दुनियाभर में बढ़ती आबादी यानी जनसंख्या परेशानी का एक बड़ा कारण है। इसकी वजह से अशिक्षा, बेरोजगारी, भुखमरी और गरीबी अनियंत्रित होती जा रही है। हर दिन लाखों की संख्या में जनसंख्या बढ़ रही है।
दुनियाभर में इसी बढ़ती आबादी के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 11 जुलाई को ‘वर्ल्ड पॉपुलेशन डे ‘ यानी ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ मनाया जाता है। दरअसल, साल 1987 में 11 जुलाई को ही दुनिया की आबादी 5 अरब तक पहुंच गई थी।
ऐसे में बढ़ती जनसंख्या से जुड़े मुद्दों और पर्यावरण तथा विकास पर इसके असर को लेकर दुनियाभर के लोगों को जागरूक करने की जरूरत महसूस हुई। इसी को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने यह दिवस मनाने की शुरुआत की।
दुनिया की आबादी
‘यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड’ के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया की कुल आबादी फिलहाल 8 अरब को पार कर चुकी है। इसके अनुसार 15 नवम्बर, 2022 वह दिन था जब दुनिया की आबादी 8 अरब हो गई।
इसमें 65 प्रतिशत आबादी 15 से 64 साल की उम्र के लोगों की है। 65 साल से ऊपर के लोगों की कुल 10 प्रतिशत और 14 साल से कम उम्र के लोगों की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
भारत बना दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश
कुछ समय पहले तक दुनिया में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश चीन था, जबकि दूसरे स्थान पर भारत था लेकिन संयुक्त राष्ट्र के अप्रैल में जारी आंकड़ों के अनुसार भारत 1 अरब 42.86 करोड़ लोगों के साथ चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है जबकि चीन की जनसंख्या 1 अरब 42.57 करोड़ है। दुनिया की कुल आबादी में 60 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी एशिया की है।
कुछ रोचक बातें
जनसंख्या के आंकड़े किस तेजी से बढ़ रहे हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि दुनिया की आबादी 1 अरब होने में लाखों साल लग गए लेकिन 1 से 8 अरब तक पहुंचने में महज 200 साल ही लगे। वहीं 7 अरब से 8 अरब होने में केवल 12 साल लगे हैं।
साल 2011 में दुनिया की आबादी 7 अरब थी, जो अब 8 अरब से अधिक हो चुकी है। दुनिया की जनसंख्या वृद्धि दर 1965 और 1970 के बीच चरम पर पहुंच गई थी, जब औसतन 2.1 प्रतिशत की दर से हर साल आबादी बढ़ रही थी।
20वीं सदी के मध्य से विकसित देशों में वयस्कों का जीवन काल बढ़ा है। 100 साल की उम्र तक पहुंचने वाले लोगों की संख्या आज के मुकाबले कभी ज्यादा नहीं रही।
एक ऐसा गांव, जहां रहती है केवल 1 महिला
जहां, दिनों दिन जनसंख्या बढ़ रही है, वहीं दुनिया में एक गांव ऐसा भी है जहां केवल 1 अकेली बुजुर्ग महिला रहती है। अमरीका के नेब्रास्का राज्य में स्थित मोनोवी नामक एक बड़ा गांव है, जिसमें खेत भी हैं, गाय-बकरियां भी हैं लेकिन इंसान नहीं रहते। इस गांव में केवल एक महिला रहती है, वह भी अकेले। महिला की उम्र 84 साल है, जिनका नाम एल. सी. आइलर है।
साल 1930 तक यहां 123 लोग रहते थे, लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे आबादी घटनी शुरू हो गई। 2000 में इस गांव में केवल एल. सी. आइलर और उनके पति रूडी आइलर ही बचे लेकिन 2004 में उनके पति की मौत हो गई, जिसके बाद से वह अकेली इस गांव में रह रही हैं।
उनका कहना है कि गांव में कोई भी नहीं रहेगा तो दुनिया उनके गांव को भूतिया कहेगी, इसलिए वह अंत तक यहीं रहेंगी। अब सरकार की तरफ से उन्हें आर्थिक सहयोग मिलता है, जिससे गांव को सुंदर रखा जाए। वह गांव की मेयर होने के साथ गांव की क्लर्क और अफसर भी हैं और गांव की पूरी जिम्मेदारी के साथ देखभाल भी करती हैं।
पंजाब केसरी से साभार