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महिलाओं का इंसाफ: सीरियल रेपिस्ट को कोर्ट के अंदर उतारा था मौत के घाट

भरत कालीचरण उर्फ अक्कू यादव एक 32 वर्षीय कथित बलात्कारी और हत्यारा था जिसे 200 महिलाओं की एक भीड़ ने मार डाला था।  उस पर हत्या और बलात्कार के केस में सुनवाई के लिए कोर्ट में पेश किया जाना था। अगस्त 13, 2004 के दिन नागपुर के कस्तूरबा नगर में लगभग 200 महिलाओं की भीड़ ने कोर्ट परिसर में धावा बोल कर अक्कू यादव को मार डाला।

अक्कू यादव – कुख्यात गुंडा, बलात्कारी और हत्यारा

पत्रिका के अनुसार, नागपुर के कस्तूरबा नगर में अक्कू यादव नाम के स्थानीय गुंडे की दबंगई के चलते यहाँ के निवासियों और महिलाओं में दहशत थी। अक्कू हमेशा महिलाओं को छेड़ता था, उन पर भद्दे कमेंट्स करता था। वह उन पर यौन आक्रमण करता था। नागपुर के कस्तूरबा नगर में रहने वाले 32 वर्षीय अक्कु यादव के खिलाफ करीब 25 अपराधिक मामले दर्ज भी हुए थे।

उपलब्ध जानकारी के अनुसार स्थानीय पुलिस पीड़ितों की मदद करने या यादव पर मुकदमा चलाने से आना-कानी करती थी क्योंकि यादव उन्हें रिश्वत देता था। एक अन्य स्रोत के मुताबिक पुलिस अधिकारी उसके दोस्त थे, और राजनेता उसके संरक्षक थे। उसने कम से कम 40 महिलाओं से बलात्कार किया था। हालांकि कुछ स्रोत यह संख्या 100 से अधिक बताते हैं।

यादव ने कथित तौर पर कम से कम तीन लोगों की हत्या कर दी थी और रेल पटरियों पर उनके शरीरों को फेंक दिया था। कहा जाता है कि वह कई महिलाओं की बलात्कार के बाद हत्या भी कर चुका था।

कैसे फूटा महिलाओं का गुस्सा

अक्कू यादव अपने रसूख के चलते हर बार जमानत पा लेता था। उसे एक बार फिर से अदालत में पेश किया जा रहा था जहां से उसे संभवत: जमानत मिलने वाली थी। हालांकि महिलाएं कुछ और ही ठान कर आईं थीं जिसे अपनी अकड़ के चलते अक्कू समझ नहीं पाया। दरअसल लगभग 200 महिलाएं सब्जी काटने वाले चाकू . मिर्च पाउडर और कंकड़-पत्थरो से लैस होकर अदालत आयीं थीं और बस मौके की तलाश में थीं जो अक्कू उन्हें देने वाला था।

आखिर महिलाओं को वह मौका मिल गया। अदालत परिसर में ही अक्कू बलात्कार की पीड़ित एक महिला पर हंसा और उसे ‘वेश्या’ कहा। बस यहीं पर महिलाओं के सब्र का बांध टूट गया। उन्होने अक्कू को पुलिस हिरासत से खींच लिया और चाकुओं से गोद दिया। उसकी आँखों में मिर्ची पाउडर डाला और मुंह में कंकड़ भर दिये।

रिपोर्ट के अनुसार उसपर 50 से अधिक चाकू के वार किए गए थे। कहा जाता है कि बलात्कार की शिकार एक महिला ने उसका गुप्तांग भी काट डाला था। काफी सारी महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। स्थानीय अदालत में पाँच महिलाओं के खिलाफ़ हत्या का मुकद्दमा चला जिन्हें 2012 में जमानत मिल गयी।

देश-विदेश में इस घटना की चर्चा हुई। अधिकतर मंचों से महिलाओं की सराहना की गई। वहीं, इस घटना ने एक बार फिर देश की लचर कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया जिसकी वजह से पीड़ितों को कानून हाथ में लेना पड़ा।

2015 में फ़िल्म निर्देशक एनवीबी चौधरी ने एक तेलगु फिल्म कीचक  बनाई जो अक्कू यादव के जीवन पर आधारित है। फ़िल्म को वयस्क श्रेणी(A) में रखा गया है क्योंकि उसमें हिंसा और असंपादित दृश्य प्रस्तुत किए गए हैं। निर्देशक के अनुसार यह एक महिला-समर्थक फ़िल्म है।

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