देखिये इस वायरल वीडियो और बच्ची के बारे में क्या कहा विराट कोहली ने!

पिछले कई दिनों से एक रोती हुई बच्ची की वीडियो सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर वायरल हो रही है. एक बच्ची गिनती सिखाई जा रही है और बच्ची रोते हुए, डरते हुए और साथ ही गुस्से होते हुए, अपनी माँ से उसे प्यार से सिखाने के लिए कह रही है, लेकिन तभी उसकी माँ उसे एक चांटा जड़ देती है. देखें:

वायरल विडियो: जब रोती हुई बच्ची ने कहा, मम्मी प्यार से पढ़ाओ, तकलीफ़ हो रही है!

इंडियन क्रिकेट team के कप्तान विराट कोहली ने इस वीडियो को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया था. विराट कोहली ने इसके साथ ही लिखा था, “तथ्य यह है कि एक बच्चे को सिखाने के लिए उसके(बच्चे के) दर्द और क्रोध को नजरअंदाज कर दिया जाता है और सिखाने वाले का स्वयं का अहंकार इतना हावी हो जाता है कि दया-करुणा पूरी तरह ख़त्म हो जाती है। यह बेहद चौंकाने वाला और दु:खी करने वाला है। बच्चे को धमका कर कभी भी नहीं सिखाया जा सकता है और साथ ही यह बच्चे के लिए बेहद हानिकारक भी है”

देखिये इस वायरल वीडियो और बच्ची के बारे में क्या कहा विराट कोहली ने!

यह वीडियो एक और जहाँ सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर वायरल हो चुका है वहीँ इस वीडियो से सम्बंधित एक रोचक खुलासा हुआ है.

वायरल विडियो: जब रोती हुई बच्ची ने कहा, मम्मी प्यार से पढ़ाओ, तकलीफ़ हो रही है!

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है. एक मासूम बच्ची को उसकी माँ पढ़ा रही है. बच्ची को उसकी माँ गिनती यानि 1,2,3,4,5 पढ़ा रही है. बच्ची वन, टू, थ्री… फाइव कहती है. माँ उसे फिर से बोलने को कहती है. माँ पूछती है, टू कहाँ हैं. बच्ची बता देती है. और वन टू थ्री फिर से बोलती है. माँ अचानक से फिर चिल्लाते हुए पूछती है, वन कहाँ है? बच्ची खीजते हुए कहती है, वन ये रहा..!!

जब माँ फिर से पूछती है तो बच्ची कहती है, मम्मी प्यार से पढाओ! मम्मी कान में दर्द हो रहा है, प्लीज, प्लीज! थोड़ी देर बाद जब माँ कहती है कि ये तीन है, ये फॉर है? तो बच्ची घबरा कर कहती है कि यह कुछ भी नहीं है!!

देखिये इस वायरल वीडियो और बच्ची के बारे में क्या कहा विराट कोहली ने!

रोती हुई बच्ची को माँ एक थप्पड़ जड़ देती है और बच्ची सहम जाती है. इस वीडियो को भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया था और साथ ही बच्चों को इस तरह से पढ़ाने को दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक करार दिया था.

देखें वीडियो:

चेरापूंजी में इतनी अधिक वर्षा क्यों होती है?

चेरापूंजी 25.30°N 91.70°E में स्थित है। यह 1484 मीटर (4869 फुट) की औसत ऊंचाई पर स्थित है. यह “खासी हिल्स” के दक्षिणी हिस्से में एक पठार पर स्थित है जिसके सामने की ओर बांग्लादेश के मैदानी इलाके पड़ते हैं। यह पठार आसपास की घाटियों के ऊपर 600 मीटर की ऊंचाई पर है।

क्या हम अपने दिमाग का 1-2% प्रतिशत ही इस्तेमाल करते हैं?

 भ्रांति या तथ्य??

बहुत सारी क्रांतिकारी खोजों के लिए प्रसिद्ध साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने दिमाग का 13 प्रतिशत उपयोग किया था जबकि सामान्य व्यक्ति सिर्फ 1-2 प्रतिशत का उपयोग कर सकता है।

यह वास्तव में एक बहुत प्रसिद्ध मिथक है जो 19वीं शताब्दी के शुरू में पैदा हुआ था। सच्चाई यह है कि मनुष्य केवल 10% मस्तिष्क का उपयोग नहीं करते हैं. मस्तिष्क वास्तव में हमेशा सक्रिय रहता है और मनुष्य अपने ज्ञान, अनुभव, क्षमता और विवेक के साथ पूरा का पूरा इस्तेमाल करता है.

10% के मिथक की बात वैज्ञानिक संभवत: मनोवैज्ञानिक कार्ल लैशली के अध्ययन के दौरान उत्पन्न हुई, जब वे मस्तिष्क में मेमोरी इग्राम पर शोध कर रहे थे। उन्होंने एक भूलभुलैया पर चलाने के लिए चूहों को प्रशिक्षित और उनकी दिमागी गतिविधिओं को नोट किया.

वहीँ कुछ लोग मानते हैं कि यह गलत धारणा तब बनी जब हार्वर्ड विश्वविद्यालय के दो मनोवैज्ञानिक विलियम जेम्स और बोरिस सिडिस एक बहुत ही उच्च बुद्धि IQ वाले बालक विलियन सिडिस नामक एक के बच्चे का अध्ययन कर रहे थे जिसका IQ व्यस्क होने पर 250-300 था.  इस शोध के दौरान इन मनोवैज्ञानिकों ने कहा कि लोग अपनी मानसिक क्षमता का केवल कुछ भाग ही उपयोग करते हैं। उनकी यह स्टेटमेंट समय के साथ-2 मिथक के रूप में प्रसिद्ध हो गयी।

इस की मुख्य वजह थी मीडिया जिन्होंने टेलीविजन, रेडियो और इन्टरनेट के माध्यम से लोगों को बताया कि मनुष्य अपने दिमाग का सिर्फ 10 प्रतिशत हिस्सा ही इस्तेमाल करता है और यह भी यकीन दिलाया कि कोशिश करने से हम अपने मस्तिष्क का 10 प्रतिशत से भी ज्यादा इस्तेमाल कर सकते हैं.

वास्तव में, यह साबित हो चुका है कि मनुष्य अपने दैनिक जीवन के विभिन्न कार्यों के लिए अपने दिमाग के सभी भागों का उपयोग करते हैं।

अगर यह मान लें कि मनुष्य अपने मस्तिष्क का सिर्फ 10 प्रतिशत हिस्सा इस्तेमाल करता है इसका मतलब हुआ कि हमारे दिमाग की 10 में से सिर्फ 1 तंत्रिका (Nerve) कोशिका काम करती हैं और हमारे मस्तिष्क के सिर्फ 10 प्रतिशत नयूरोंस (neurons) काम करते हैं, जो कि असम्भव है. असल में हमारे मस्तिष्क के 100 प्रतिशत नयूरोंस एक दूसरे से संकेतों का आदान प्रदान करते हैं जिससे यह सिद्ध होता है कि मनुष्य का दिमाग 100 प्रतिशत इस्तेमाल होता है न कि 10 प्रतिशत.

ऐसे कई अध्ययन हैं जिनमें यह पता चलता है कि अगर न्यूरॉनस को दी जाने वाली इनपुट (input) स्थगित होती है तो हमारे दिमाग का न्यूरॉन सिस्टम ठीक ढंग से कार्य नहीं करता. दूसरी तरफ छोटे बच्चों का दिमाग बहुत अनुकूलनीय (adaptable) होता है. अगर छोटे बच्चों के दिमाग का कोई हिस्सा काम नहीं करता तो उस हिस्से की जगह दिमाग में बचे हुए टिश्यूओं द्वारा ले ली जाती है.

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यहाँ जमीन के नीचे बसा है अनोखा गाँव, दिलचस्प है कारण!

21वीं सदी में लोगों ने जहाँ आसमान को छूती हुई इमारतें खड़ी की हैं वहीँ एक ऐसा अनोखा गाँव है जो पूरा का पूरा जमीन के नीचे बसा है! जी हाँ!अपने सही सुना. ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड शहर से 846 किमी दूर बसा एक ऐसा अनोखा गाँव है जो जमीन के नीचे बसा है.

जमीन के नीचे बसे इस गांव का नाम कूबर पेडी है (Coober Pedy). 2011 की जनगणना के मुताबिक कूबर पेडी गांव की जनसंख्या 1,695 हैं. इस गांव की 60% जनसंख्या जमीन के नीचे बने आलीशान घरों में रहती हैं.

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कैसे हुई शुरुआत?

इसकी शुरुआत 1915 में हुई थी जब यहाँ पहला ओपल यानि दुधिया पत्थर मिला. धीरे-धीरे यहाँ खनन का काम बढ़ा और आज भी यहाँ का मुख्य व्यवसाय ओपल का खनन ही है. पूरी दुनिया का 95% ओपल इसी गांव में पाया जाता है.

उस समय मजदूरों ने दिन की जला देने वाली गर्मी से बचने और आराम  करने के लिए जमीन के नीचे बनी गुफाओं को “डगआउट” के रूप में इस्तेमाल करना शुरू किया. धीरे-2 यहाँ काम करने वाले लोगों ने जमीन पर घर बनाने के बजाए साथ की  पहाड़ी को कुरेद कर घर बनाना शुरू किया. चूकिं यह स्थान रेगिस्तान में पड़ता है गर्मियों में बाहर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है.

सस्ता सौदा

यहाँ जमीन के भीतर एक तीन बैडरूम, लाउन्ज, किचन, बाथरूम वाला घर बनाने का खर्चा एक आम घर बनाने जितना ही है. लेकिन क्योंकि जमीन के अन्दर एसी की जरुरत नहीं पड़ती है और ह्यूमिडिटी भी कम रहती है यह जमीन के ऊपर घर बनने वाले घर के मुकाबले में ज्यादा फायदेमंद सौदा है.

desert-cave-hotelजमीन के अंदर बने यह घर बहुत ही सुंदर होते है. इन घरों की बनावट बेहद खूबसूरत और तापमान के अनुसार बनाई गई है. कूबर पेडी में घर इस तरह से बनाए गए है कि यहाँ न तो गर्मियों में A.C को जरूरत पडती है और न ही सर्दियों में हीटर की.

coober-pedy-gettyeकूबर पेडी जाकर आपको यहाँ म्यूज़ियम, होटल, पब और चर्च मिलेंगे. कूबर पेडी गाँव की इसी खासियत की वजह से यहाँ पर्यटकों का आना जाना लगा रहता हैं. यहां अब तक कई हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है.

ओपल पत्थर के उत्खनन के लिए मशहूर इस गांव को ‘Opal Capital of the World’ कहा जाता है. ओपल के बारे में हम आपको बता दे कि यह एक दूधिया रंग का पत्थर होता है और यह बहुत कीमती होता है.

पब्लिक फ्रिज जिसमें सिर्फ खाना ही नहीं बल्कि मिलते है जूते, किताबें और कपड़े!

ग्लोबल हंगर इंडेक्स के अनुसार भारत में 15.2% जनता को भरपेट खाना नहीं मिल पाता है. ऐसे में अगर अमीर लोगों के फ्रिज में पड़ा खाना जिसे वे अंततः कूड़े में फैंक देते हैं अगर एक पब्लिक फ्रिज में रख दिया जाए तो भूख की यह समस्या भारत से हमेशा के लिए मिट सकती है.

इस जीवनदायक आईडिया को साकार किया है आर्थोडेंटिस्ट डॉ. इसा फातिमा जैस्मीन ने. उन्होंने एक फ्रिज पब्लिक प्लेस में लगाया है जो हर समय खाने-पीने के सामान से भरा रहता है.

यह कोई आम फ्रिज नहीं है, यह ऐसी फ्रिज है जिससे कोई भी कुछ भी निकालकर खा सकता है। फ्रिज सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक खुला रहता है। इस फ्रिज की सुरक्षा के लिए एक गार्ड भी है।

चेन्नई के इलियट बीच पर रखा फ्रिज हजारों लाखों लोगों का पेट भरता है। अब आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर इस फ्रिज में खाना कौन रखता होगा तो आपको बता दें इसमें खाना रखने वाला कोई और नहीं बल्कि वहीं के लोग है। लोग ही फ्रिज में खाना रख जाते हैं, चाहे वो घर का बना हो या किसी रेस्‍टोरेंट से लाया गया हो।

कोई भी इंसान जो भूखा है वो फ्रिज खोल सकता है और इसमें रखी कोई भी चीज खा सकता है।

इस फ्रिज में सिर्फ खाना ही नहीं बल्कि किताबें, कपड़ें, खिलौने और जूते भी दान कर सकते हैं। फ्रिज से लगा एक शेल्‍फ भी है जिसमें इन सामानों को रखा जा सकता है और जिसे इसकी जरूरत हो वह इसे ले सकते हैं।

तो कैसा लगा आइडिया? क्यों न आप भी खाने और घरेलु सामान को कूड़ेदान में न फेंक कर किसी जरुरतमंद को दान करें. आखिर अपना ही देश तो है और इसके गरीबमुक्त समाज के निर्माण में क्यों न अपना योगदान दें?

जब KBC के सेट पर लेडी ने कहा “मेरे पति अभिषेक” ऐसा था बिग बी का रिएक्शन

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कौन बनेगा करोड़पति में आज अमिताभ बच्चन के सामने होंगी बिहार की नेहा।

आज केबीसी का ये चौथा एपिसोड प्रसारित होगा. अमिताभ बच्चन ने नेहा से कई सवाल पूछे जिनके जवाब सुनकर तो अमिताभ बच्चन चौंक गए. रिटायर बैंक मैनेजर की बहू की इस सफलता से पूरे परिवार में जश्न का माहौल है. हालांकि नेहा ने कितनी रकम जीती है इसका खुलासा तो एपीसोड देखने के बाद ही हो सकेगा.

नेहा बिहारशरीफ की रहने वाली है, और उनका ससुराल नवादा में है. केबीसी में चयन होने पर उनके मायके और और ससुराल के लोग काफी खुश हैं. ससुर अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि हम लोग बहू की इस सफलता से बहुत खुश हैं.

नेहा के शोख अंदाज के कारण पूरा एपिसोड देखने लायक बताया जा रहा है. कई बार तो नेहा के जवाब सुनकर अमिताभ बच्चन भी चौंक गए हैं. कार्यक्रम के दौरान नेहा अमिताभ से कहती हैं कि उनके जेठ का नाम अमित है, तो जेठानी का नाम जया है.

इसपर अमिताभ नेहा से पूछते हैं कि आपके घर में और कितने लोग हैं जिनके नाम हमारे परिवार से मिलते जुलते हैं. इस बात का जो जवाब नेहा ने दिया उस पर अमिताभ चौंक गए.

नेहा ने बताया की मेरे पति का नाम अभिषेक है. इस बात को सुनकर पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा.

 

इन देशों में कभी नहीं डूबता सूरज, जानिये क्या है वजह

प्रकृति के कुछ ऐसे नियम भी है जो लाखों-हज़ारों सालों से चलते आ रहे हैं। इनमें प्रमुख है रात और दिन. रात और दिन प्रकृति का ऐसा नियम है जिसमें दिन के बाद रात आती है और रात के बाद दिन. लेकिन कुछ ऐसी भी जगहें हैं जहाँ प्रकृति द्वारा बनाया गया यह नियम भी फेल हो जाता है.

जी हाँ दुनिया में ऐसी कुछ जगहें है जहाँ कभी सूर्य अस्त ही नहीं होता है. इस देशों में इतने बड़े बड़े दिन होते है कि यहां रात या अँधेरे का पता ही नहीं चलता. आइए जानें कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में.

आइसलैंड

icelandआइसलैंड उत्तर पश्चिमी यूरोप में उत्तरी अटलांटिक में ग्रीनलैंड और नार्वे के मध्य बसा एक खूबसूरत देश है. आइसलैंड में आपको सुंदर झरने, पहाड़, ज्वालामुखी, ग्लेशियर और प्रकृति के खूबसूरत नजारे सब का मन मोह लेते हैं. यहां की एक और खास बात यह है कि यहाँ रात को भी सूरज की रोशनी का आनंद लिया जा सकता है. आइसलैंड में मई से लेकर जून तक सूरज कभी नहीं डूबता है.

नॉर्वे

norwayनार्वे यूरोप महाद्वीप में स्थित एक खूबसूरत देश है. यहाँ भी कई स्थानों पर मई से लेकर जुलाई तक यानी पूरे 76 दिनों तक यहां रात को भी सूरज चमकता है. ऐसी रोमांचित जगहों का मजा लेने के लिए लोग दुनिया के हर कोने से यहाँ आते है. इसलिए नार्वे को ‘लैंड ऑफ द मिडनाइट सन’ नाम से भी जाना जाता है.  नॉर्वे के उत्तरी छोर पर मौजूद हेमरफेस्ट शहर में रात 12:40 पर सूरज डूबता है, और उसके 40 मिनट बाद उग जाता है।

अलास्का

alaskaअलास्का उत्तर अमेरिकी महाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी छोर में स्थित अमेरिकी का एक राज्य है. अलास्का के कुछ हिस्सों में भी मई से लेकर जुलाई अंत तक सूर्य नही छुपता है. अलास्का में सिर्फ मध्यरात्रि में करीब 51 मिनट के लिए सूर्य अस्त होता है और फिर से सूर्योदय हो जाता है.

स्‍वीडन

swedenस्‍वीडन, यूरोप महाद्वीप में स्थित एक खूबसूरत देश है. स्‍वीडन में भी करीब 100 दिनों तक यानि मई से लेकर अगस्त तक सूरज नहीं डूबता है.

फिनलैंड

finlandफिनलैंड एक खूबसूरत देश है. यहाँ का मौसम बहुत ही सुहावना और मनमोहक होता है. इसलिए यहाँ पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है. फिनलैंड में अधिकांश हिस्‍सों में गर्मी के दौरान यहां के लोगों को लगभग 73 दिनों अंधेरा नसीब नहीं होता है.

कनाडा

कनाडा के इनुविक और कुछ अन्य उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में, गर्मियों के दौरान लगभग 56 दिनों तक सूरज उगता है और केवल दिन होता है। इनविक के लोग इन 56 दिनों को एक उत्सव की तरह मनाते हैं। मछली पकड़ना और शिकार करना जुलाई के मध्य में ग्रेट नॉर्दर्न आर्ट्स के वार्षिक उत्सव में भाग लेना, टुंड्रा पर गोल्फ खेलना और मिडनाइट “सन फन रन” में हिस्सा लेना ये सब गतिविधियां गर्मियों के समय में आधी रात को शुरू होती हैं। इनविक उत्तर पश्चिमी कनाडाई शहर आर्कटिक सर्कल के उत्तर में दुनिया के एक छोटे से क्षेत्र का हिस्सा है। जो वर्तमान में “आधी रात का सूरज” के रूप में जाना जाता है।

एक्स्ट्रा टैलेंट के साथ बॉलीवुड सितारे

प्रतिभा की कोई सीमा नहीं है. विशेष रूप से बॉलीवुड में भारत के सबसे प्रतिभावान लोग हैं. अभिनय एक आसान काम नहीं है और उससे भी ज्यादा मुश्किल भारत के लोगों का मनोरंजन करना है. इसके लिए आपके पास निश्चित रूप से प्रतिभा होनी चाहिए.

खुशमिजाज लोग यह 9 गलतियाँ कभी नहीं करते

हम अपना बहुत समय खुश रहने वाले लोगों की आदतों और उनकी मानसिकता के बारे में जानने के लिए लगा देते हैं, लेकिन हम यह जानना भूल जाते हैं कि वह कौन-कौन सी गलतियाँ नहीं करते जिनसे वह खुश रहते हैं. यह हैं 9 ऐसी गलतियाँ जो खुश रहने वाले लोग कभी नहीं करते.

वह आलोचना नहीं करते

ज्यादातर खुश रहने वाले लोग किसी भी व्यक्ति की आलोचना करना पसंद नहीं करते. अगर उनको किसी के अच्छे के लिए आलोचना करनी भी है तो वह बहुत निम्र स्वभाव से उस व्यक्ति को समझाते हैं. खुश रहने वाले लोग हमेशा दूसरों का ख्याल रखते हैं और वह उनको दुखी नहीं करते.

वह अपने से दूसरों की तुलना नहीं करते

खुश रहने वाला व्यक्ति अपनी जिंदगी से हमेशा संतुष्ट रहता है. उनके पास जो कुछ भी होता है वह उसी के आभारी होते हैं और वह अपनी जीवनशैली को दूसरों की जीवनशैली से तुलना नहीं करते.

वे शिकायत नहीं करते

हर चीज के बारे में शिकायत करना एक ऐसा लक्ष्ण है जो आपका ध्यान उन चीजों पर केंद्रित करता है जो आपके पास नहीं हैं. आप अपनी जिंदगी में वह सब कुछ नहीं पा सकते जिसे पाने की आप में इच्छा है. खुशमिजाज लोग इस बात को जानते हैं कि हर बार शिकायत करते रहना किसी समस्या का हल नहीं है.

वे अतीत में नहीं रहते

अतीत में रहने वाले लोग अक्सर उदास ही रहते हैं. वह हर बार अपनी अतीत में हुई गलतियों के बारे में ही सोचते रहते हैं, लेकिन असल में यह समय की बर्बादी होती है. असल में जिंदगी का मुख्य लक्ष्य है कि सकरात्मक रहें और अपने बेहतर भविष्य के लिए कड़ी मेहनत करें.

वे समय बर्बाद नहीं करते

खुशमिजाज लोग वर्तमान में रहते हैं और वर्तमान के हर पल को अच्छे से इस्तेमाल करते हैं.

वे दूसरों को बदलने की कोशिश नहीं करते

खुशमिजाज लोग अपने मित्रों को जैसे वो हैं वैसे ही स्वीकार करते हैं. वह उनको जबरदस्ती बदलने की कोशिश नहीं करते.

खुशमिजाज लोग व्यक्तिगत विकास की प्राथमिकताओं को नहीं भूलते

वे सिर्फ अपने सपनों के बारे में, अपने उदेश्यों के बारे में, अपनी दैनिक आदतों और अपने स्वास्थ्य के बारे में सोचते हैं. ऐसा करने से वह अपने जीवन के लक्ष्यों को पाते हैं.

वे लोगों के फैंसलों के बारे में चिंता नहीं करते

खुशमिजाज लोग इस बात की चिंता कभी नहीं करेंगे कि दूसरे लोग उनके बारे में क्या सोच रहे हैं? वह वही करते हैं जो वो चाहते हैं और वह दूसरे लोगों की पसंदगी और नापसंदगी के बारे में नहीं सोचते.

वह ज्यादा नहीं सोचते

खुश रहने वाले लोग यह जानते होते हैं कि ज्यादा सोचने से ही अवसाद, चिंता और तनाव जैसी समस्याएँ पैदा होती हैं. इसीलिए वह ज्यादा नहीं सोचते.