दिल्ली: क्या अपने कभी सुना है कि कोर्ट में मुकद्दमे की कार्यवाही किसी कर्मचारी द्वारा रोक दी गयी हो? सुनने में तो यह थोड़ा अजीब लगता है लेकिन दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में कुछ दिन पहले ऐसा ही वाकया हुआ. दरअसल दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में भ्रष्टाचार के मामले में सुनवाई चल रही थी. कोर्ट में उपस्थित महिला स्टेनोग्राफर कोलकाता से लाइव सीबीआई (CBI) के गवाह के बयान रिकॉर्ड कर रही थी.
इसी दौरान महिला स्टेनोग्राफर ने मुकद्दमे की सुनवाई के बीच टोकते हुए जज को बताया कि उसके घर जाने का समय हो गया है और टैक्सी बाहर उसका इन्तजार कर रही है. जज ने उसे समझाने की कोशिश की कि वह कार्यवाही पूरी होने तक साथ दे.
दरअसल महिला स्टेनोग्राफर ने शाम 4.25 बजते ही कोर्ट की कार्यवाही को बीच में ही रोक दिया और जज से यह कहकर जाने लगी जब तक कोर्ट की कार्यवाही खत्म होगी तब तक 5 बजे जाएंगे. महिला के ना मानने पर जज ने चेतावनी देते हुए कहा कि कार्यवाही के बीच में कोर्ट से बाहर नहीं जा सकती है. जज ने दलील दी कि दूसरी स्टेनोग्राफर के पैर में फ्रैक्चर हुआ है इसलिए उसे कोर्ट में नहीं बुलाया जा सकता, लेकिन महिला, ‘मुझे जाना है.. मुझे जाना है कहती हुई अड़ी रही’.
जज के आग्रह के बावजूद भी महिला स्टेनोग्राफर नहीं मानी और कोर्ट रूम में उपस्थित गवाहों और वकीलों के सामने ही जज से बहस करने लगी. वह बोली कि उसके दाएं हाथ में दर्द हो रहा है और फिर वह कोर्ट से बाहर चली गयी.
इसके बाद दूसरी घायल स्टेनोग्राफर को बैसाखियों के सहारे कोर्ट में लाया गया और तब जाकर कार्यवाही शुरू हो सकी. महिला स्टेनोग्राफर की इस अड़ियल हरकत की वजह से कोर्ट की कार्यवाही 5 से 10 मिनट तक बाधित हुई.
ऐसा वाकया पहली बार सुनने और देखने को मिला है कि किसी कर्मचारी की द्वारा कोर्ट की कार्यवाही में वाधा आई हो. महिला द्वारा इस तरह के व्यवहार से कोर्ट में उपस्थित जज और वकीलों को अगले स्टेनोग्राफर के आने तक इंतजार करना पड़ा.
जज ने इस संबंध में एक लिखित पत्र जारी करते हुए इस घटना को बहुत ही अफसोसजनक बताया है. महिला स्टेनोग्राफर के इस रवैये पर सख्त रुख करते हुए उन्होंने कहा कि महिला स्टेनोग्राफर ने अपने पद और कोर्ट की गरिमा का अपमान किया, वो भी तब जब कई वकीलों की मौजूदगी में सुनवाई चल रही थी. जज ने यह भी कहा कि एक स्टेनोग्राफर ने कोर्ट को हाईजैक कर लिया.
जज ने महिला स्टेनोग्राफर के रवइए पर जिला और सत्र न्यायालय को शिकायत भेज दी है. उसके खिलाफ उपयुक्त कार्यवाही करने को भी मांग की है.