3 कप से ज्यादा चाय पीते हैं तो हो जाओ सावधान!

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यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो की रिसर्च के अनुसार एक दिन में तीन कप से ज्यादा चाय पीने से सेहत को नुकसान हो सकता है। डाइटीशियन डॉ. अलका दुबेके अनुसार चाय में कैफीन और इसके अलावा भी ऐसे कई न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो अधिक मात्रा में लेने से सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए ज्यादा चाय पीने वालों को इसकी क्वांटिटी कम करनी चाहिए। चाय ज्यादा पीने से होने वाले नुकसानों के बारे में।

  • चाय में कैफीन होता है, और ज्यादा चाय पीने से घबराहट और बेचैनी बढ़ती है.
  • चाय से पेट की प्रॉब्लम बढ़ सकती है.
  • चाय में फ्लोराइड की क्वांटिटी अधिक होती है. इस से हडियाँ कमजोर हो सकती है.
  • ज्यादा चाय पीने से नींद ना आने की प्रॉब्लम हो सकती है.
  • चाय ना मिलने पर सिरदर्द, थकन और डलनेस फील होती है.
  • ज्यादा गर्म चाय पीने से मुंह से पेट को जोड़ने वाली नलियाँ डैमेज होती है. इस से कैंसर भी हो सकता है.
  • 5 कप से ज्यादा चाय से यूरिन 400-500% बढ़ जाता है. इस से किडनी पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है और किडनी प्रॉब्लम हो सकती हैं.
  • ज्यादा चाय पीने से बार बार युरिन आता है, जिसकी वजह से सोडियम, पोटैशियम जैसे बॉडी के लिए जरूरी मिनरल्स भी बाहर निकल जाते हैं और कमजोरी बदती है. इस से बॉडी से पानी भी बाहर निकल जाता है और डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम हो सकती है.
  • इसमें एल्युमीनियम जैसे कई टॉकसिन्स होते है. इस से स्किन प्रॉब्लम जैसे पिंपल्स या रैशेज हो सकते हैं.

भारत में 10 अविश्वसनीय जगहें

भारत को “अविश्वसनीय भारत” यूं ही नहीं कहा जाता. भारत में घूमना रोलर-कोस्टर की सवारी की तरह रोमांचक है. भारत में ऐसे अनगिनत स्थान हैं जो पर्यटकों को लुभाते हैं. यहां के बीच, पर्वत, साहसिक खेल, शानदार होटल, ऐतिहासिक स्मारक अपने आप में भारत की खूबसूरती बयान करते है. भारत की धरती पर बहुत सी अदभुत और हैरान कर देने वाली चीज़ें और जगहें हैं. यहां प्रस्तुत हैं भारत की शीर्ष 10 असामान्य जगह जिनके बारे में आप नहीं जानते होंगे.

उड़ता हुआ पत्थर-शिवपुर, महाराष्ट्र

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महाराष्ट्र में पुणे में शिवपुर नामक गांव में हज़रत कमर अली दरवेश नाम से एक विलक्षण दरगाह है जिसके बारे में एक बहुत ही दिलचस्प तथ्य प्रचलित है. 800 वर्ष पहले यह दरगाह एक व्यायामशाला थी. इस जगह पर एक पहलवान ने सूफी संत कमर अली का मजाक उड़ाया था. इस पर उन्होंने 70 किलो का पत्थर बिना हाथ लगाये उठा कर दिखाया था. आज भी इस पत्थर को हजरत कमर अली का नाम लेकर 11 उँगलियों पर उठाया जाता है.

काले जादू की धरती – मयोंग, असम

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असम में पड़ते मयोंग (Mayong) नाम के गाँव को काले जादू की धरती भी कहा जाता है. यह गाँव गुवाहटी शहर से 40 कि.मी. की दूरी पर, पोबितोरा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी (Pobitora Wildlife Sanctuary) के समीप है. माना जाता है कि इस गाँव का नाम संस्कृत के शब्द माया के नाम से पड़ा है. यहाँ पर लोगों के हवा में गायब होने, लोगों के जानवरों में बदलने और हिंसक जंगली जानवरों के पालतू बनाये जाने की कई कथाएं प्रचलित हैं. यहाँ पर जादू-टोन सदियों से प्रचलित है.

कंकालों की झील- रूपकुंड झील, चामोली, उत्तराखंड

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समुद्रतल से 16500 फुट की ऊंचाई पर स्थित “रूपकुंड” नामक यह झील हिमालय पर्वत के सबसे निर्जन हिस्से में है. यह झील बर्फ से ढकी रहती है. इस झील में 600 नरकंकाल पाए गये हैं. जब बर्फ पिघलती है तो यह कं काल झील के तल में पड़े दिखाई देते हैं. यहाँ के निवासियों का मानना है यह कंकाल 9वीं सदी के उन लोगों के हैं जिन्होंने लातु (Latu) देवता का अपमान किया था और उस देवता ने इन्हें एक बर्फीले तूफान में फंसाकर मार डाला था.

ज्यादा संख्या में पक्षियों का आत्महत्या करना-जतिंगा, असम

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जतिंगा का यह फलता-फूलता गाँव असम की बोरैल (Borail) पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है. हर वर्ष सितम्बर और अक्टूबर के बीच, खास तौर पर अँधेरी और धुंध वाली रातों में, सैंकड़ों पक्षी पेड़ों और इमारतों से टकराकर मर जाते हैं. ‘सामूहिक पक्षी आत्महत्या’ के इस विचित्र घटनाक्रम को प्रसिद्ध प्रकृतिवादी ई.पी. जी (E.P. Gee) 1960 में प्रकाश में लाये थे. तब से लेकर यह दुनिया के अनसुलझे रहस्यों में से एक बनी हुई है।

जुड़वा बच्चों के मामले- कोदिन्ही(केरला) और उमरी (अलाहाबाद के पास)

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कोदिन्ही गाँव, केरला के मल्लापुरम जिले के नजदीक पड़ता है. इस गाँव ने पूरे विश्व के विज्ञानियों को हैरत में डाल रखा है. इस गाँव की जनसंख्या 2000 है जिनमें से 350 जुड़वाँ बच्चे हैं यह जुड़वा बच्चे दिखने में एक दूसरे की तरह लगते हैं. इस गाँव में हर 1000 बच्चों के जन्म के पीछे 42 जुड़वाँ पैदा होते हैं.

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कुख्यात क्रीम का घर- मलाना, हिमाचल प्रदेश

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यह जगह कुल्लू शहर के उत्तर-पूर्व में पड़ती है. मलाना को भारत का “छोटा ग्रीस” भी कहा जाता है, क्योंकि यहां के रहने वाले निवासियों का मानना है कि वह एलेग्जेंडर-द-ग्रेट की सन्तान हैं. यह प्राचीन गाँव पूरी दुनिया से कटा हुआ है. इस गाँव में सिर्फ 100 घर हैं, लेकिन यह मलाना क्रीम का घर है और यहाँ पर अच्छी गुणवत्ता वाली और सबसे शक्तिशाली चरस का उत्पादन होता है.

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एशिया का सबसे स्वच्छ गांव- मावलयनोंग, मेघालय

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यह गाँव चिरापुंजी में स्थित है और यह गाँव “परमात्मा के बगीचा” के नाम से मशहूर है. यह गाँव अपनी स्व्च्छता की वजह से अन्तराष्ट्रीय स्तर पर वाहवाही लूट चूका है. यह एक दिलचस्प बात है कि इस गाँव की साक्षरता दर 100% है और इस गाँव के निवासी अच्छी तरह से अंग्रेजी बोलते हैं. इसके इलावा यहाँ पर बहुत सारे झरने और पहाड़ हैं.

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चूहों का मंदिर – करणी माता मंदिर, राजस्थान

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राजस्थान के बीकानेर शहर से 30 किलोमीटर दूर देशनोक नामक कस्बा पड़ता है. इस कस्बे में पड़ने वाला करणी माता जी का मंदिर 20,000 चूहों का घर है. इस मंदिर में चूहों को पूजा जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है यह चूहे करणी माता जी के परिवार के सदस्य हैं. इन चूहों में सफेद चूहों को ओर भी श्रधा से पूजा जाता है क्योंकि इन चूहों को करणी माता जी की सन्तान माना जाता है.

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साँपों की धरती- शेत्फेल, महाराष्ट्रा

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महाराष्ट्र के शोलापुर जिले में शेत्फेल नाम का गाँव पड़ता है और इस गाँव में साँपों को पूजा जाता है. इस गाँव के निवासी बहुत भयंकर रीती रिवाजों को मानते हैं. इस गाँव में हर घर में एक कोबरा के लिए आराम करने के लिए जगह बनाई जाती है. अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है. जिसमें साँपों ने इस गाँव में रहने वाले लोगों पर हमला किया हो या काटा हो. इस गाँव में सांप आराम से एक घर से दुसरे घर तक घुमते रहते हैं.

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मृत लोगों के साथ भोजन कराने वाला रेस्तरां, अहमदाबाद

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अहमदाबाद में न्यू-लकी नाम का रेस्तरां बाकी रेस्तरां से बहुत अलग है. यह कॉफ़ी हाउस सदियों पुरानी मुसलमानों की कब्रों पर बना हुआ है. इस रेस्तरां के अंदर एक टेबलों के बीच कब्रें बनी हुई हैं. यह कब्रें 16वीं सदी के सूफी संतों की हैं. यह रेस्तरां हमेशा ग्राहकों से भरा रहता है इस रेस्तरां के मालिक का मानना है कि इस रेस्तरां की कब्रें उस के लिए एक शुभंकर हैं.

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जानिए क्या है वायरल वीडियो में रोती हुई बच्ची का सच!

इस वीडियो को भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया था और साथ ही बच्चों को इस तरह से पढ़ाने को दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक करार दिया था.

Mirchi Bollywood के एक वीडियो के मुताबिक यह बच्ची बॉलीवुड सिंगर शारिब साबरी और तोशी साबरी की भांजी है और इसका नाम ह्या है. शारिब साबरी ने इस बच्ची के कई और वीडियो इन्स्टाग्राम पर शेयर किये थे.

वायरल विडियो: जब रोती हुई बच्ची ने कहा, मम्मी प्यार से पढ़ाओ, तकलीफ़ हो रही है!

इस बारे में तोशी से पूछने पर उनका कहना था कि, “विराट कोहली और शिखर धवन हमारे बारे में कुछ नहीं जानते. हमारे बच्चे के बारे में हमें पता है कि उसका नेचर कैसा है. अगले ही पल वह खेलने चली जाती है. अगर आप उसे (पढ़ाना) छोड़ दो तो वो कहेगी कि मैं मजाक कर रही थी. उसके नेचर की वजह से उसे छोड़ देंगे तो वह पढाई भी नहीं कर पाएगी”

देखिये इस वायरल वीडियो और बच्ची के बारे में क्या कहा विराट कोहली ने!

उन्होंने आगे कहा कि, “वो नहीं चाहते थे कि यह वीडियो वायरल हो जाए. यह वीडियो उसकी माँ ने अपने भाई और पति को यह दिखाने के लिए बनाई थी कि वह कितनी ढीठ हो गयी है.”

देखें वीडियो:

देखें वीडियो. इसके बाद देखें कि शिखर धवन ने इस वीडियो के बारे में क्या कहा था.

अब वे वीडियो के बारे में चाहे जो भी सफाई दें, लेकिन वीडियो में जो दिख रहा है उसे देखकर लोग तो यही कहेंगे कि बच्ची बहुत प्रैशर और तकलीफ में नजर आ रही है

देखिये इस वायरल वीडियो और बच्ची के बारे में क्या कहा विराट कोहली ने!

पिछले कई दिनों से एक रोती हुई बच्ची की वीडियो सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर वायरल हो रही है. एक बच्ची गिनती सिखाई जा रही है और बच्ची रोते हुए, डरते हुए और साथ ही गुस्से होते हुए, अपनी माँ से उसे प्यार से सिखाने के लिए कह रही है, लेकिन तभी उसकी माँ उसे एक चांटा जड़ देती है. देखें:

वायरल विडियो: जब रोती हुई बच्ची ने कहा, मम्मी प्यार से पढ़ाओ, तकलीफ़ हो रही है!

इंडियन क्रिकेट team के कप्तान विराट कोहली ने इस वीडियो को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया था. विराट कोहली ने इसके साथ ही लिखा था, “तथ्य यह है कि एक बच्चे को सिखाने के लिए उसके(बच्चे के) दर्द और क्रोध को नजरअंदाज कर दिया जाता है और सिखाने वाले का स्वयं का अहंकार इतना हावी हो जाता है कि दया-करुणा पूरी तरह ख़त्म हो जाती है। यह बेहद चौंकाने वाला और दु:खी करने वाला है। बच्चे को धमका कर कभी भी नहीं सिखाया जा सकता है और साथ ही यह बच्चे के लिए बेहद हानिकारक भी है”

देखिये इस वायरल वीडियो और बच्ची के बारे में क्या कहा विराट कोहली ने!

यह वीडियो एक और जहाँ सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर वायरल हो चुका है वहीँ इस वीडियो से सम्बंधित एक रोचक खुलासा हुआ है.

वायरल विडियो: जब रोती हुई बच्ची ने कहा, मम्मी प्यार से पढ़ाओ, तकलीफ़ हो रही है!

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है. एक मासूम बच्ची को उसकी माँ पढ़ा रही है. बच्ची को उसकी माँ गिनती यानि 1,2,3,4,5 पढ़ा रही है. बच्ची वन, टू, थ्री… फाइव कहती है. माँ उसे फिर से बोलने को कहती है. माँ पूछती है, टू कहाँ हैं. बच्ची बता देती है. और वन टू थ्री फिर से बोलती है. माँ अचानक से फिर चिल्लाते हुए पूछती है, वन कहाँ है? बच्ची खीजते हुए कहती है, वन ये रहा..!!

जब माँ फिर से पूछती है तो बच्ची कहती है, मम्मी प्यार से पढाओ! मम्मी कान में दर्द हो रहा है, प्लीज, प्लीज! थोड़ी देर बाद जब माँ कहती है कि ये तीन है, ये फॉर है? तो बच्ची घबरा कर कहती है कि यह कुछ भी नहीं है!!

देखिये इस वायरल वीडियो और बच्ची के बारे में क्या कहा विराट कोहली ने!

रोती हुई बच्ची को माँ एक थप्पड़ जड़ देती है और बच्ची सहम जाती है. इस वीडियो को भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया था और साथ ही बच्चों को इस तरह से पढ़ाने को दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक करार दिया था.

देखें वीडियो:

चेरापूंजी में इतनी अधिक वर्षा क्यों होती है?

चेरापूंजी 25.30°N 91.70°E में स्थित है। यह 1484 मीटर (4869 फुट) की औसत ऊंचाई पर स्थित है. यह “खासी हिल्स” के दक्षिणी हिस्से में एक पठार पर स्थित है जिसके सामने की ओर बांग्लादेश के मैदानी इलाके पड़ते हैं। यह पठार आसपास की घाटियों के ऊपर 600 मीटर की ऊंचाई पर है।

क्या हम अपने दिमाग का 1-2% प्रतिशत ही इस्तेमाल करते हैं?

 भ्रांति या तथ्य??

बहुत सारी क्रांतिकारी खोजों के लिए प्रसिद्ध साइंटिस्ट अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने दिमाग का 13 प्रतिशत उपयोग किया था जबकि सामान्य व्यक्ति सिर्फ 1-2 प्रतिशत का उपयोग कर सकता है।

यह वास्तव में एक बहुत प्रसिद्ध मिथक है जो 19वीं शताब्दी के शुरू में पैदा हुआ था। सच्चाई यह है कि मनुष्य केवल 10% मस्तिष्क का उपयोग नहीं करते हैं. मस्तिष्क वास्तव में हमेशा सक्रिय रहता है और मनुष्य अपने ज्ञान, अनुभव, क्षमता और विवेक के साथ पूरा का पूरा इस्तेमाल करता है.

10% के मिथक की बात वैज्ञानिक संभवत: मनोवैज्ञानिक कार्ल लैशली के अध्ययन के दौरान उत्पन्न हुई, जब वे मस्तिष्क में मेमोरी इग्राम पर शोध कर रहे थे। उन्होंने एक भूलभुलैया पर चलाने के लिए चूहों को प्रशिक्षित और उनकी दिमागी गतिविधिओं को नोट किया.

वहीँ कुछ लोग मानते हैं कि यह गलत धारणा तब बनी जब हार्वर्ड विश्वविद्यालय के दो मनोवैज्ञानिक विलियम जेम्स और बोरिस सिडिस एक बहुत ही उच्च बुद्धि IQ वाले बालक विलियन सिडिस नामक एक के बच्चे का अध्ययन कर रहे थे जिसका IQ व्यस्क होने पर 250-300 था.  इस शोध के दौरान इन मनोवैज्ञानिकों ने कहा कि लोग अपनी मानसिक क्षमता का केवल कुछ भाग ही उपयोग करते हैं। उनकी यह स्टेटमेंट समय के साथ-2 मिथक के रूप में प्रसिद्ध हो गयी।

इस की मुख्य वजह थी मीडिया जिन्होंने टेलीविजन, रेडियो और इन्टरनेट के माध्यम से लोगों को बताया कि मनुष्य अपने दिमाग का सिर्फ 10 प्रतिशत हिस्सा ही इस्तेमाल करता है और यह भी यकीन दिलाया कि कोशिश करने से हम अपने मस्तिष्क का 10 प्रतिशत से भी ज्यादा इस्तेमाल कर सकते हैं.

वास्तव में, यह साबित हो चुका है कि मनुष्य अपने दैनिक जीवन के विभिन्न कार्यों के लिए अपने दिमाग के सभी भागों का उपयोग करते हैं।

अगर यह मान लें कि मनुष्य अपने मस्तिष्क का सिर्फ 10 प्रतिशत हिस्सा इस्तेमाल करता है इसका मतलब हुआ कि हमारे दिमाग की 10 में से सिर्फ 1 तंत्रिका (Nerve) कोशिका काम करती हैं और हमारे मस्तिष्क के सिर्फ 10 प्रतिशत नयूरोंस (neurons) काम करते हैं, जो कि असम्भव है. असल में हमारे मस्तिष्क के 100 प्रतिशत नयूरोंस एक दूसरे से संकेतों का आदान प्रदान करते हैं जिससे यह सिद्ध होता है कि मनुष्य का दिमाग 100 प्रतिशत इस्तेमाल होता है न कि 10 प्रतिशत.

ऐसे कई अध्ययन हैं जिनमें यह पता चलता है कि अगर न्यूरॉनस को दी जाने वाली इनपुट (input) स्थगित होती है तो हमारे दिमाग का न्यूरॉन सिस्टम ठीक ढंग से कार्य नहीं करता. दूसरी तरफ छोटे बच्चों का दिमाग बहुत अनुकूलनीय (adaptable) होता है. अगर छोटे बच्चों के दिमाग का कोई हिस्सा काम नहीं करता तो उस हिस्से की जगह दिमाग में बचे हुए टिश्यूओं द्वारा ले ली जाती है.

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यहाँ जमीन के नीचे बसा है अनोखा गाँव, दिलचस्प है कारण!

21वीं सदी में लोगों ने जहाँ आसमान को छूती हुई इमारतें खड़ी की हैं वहीँ एक ऐसा अनोखा गाँव है जो पूरा का पूरा जमीन के नीचे बसा है! जी हाँ!अपने सही सुना. ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड शहर से 846 किमी दूर बसा एक ऐसा अनोखा गाँव है जो जमीन के नीचे बसा है.

जमीन के नीचे बसे इस गांव का नाम कूबर पेडी है (Coober Pedy). 2011 की जनगणना के मुताबिक कूबर पेडी गांव की जनसंख्या 1,695 हैं. इस गांव की 60% जनसंख्या जमीन के नीचे बने आलीशान घरों में रहती हैं.

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कैसे हुई शुरुआत?

इसकी शुरुआत 1915 में हुई थी जब यहाँ पहला ओपल यानि दुधिया पत्थर मिला. धीरे-धीरे यहाँ खनन का काम बढ़ा और आज भी यहाँ का मुख्य व्यवसाय ओपल का खनन ही है. पूरी दुनिया का 95% ओपल इसी गांव में पाया जाता है.

उस समय मजदूरों ने दिन की जला देने वाली गर्मी से बचने और आराम  करने के लिए जमीन के नीचे बनी गुफाओं को “डगआउट” के रूप में इस्तेमाल करना शुरू किया. धीरे-2 यहाँ काम करने वाले लोगों ने जमीन पर घर बनाने के बजाए साथ की  पहाड़ी को कुरेद कर घर बनाना शुरू किया. चूकिं यह स्थान रेगिस्तान में पड़ता है गर्मियों में बाहर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है.

सस्ता सौदा

यहाँ जमीन के भीतर एक तीन बैडरूम, लाउन्ज, किचन, बाथरूम वाला घर बनाने का खर्चा एक आम घर बनाने जितना ही है. लेकिन क्योंकि जमीन के अन्दर एसी की जरुरत नहीं पड़ती है और ह्यूमिडिटी भी कम रहती है यह जमीन के ऊपर घर बनने वाले घर के मुकाबले में ज्यादा फायदेमंद सौदा है.

desert-cave-hotelजमीन के अंदर बने यह घर बहुत ही सुंदर होते है. इन घरों की बनावट बेहद खूबसूरत और तापमान के अनुसार बनाई गई है. कूबर पेडी में घर इस तरह से बनाए गए है कि यहाँ न तो गर्मियों में A.C को जरूरत पडती है और न ही सर्दियों में हीटर की.

coober-pedy-gettyeकूबर पेडी जाकर आपको यहाँ म्यूज़ियम, होटल, पब और चर्च मिलेंगे. कूबर पेडी गाँव की इसी खासियत की वजह से यहाँ पर्यटकों का आना जाना लगा रहता हैं. यहां अब तक कई हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है.

ओपल पत्थर के उत्खनन के लिए मशहूर इस गांव को ‘Opal Capital of the World’ कहा जाता है. ओपल के बारे में हम आपको बता दे कि यह एक दूधिया रंग का पत्थर होता है और यह बहुत कीमती होता है.

पब्लिक फ्रिज जिसमें सिर्फ खाना ही नहीं बल्कि मिलते है जूते, किताबें और कपड़े!

ग्लोबल हंगर इंडेक्स के अनुसार भारत में 15.2% जनता को भरपेट खाना नहीं मिल पाता है. ऐसे में अगर अमीर लोगों के फ्रिज में पड़ा खाना जिसे वे अंततः कूड़े में फैंक देते हैं अगर एक पब्लिक फ्रिज में रख दिया जाए तो भूख की यह समस्या भारत से हमेशा के लिए मिट सकती है.

इस जीवनदायक आईडिया को साकार किया है आर्थोडेंटिस्ट डॉ. इसा फातिमा जैस्मीन ने. उन्होंने एक फ्रिज पब्लिक प्लेस में लगाया है जो हर समय खाने-पीने के सामान से भरा रहता है.

यह कोई आम फ्रिज नहीं है, यह ऐसी फ्रिज है जिससे कोई भी कुछ भी निकालकर खा सकता है। फ्रिज सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक खुला रहता है। इस फ्रिज की सुरक्षा के लिए एक गार्ड भी है।

चेन्नई के इलियट बीच पर रखा फ्रिज हजारों लाखों लोगों का पेट भरता है। अब आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर इस फ्रिज में खाना कौन रखता होगा तो आपको बता दें इसमें खाना रखने वाला कोई और नहीं बल्कि वहीं के लोग है। लोग ही फ्रिज में खाना रख जाते हैं, चाहे वो घर का बना हो या किसी रेस्‍टोरेंट से लाया गया हो।

कोई भी इंसान जो भूखा है वो फ्रिज खोल सकता है और इसमें रखी कोई भी चीज खा सकता है।

इस फ्रिज में सिर्फ खाना ही नहीं बल्कि किताबें, कपड़ें, खिलौने और जूते भी दान कर सकते हैं। फ्रिज से लगा एक शेल्‍फ भी है जिसमें इन सामानों को रखा जा सकता है और जिसे इसकी जरूरत हो वह इसे ले सकते हैं।

तो कैसा लगा आइडिया? क्यों न आप भी खाने और घरेलु सामान को कूड़ेदान में न फेंक कर किसी जरुरतमंद को दान करें. आखिर अपना ही देश तो है और इसके गरीबमुक्त समाज के निर्माण में क्यों न अपना योगदान दें?

जब KBC के सेट पर लेडी ने कहा “मेरे पति अभिषेक” ऐसा था बिग बी का रिएक्शन

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कौन बनेगा करोड़पति में आज अमिताभ बच्चन के सामने होंगी बिहार की नेहा।

आज केबीसी का ये चौथा एपिसोड प्रसारित होगा. अमिताभ बच्चन ने नेहा से कई सवाल पूछे जिनके जवाब सुनकर तो अमिताभ बच्चन चौंक गए. रिटायर बैंक मैनेजर की बहू की इस सफलता से पूरे परिवार में जश्न का माहौल है. हालांकि नेहा ने कितनी रकम जीती है इसका खुलासा तो एपीसोड देखने के बाद ही हो सकेगा.

नेहा बिहारशरीफ की रहने वाली है, और उनका ससुराल नवादा में है. केबीसी में चयन होने पर उनके मायके और और ससुराल के लोग काफी खुश हैं. ससुर अरुण कुमार पांडेय ने कहा कि हम लोग बहू की इस सफलता से बहुत खुश हैं.

नेहा के शोख अंदाज के कारण पूरा एपिसोड देखने लायक बताया जा रहा है. कई बार तो नेहा के जवाब सुनकर अमिताभ बच्चन भी चौंक गए हैं. कार्यक्रम के दौरान नेहा अमिताभ से कहती हैं कि उनके जेठ का नाम अमित है, तो जेठानी का नाम जया है.

इसपर अमिताभ नेहा से पूछते हैं कि आपके घर में और कितने लोग हैं जिनके नाम हमारे परिवार से मिलते जुलते हैं. इस बात का जो जवाब नेहा ने दिया उस पर अमिताभ चौंक गए.

नेहा ने बताया की मेरे पति का नाम अभिषेक है. इस बात को सुनकर पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा.