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जूनागढ़ किला: तपते रेगिस्तान में सर्दी का माहौल

जूनागढ़ किला बीकानेर के सबसे लोकप्रिय आकर्षण के बीच में गिना जाता है। इस किले को वास्तव में चिंतामणि किले और बीकानेर किले – Bikaner Fort के नाम से जाना जाता है और 20 वी शताब्दी के प्रारंभ में इसका नाम बदलकर जूनागढ़ रखा गया था क्योकि 20 वी शताब्दी में किले में रहने वाला परिवार लालगढ़ महल में स्थानांतरित हुआ था। महल की ऊंचाई पर पहुंचते ही अचानक ठंडी हवा के झकोरे आपको तरोताजा कर देते हैं, एक बेहद सुखद एहसास।

यह दुर्गम किला राजा राय सिंह द्वारा वर्ष 1593 में बनाया गया था।यह किला अनूप महल, गंगा निवास, जैसे कई खूबसूरत महल है जैसे कि चंद्र महल, फूल महल, करण महल और शीश महल अदि महलों से घिरा हुआ है। अनूप महल सोने की पत्ती चित्रों के लिए प्रसिद्ध है। चन्द्र महल चूने के प्लास्टर पर किये जाने वाले उत्तम चित्रों से सजा हुआ है।करण महल का निर्माण मुगल बादशाह औरंगजेब के द्वारा बीकानेर के राजाओं के विजय को मनाने के लिए किया गया था।

इन महलों का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से हुआ है जो कि दुलमेरा के नाम से भी जाना जाता है।किले की 986 लंबी दीवारें, 37 गढ़ है और दो प्रवेश द्वार है।पर्यटकों के मुख्य प्रवेश द्वार, करण किले के पोल पर हैं। यहाँ किले के अंदर एक मंदिर स्थित है।यह देवी – देवताओं की पूजा के लिए बीकानेर के शाही परिवारों द्वारा इस्तेमाल किया गया था।दरबार हॉल, गज मंदिर, और सूरज पोल किले के अन्य प्रसिद्ध आकर्षण हैं।

महल में पहुंचकर वाकई लगता है, जैसे आप आसमान के किसी बादल पर आ गए हों। नीले रंग के बादलों से सजी दीवारें बरखा की फुहारों का अहसास दिलाती हैं। यहां बहने वाली ताजा हवा पर्यटकों की सारी थकान छू कर देती है।

इस शानदार महल की स्थापत्य कला अद्भुत है। महल की दीवारों पर प्राकृतिक रंगों से शानदार पेंटिंग की गई है। कई सदियां गुजर जाने के बाद भी इन रं तरसतेगों की ताजगी और खूबसूरती दिल से महसूस की जा सकती है। महल की पेंटिंग्स बारिश के मौसम में राधा और कृष्ण के प्रेम की अधीरता और पूर्णता को एक साथ बयान करने में सक्षम है।
इस महल में राजा अपनी रानी के साथ खास समय बिताते थे। यहां के 5 शताब्दी से अधिक प्राचीन बीकानेर के जूनागढ़ किले को सर्वश्रेष्ठ दुर्ग मानते हुए अमेरिका की प्रतिष्ठित ट्रेवल एजेंसी ‘ट्रिप एडवाइजर’ ने हाल ही में ‘सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस-2015’ सम्मान से सम्मानित किया है। पर्यटन क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार जूनागढ़ को सम्मान मिलने पर बीकानेर ही नहीं, राजस्थान व भारत का गौरव बढ़ा है।
बीकानेर के 6ठे शासक राजा रायसिंह ने नया दुर्ग चिंतामणि (वर्तमान जूनागढ़) को ईस्वी सन् 1589-1593 के बीच बनवाया। पूर्व में बीकानेर रियासत के राजाओं का बीकानेर में ही प्रवास रहता था। बीकानेर रियासत के अब तक हुए 24 राजाओं में से ज्यादातर सभी राजाओं ने इसके विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जूनागढ़ किला बीकानेर का एक बड़ा आकर्षण है।
इतिहास इस पूरे किले से बहुत गहरी जड़ों तक जुड़ा है इसलिए सैलानी इसकी ओर बहुत आकर्षित होते हैं। यह किला पूरी तरह से थार रेगिस्तान के लाल बलुआ पत्थरों से बना है। हालांकि इसके भीतर संगमरमर का काम किया गया है। इस किले में देखने लायक कई शानदार चीजें हैं। यहां राजा की समृद्ध विरासत के साथ उनकी कई हवेलियां और कई मंदिर भी हैं।

 

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