मकर संक्रांति पर भारत में पतंग उड़ाने का रिवाज है। कहीं-कहीं सामूहिक पतंग उत्सव आयोजित किए जाते हैं तो कहीं लोग अपने घरों की छतों पर ही पतंग उड़ाना पसंद करते हैं।
आसमान रंग-बिरंगी खूबसूरत पतंगों से भर जाता है। भारत में प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव भी मनाया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहली बार पतंग आई कहाँ से?
वैसे तो पतंगों की उत्पत्ति या इतिहास के बारे में अधिक लिखित जानकारी नहीं है। माना जाता है पतंग उड़ाने के सबसे पहले लिखे गए लेख चीनी हान राजवंश के सेनापति हान हसिन से संबंधित थे।
हालांकि, इसके आविष्कार को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। यह भी कहते हैं कि सबसे पहले इसका आविष्कार चीन में किया गया था और पूर्वी चीन के प्रांत शानडोंग को पतंग का घर कहा जाता है।
एक पौराणिक कथा से पता चलता है कि एक चीनी किसान अपनी टोपी को हवा में उड़ने से बचाने के लिए उसे एक रस्सी से बांध कर रखता था और इसी दौरान किसी तरह से पतंगें बना कर उड़ाने की शुरूआत हुई।
रेशम के कपड़े से बनती थी पतंग
एक और मान्यता के अनुसार 5वीं सदी ईसा पूर्व में चीनी दार्शनिक मोझी और लू बान (गोंगशु बान) ने इसका आविष्कार किया था। तब पतंगों को बनाने के लिए बांस तथा रेशम के कपड़े का इस्तेमाल किया जाता था।
प्राचीन और मध्ययुगीन चीनी स्रोतों में वर्णित है कि पतंगों को दूरी मापने, हवा का परीक्षण, सिग्नल भेजने और सैन्य अभियानों में संदेश भेजने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
सबसे पहली चीनी पतंग फ्लैट यानी चपटी और आयताकार हुआ करती थी। फिर बाद में पतंगों को कई रूपों तथा आकारों में तैयार करने तथा तरह-तरह से सजाया जाने लगा था और कुछ में तो सीटी को भी लगाया जाता था ताकि उड़ते वक्त संगीत सुनाई दे।
भारत में कब आई पतंग
ज्यादातर लोगों का मानना है कि चीनी यात्री फा हियान और स्यून त्सांग पतंग भारत में लाए। यह कागज और बांस के ढांचे से बनी होती थी। लगभग सभी पतंगों का आकार एक जैसा ही होता था। आज पतंग उड़ाना भारत में काफी लोकप्रिय है।
बड़े और बच्चे समान रूप से इसे पसंद करते हैं। देश के विभिन्न भागों में तो कुछ विशेष त्यौहार एवं वर्ष के कुछ महीनों में पतंगबाजी या काइट उड़ाने की प्रतियोगिता में भी लोग हिस्सा लेते हैं।
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भारत के प्रसिद्ध पतंग उत्सव
गुजरात : गुजरात का काइट उत्सव विश्व प्रसिद्ध है। मकर संक्रांति को इसे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग घर की छतों पर तरह-तरह के आकार की पतंगें उड़ाते हैं।
जनवरी में ही हर साल वहां अंतर्राष्ट्रीय काइट फेस्टिवल का आयोजन भी होता है। इसे देखने के लिए जापान, मलेशिया, सिंगापुर, रूस आदि जगहों से बड़ी संख्या में पर्यटक भी आते हैं।
जयपुर : जयपुर में काइट उत्सव को बड़े जश्न से मनाया जाता है। यह महोत्सव मकर संक्रांति से शुरू होता है जो आगामी 3 दिन तक चलता है। जयपुर के पोलो ग्राऊंड में दुनियाभर के सबसे अच्छे पतंगबाज बारी-बारी पतंगों को उड़ाकर आपना कौशल प्रदर्शित करते हैं।
तेलंगाना : तेलंगाना में भी पतंग महोत्सव का भव्य आयोजन किया जाता है। जनवरी में आयोजित इस पतंग महोत्सव में 40 से अधिक देशों के लोग हिस्सा लेते हैं।
साथ ही यहां पर खाने-पीने के स्टॉल और प्रदर्शनियां भी लगती हैं। इस आयोजन में एक से बढ़कर एक आकृति की पतंग से आसमान अद्भुत दिखने लगता है।
पंजाब : पंजाब में काइट फैस्टिवल वसंत पंचमी के दिन मनाया जाता है और इस दिन सभी लोग एक से बढ़कर एक रंगीन पतंग उड़ाते हैं और पेंच भी लड़ाते हैं।
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