गर्दै हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं। इस लिए हमें अपने गुर्दों का धयान रखना बहुत जरूरी है| गर्दै शरीर से पानी तथा रासायनिक व्यर्थ पदार्थों को मूत्र के रूप में बाहर निकालते हैं। ये शरीर में विभिन्न तत्वों का संतुलन बनाए रखने का भी अहम काम करते हैं।
कैसे होता है गुर्दों को नुक्सान
गुर्दों को कई वजहों से नुक्सान पहुंच सकता है। शरीर में पैदा होने वाले व्यर्थ पदार्थ ही नहीं, बल्कि व्यक्ति जो कुछ भी खाता या पीता है, चाहे वह दवाई हो, शराब, या किसी भी तरह का नशा और पाऊडर आदि सब कुछ गुर्दों से होकर ही गुज़रता है।
यही कारण है, कि डॉक्टर हमको दर्द निवारक या आसानी से मिलने वाली अन्य आम दवाओं का सेवन करने से परहेज करने की सलाह देतें हैं| क्योंकि, यह दवाईयां गुर्दों के लिए विषैली साबित हो सकती हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो कोई भी ऐसी चीज जो गुर्दो में छानने की प्रक्रिया में रुकावट पैदा करे चाहे वह गम्भीर इंफैक्शन हो,या फिर कोई चोट हो,आदि गुर्दों पर अतिरिक्त भार डालती हैं।
इसके अलावा अनियंत्रित डायबिटीज तथा उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं भी गुर्दों को क्षतिग्रस्त कर सकती हैं। इनकी वजह से ही गुर्दों को अपनी क्षमता से अधिक कार्य करना पड़ता है, जिससे गुर्दों की रक्त वाहिकाएं चोटिल हो सकती हैं, तथा शुगर की अधिक मात्रा से गुर्दों के नेफ्रोन्स (छननी जैसे हिस्से) भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
वास्तव में गुर्दें खराब होने की सबसे आम वजहों में से डायबिटीज तथा उच्च रक्तचाप भी शामिल हैं। दूसरी ओर उच्च रक्तचाप भी गुर्दों को नुक्सान पहुंचाने का एक लक्षण हो सकता है| क्योंकि, तब शरीर को खून का प्रवाह तेजी से करना पड़ता है। पानी कम पीने, अत्यधिक शराब पीने से तथा मोटापे की वजह से भी गुर्दें प्रभावित होते हैं।
उपचार
हालांकि, विभिन्न रोगों तथा नुक्सान पहुंचाने वाली गतिविधियों (नशों का सेवन, गम्भीर इंफैक्शन आदि) का गुर्दे ताकत से सामना करते हैं, और समय रहते ही उपयुक्त उपचार होने पर पूरी तरह से ठीक होने की काफी सम्भावनाएं रहती हैं।
डायलिसिस की तकनीक ने गुर्दे फेल हो चुके रोगियों को नया जीवनदान दिया है। डायलिसिस एक मशीन है, जो कृत्रिम गुर्दो की तरह काम करती है। अस्पताल में रोगी के शरीर का रक्त इस मशीन से गुज़ारा जाता है, ताकि वह साफ हो जाए।
ऐसे रोगियों के गुर्दों का प्रत्यारोपण करवाना पड़ता है। गुर्दे सबसे सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किए जाने वाले अंग हैं। सही तरीके तथा विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किए जाने पर गुर्दे का प्रत्यारोपण रोगी को नया जीवन देता है। प्रत्यारोपण के बाद भी सेहत का पूरा ध्यान रखना अति आवश्यक होता है। एक गुर्दा ही जीवनभर स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त होता है।
इस तरह रखें गुर्दो को स्वस्थ
सेहत का अच्छे से ध्यान रखें, रोग होने पर समय रहते उपयुक्त उपचार करवाएं, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें, अपने आप दवाइयों के सेवन से परहेज करें, आवश्यकता से अधिक प्रोटीन (जिम वाले) सेवन न करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। गुदों की नियमित जांच करवा कर उन्हें किसी प्रकार के पहुंचे हुए नुक्सान अथवा जोखिम के बारे में जान सकते हैं।
अंग दान का प्रण लें
यह बात भी ध्यान में रखें कि गुर्दो सहित शरीर के महत्वपूर्ण अंगों का दान एक बेहद पुण्य का काम है, जो कई लोगों को जीवनदान दे सकता है।
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