कई मान्यताएं हैं, जिन पर वैज्ञानिक विश्वास नहीं करते. ऐसी ही हिन्दू धर्म में एक पुनर्जन्म की मान्यता है. हिन्दू धर्म के अनुसार व्यक्ति के शरीर की मौत होती है, उसकी आत्मा की नहीं. आत्मा मृत्यु के बाद एक शरीर को छोड़कर दूसरे शरीर में प्रवेश कर जाती है और इसको पुनर्जन्म कहा जाता है. कई लोग इस बात को बेतुकी मानते हैं. यहाँ प्रस्तुत हैं, ऐसी 10 घटनाओं की सूची, जो पुनर्जन्म की मान्यता को सिद्ध करती है.
- यह घटना सन 1950 में हुई थी. कोसीकला गाँव के रहने वाले भोलेनाथ जैन के पुत्र निर्मल की मृत्यु चेचक से हुई. उसकी मौत के एक साल बाद 1951 में छटा गाँव में एक पुत्र का जन्म हुआ. जब वह 4 साल का हुआ, तब वह अचानक से कोसीकला गाँव का जिक्र करने लगा और बताने लगा कि मैं पिछले जन्म में भोलेनाथ जैन का पुत्र था. उस लड़के को कोसीकला गाँव की सभी बातें याद थी.
- पुनर्जन्म की यह घटना आगरा शहर की है. आगरा में रहने वाले पोस्ट मास्टर पी. एन. भार्गव के घर में एक लड़की का जन्म हुआ. जब वह लड़की 2 साल की हुई, तो वह अपने पिछले जन्म के घर के बारे में बताने लगी. जब भी उनका परिवार धुलियागंज, आगरा के एक बड़े घर के पास से गुजरता, तो वह कहने लगती कि यह मेरा घर है. अंत में मंजू को उस घर में ले जाया गया. यह घर प्रकाश सिंह चतुर्वेदी का था. बाद में पता चला कि उसी घर में प्रकाश सिंह की चाची रहती थी, जिसकी 1952 में मौत हो गयी थी. उसी ने डाकिये के घर में मंजू के रूप में जन्म लिया था.
- यह पुनर्जन्म की घटना 1960 में हुई थी. प्रवीन चन्द्र के परिवार में एक लड़की ने जन्म लिया. जब लड़की 3 साल की हुई, तो उसने अपने पिछले जन्म की घटनाओं का जिक्र किया. उसने अपने पिछले जन्म का नाम गीता बताना शुरू कर दिया. उसने बताया कि वह जूनागढ़ में रहती थी. उसके परिवार वालों ने पहले उसकी बातों को हल्के में लिया. लेकिन उसके दादा वजूभाई शाह उसे जूनागढ़ ले गये. काफी छान-बीन के बाद पता लगा कि जूनागढ़ के रहने गोकुलदास की बेटी गीता का देहांत अक्टूबर 1959 में हुआ था. उसने पूरे परिवार को पहचाना और उस मंदिर को पहचाना जिसमें उसकी माँ उसे ले जाती थी.
- एम् एल मिश्रा मध्यप्रदेश के छत्रपुर जिले में रहते थे. उनकी एक बेटी थी स्वर्णलता. वह बचपन से ही अपने पिछले जन्म की बातें करती रहती थी. जिसमें वह बताती थी कि उसका घर कटनी में है और उसके 2 पुत्र हैं. जब उसके परिवार वाले उसे कटनी लेकर गये. छान-बीन के बाद पता चला कि कटनी में 18 साल पहले एक बिन्दियादेवी नाम की औरत रहती थी जिसका देहांत हार्ट अटैक से हुआ था. उसने अपने पिछले जन्म के पुत्रों को पहचाना और मकान में किये गये बदलाव भी बता दिए.
- यह घटना 1956 में दिल्ली गुप्ता परिवार में जन्मे गोपाल की है. उसने अपने पिछले जन्म का नाम शक्तिपाल बताया और यह भी बताया कि वह पिछले जन्म में मथुरा में रहता था. उसने बताया वे तीन भाई थे और उसी के एक भाई ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी. उसने बताया कि मथुरा में “सुख संचारक” नाम से उसकी दवाईयों की दुकान थी. उसके पिता ने अपने मित्रों की सहायता से छानबीन शुरू कर दी. उनको पता चला की सुख-संचारक के मालिक की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. मथुरा में उसके परिवार को इस बारे में पता चलने पर उसकी चाची और पत्नी उससे मिली जिन्हें उसने तुरंत पहचान लिया.
- यह पुनर्जन्म की घटना न्यूयॉर्क की रहने वाली 26 साल की क्यूबा की औरत की है. उसने दावा किया कि वह पिछले जन्म में यूरोप में रहती थी और एक डांसर थी. वह अपना पिछले जन्म का नाम भी जानती थी. हैरानीजनक रूप से वह कमाल के नृत्य-कौशल का प्रदर्शन करती थी, जबकि उसने डांसिंग की कोई विधिवत शिक्षा नहीं ली थी. स्पष्ट रूप से यह उसके पिछले जन्म में सीखे नृत्य का कमाल था.
- यह घटना भी अमेरिका में रहने वाली औरत के बारे में है. जो बार-बार “जैन” शब्द ही दोहराती थी, जबकि उसे या उसके दोस्तों तक को इस शब्द का अर्थ नहीं पता था. उसको आग से बहुत डर लगता था और बचपन से ही उसके हाथ की उँगलियों पर जलने के निशान थे. एक जैन सम्मलेन के बाद उसे अपने पिछले जन्म के बारे में पता चला. उसने जाना कि पिछले जन्म में वह जैन धर्म की अनुयायी थी और एक जैन-मंदिर में रहती थी. उसकी मौत आग लगने से हुई थी.
- यह पुनर्जन्म की घटना जापान में 10 अक्टूबर 1815 को वहां पड़ते गाँव नकावो मुरा में हुई थी. नकावो गाँव में एक लड़के का जन्म हुआ था, जिसका नाम कटसुगोरो रखा गया था. जब वह लड़का 7 साल का हुआ, तब वह कहने लगा कि पिछले जन्म में उसका नाम तोजो था और उसके पिता का नाम कुबी, उसकी बहन का नाम फुसा और उसकी मां का नाम शिद्जु था. उसने यह भी बताया था कि पिछले जन्म में उसकी मौत चेचक से हुई थी. बाद में जब कटसुगोरो के परिवार वालों ने उसके पिछले जन्म के बारे में छान बीन की तब सब कुछ सच्च निकला.
- थाईलैंड में रहने वाली लड़की जिसका नाम सियाम था, उसने अपने पिछले जन्म के बारे में अपने परिवार वालों को बताया. सियाम को चीनी भाषा का अच्छी तरह से ज्ञान था. एक दिन वह कहने लगी कि उसके पिछले जन्म के माता-पिता चीन में रहते हैं और वह चीन में जाना चाहती है. जब वह चीन में गयी, तब उसकी मुलाकात एक परिवार से हुई और वह उस परिवार के हर सदस्य के बारे में अच्छी तरह से जानती थी.
- यह घटना 1963 में श्री लंका में पड़ते गाँव बतापोला की थी. इस गाँव में रूबी कुसुम नाम की लड़की का जन्म हुआ था. जिसके पिता का नाम सीमेन सिल्वा था. जब रूबी बोलने लगी, तब उसने बताया कि वह पिछले समय में लड़का थी और पिछले जन्म में उसकी मौत कुँए में डूब कर हुई थी. बाद में जब उसके इस दावे की छान बीन की गयी, तो सभी बातें सच्च निकलीं.
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