी जी ने भी 1891 में अपनी वकालत इसी उच्च न्यायालय से शुरू की थी.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय

allahabad-high-courtइलाहाबाद उच्च न्यायालय भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का उच्च न्यायालय है. इस राज्य का उच्च न्यायालय मूल रूप से ब्रिटिश राज में भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम 1861 के अन्तर्गत 17 मार्च 1866 को आगरा में स्थापित किया गया था. इस उच्च न्यायालय के पहले न्यायाधीश सर वाल्टर मॉर्गन थे. सन् 1869 में इसे आगरा से इलाहाबाद स्थानान्तरित किया गया. 11 मार्च 1919 को इसका नाम बदल कर इलाहाबाद उच्च न्यायालय रख दिया गया. यह न्यायालय भारत में स्थापित सबसे पुराने उच्च न्यायालयों में से एक है.

चेन्नई उच्च न्यायालय

madras-high-cortचेन्नई उच्च न्यायालय का उद्घाटन उच्च न्यायालय अधिनियम, 1861 के तहत 11 जून 1892 में हुआ. चेन्नई उच्च न्यायालय भारत-अरबी शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है इसका डिजाइन जे.डब्ल्यू ब्रसिंग्टन (Brassington) ने 1892 में तैयार किया था. बाद में प्रसिद्ध वास्तुकार हेनरी इरविन के मार्गदर्शन से इसे पूरा किया गया. यह उच्च न्यायालय चेन्नई में स्थित है. यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा न्यायालय परिसर है.

हैदराबाद उच्च न्यायालय

hyderabad-high-courtहैदराबाद उच्च न्यायालय की स्थापना 5 नवंबर 1956 को आंध्र राज्य अधिनियम, 1953 के तहत की गई थी. यह न्यायालय परिसर लाल और सफेद पत्थरों से बना हुआ है. इस परिसर का निर्माण हैदराबाद के निजाम सप्तम मीर उस्मान अली खान ने किया था. हैदराबाद उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य है.

भारत की अजीबोगरीब परंपराएँ

भारत में कई ऐसी परंपराएँ मौजूद हैं जो कई वर्षों से अपने मूल रूप में ही चली आ रही हैं। इन परंपराओं को मानने वाले इन्हें पूरी आस्था के साथ निभाते हैं। इनमें से कुछ परंपराएँ खतरनाक भी होती हैं लेकिन इनको निभाते समय लोगों के मन में किसी प्रकार का डर नही होता और वे जानलेवा परंपराओं को निभाने से भी पीछे नहीं हटते।

आज हम आपको भारत की कुछ ऐसी ही परंपराओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएँगे।

बच्चों को ऊपर से नीचें फेकना

baby_droppingमहाराष्ट्र के शोलापुर में बाबा उमर की दरगाह में बहुत ही अजीबोगरीब परंपरा है। यहाँ हिंदू और मुस्लिम अपने बच्चों को करीब 50 फीट की ऊंचाई से नीचे फेंकते हैं और नीचे खड़े लोग उन बच्चों को चादर से पकड़ते हैं। उनका मानना है कि  ऐसा करने से बच्चों का स्वास्थ्य और शरीर मजबूत होता है। यह परंपरा 700 साल से अधिक समय से चली आ रही है।

बच्चों की लंबी उम्र के लिए देवी को चढ़ाई जाती है लौकी

traditions of Indiaछत्तीसगढ़ के रतनपुर में स्थित शाटन देवी मंदिर से एक अनोखी परंपरा जुड़ी है। यहाँ मंदिर में लौकी चढ़ाई जाती है। यहाँ लोग अपने बच्चों की तंदुरुस्ती के लिए प्रार्थना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी यहाँ लौकी चढ़ाता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।

पहाड़ बताता है शिशु का लिंग

bizarre-traditionsझारखंड के खुखरा गाँव में अनोखी परंपरा है जो पिछले 400 सालों से चली आ रही है। इस गाँव में एक पहाड़ पर बनीं हुई एक चाँद की आकृति है। गाँव के लोगों का मानना है कि चाँद की आकृति वाला ये पहाड़ गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग बता देता है।

गर्भवती महिलाएँ कुछ दूरी से पत्थर फेंकती हैं। अगर यह पत्थर चाँद की आकृति के अंदर लगता है तो इसका मतलब है कि गर्भ में लड़का है। अगर बाहर लगे तो गर्भ में लड़की पल रही है। इस परंपरा पर गाँव वालों का अटूट विश्वास है।

गायों के पैरों से कुचलना

traditions-of-madhya-pradeshमध्य प्रदेश के उज्जैन के कुछ गांवों में सदियों से ये परंपरा चली आ रही है। इसमें लोग जमीन पर लेट जाते हैं और उनके ऊपर गायों को दौड़ा दिया जाता है। यह परंपरा दिवाली के अगले दिन एकादशी पर्व को निभाई जाती है।

इस दिन उज्जैन जिले के भीडावद और आस पास के गाँव के लोग पहले अपनी गायों को रंगों और मेहंदी से सजाते हैं। फिर अपने गले में माला डालकर रास्ते में लेट जाते हैं। इसके बाद गायों को छोड़ दिया जाता है और वे दौड़ती हुईं लोगों के ऊपर से गुजर जाती हैं। लोगों का मानना है कि इससे तरक्‍की का आशीर्वाद मिलता है और उनकी मनोकामना पूरी होती है।

गले तक मिट्टी में दफना दिए जाते हैं बच्चे

traditions-of-karnataka-and-andhra-pradeshउत्तरी कर्नाटक और आंध्रप्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बड़ी अजीब परंपरा है। जहाँ बच्चों को शारीरिक और मानसिक विकलांगता से बचाने के लिए जमीन में गले तक गाड़ दिया जाता है। इसके पीछे मान्यता यह है कि मिट्टी काफी पवित्र होती है और इस रिवाज के तहत बच्चों को 6 घंटों तक मिट्टी के अंदर रखा जाता है।

मिस इंडिया का ख़िताब जीतने वाली अभिनेत्रियाँ

जिसने भी मिस इंडिया या मिस वर्ल्ड का ख़िताब जीता है उनमें से ज्यादातर लड़कियों ने मॉडलिंग और अभिनय में अपना नाम कमाया या ग्लैमरस जीवन जिया है. आइए जानें ऐसी ही कुछ भारतीय अभिनेत्रियों के बारें में जिन्होंने यह ख़िताब जीत कर सिनेमा जगत में नाम कमाया.

लीला नायडू

leela-naiduलीला नायडू ने 1954 में मिस इंडिया का खिताव अपने नाम किया था. उन्होनें हिंदी और अंग्रेजी फिल्मों में अभिनय किया है. उन्हें अपने समय की सभी हिन्दी फिल्म अभिनेत्रीयों से सुंदर माना जाता था. लीला नायडू को 1954 में ही वॉग पत्रिका द्वारा गायत्री देवी के साथ विश्व की दस सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में शामिल किया गया.

रीता फारिया

rita-fariaरीता फारिया पॉवेल ने 1966 में मिस वर्ल्ड का ख़िताब अपने नाम किया था. एक साल मॉ‌डलिंग की ऊंचाईयों को छूने के बाद रीता ने डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की और इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाया. उन्होनें 1998 में फिर से वापसी करते हुए मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में बतौर जज भूमिका निभाई थी.

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जीनत अमान

zeenat-aman-जीनत अमान हिंदी फिल्मों की महशूर अभिनेत्री हैं. उनको 1970 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल करने के बाद प्रसिद्धि मिली. उसके बाद उन्होंने 1970 के मिस एशिया पैसिफिक का ताज अपने नाम किया. इसके बाद उन्होनें मॉडलिंग और फिल्मों में कम करना शुरु किया था.

जूही चावला

juhi-chawlaजूही चावला ने 1984 में मिस इंडिया का ताज अपने नाम किया था. जिसके बाद वह लाखों प्रशंसकों की प्रेरणा बनीं. जूही चावला भारतीय सिनेमा जगत में बहुत की लोकप्रिय अभिनेत्री है. जूही चावला ने हिन्दी के अलावा तेलगू, पंजाबी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, बंगाली भाषा की फिल्मों में भी काम किया है.

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सुष्मिता सेन

sushmita-senसुष्मिता सेन ने 1994 में मिस यूनिवर्स का ख़िताब जीता ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला थी. 1994 में ही उन्होंने मिस इंडिया का ख़िताब भी अपने नाम किया था. मिस इंडिया प्रतियोगिता में उन्होंने प्रसिद्ध अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन को हराया था. सुष्मिता ने ना केवल खुद को एक अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया बल्कि अकेले ही दो अनाथ लडकियों को भी अपनाया.

ऐश्वर्या राय बच्चन

aishwarya-rai-bachchan-1993ऐश्वर्या राय बच्चन भारतीय सिनेमा की प्रमुख अभिनेत्री हैं. 1994 में मिस इंडिया प्रतियोगिता की उपविजेता रहने के बाद उसी साल उन्होंने मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता जीती थी. वह दूसरी भारतीय महिला थी जिसने मिस वर्ल्ड का ख़िताब जीता था. ऐश्वर्या राय बच्चन दुनिया भर में सबसे ज्यादा मान्यता प्राप्त भारतीय चेहरों में से एक है. ऐश्वर्या राय ने हिन्दी के अलावा तेलगू, तमिल, बंगाली और अंग्रेजी फिल्मो मे भी काम किया है।

युक्ता मुखी (Yukta Mookhey)

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युक्ता मुखी भारतीय अभिनेत्री के साथ-साथ मॉडल और ब्यूटी क्वीन भी हैं. उन्होनें 1997 में फेमिना मिस इंडिया प्रतियोगिता जीती  और 1997 में ही मिस वर्ल्ड का ख़िताब अपने नाम किया था. ऐसा करने वाली वह तीसरी भारतीय महिला है. वह भारतीय रियलिटी शो बिग बॉस की प्रतियोगी भी रही हैं.

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लारा दत्ता

lara-duttaलारा दत्ता मिस यूनिवर्स का खिताब जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला है इससे पहले यह खिताब 1994 में सुष्मिता सेन ने जीता है. लारा ने वर्ष 2000 में मिस यूनिवर्स खिताब जीता है. 2011 में लारा दत्ता ने महेश भूपति से शादी की.

प्रियंका चोपड़ा

priyanka-chopra-miss-world-2000प्रियंका चोपड़ा हिन्दी फ़िल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री है. प्रियंका चोपड़ा ने 2000 में मिस वर्ल्ड का ख़िताब जीता है. प्रियंका के बाद अब तक किसी भारतीय महिला ने यह ख़िताब नही जीता. अपने सफल फ़िल्म कैरियर की वजह से प्रियंका चोपड़ा बॉलीवुड की सबसे अधिक वेतन पाने वाली अभिनेत्रियों में से एक है और भारत में सबसे लोकप्रिय हस्तियों में से एक बन गयी है.

तनुश्री दत्ता

tanushree-duttaतनुश्री दत्ता एक भारतीय मॉडल और अभिनेत्री हैं जिन्होंने हिंदी फिल्मों में ही अभिनय किया है. तनुश्री दत्ता ने 2004 में फेमिना मिस इंडिया का ख़िताब प्राप्त किया था और उसी वर्ष मिस यूनिवर्स के शीर्ष दस में भी जगह बनाई थी.

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