दुनिया में बहुत सी चीजें ऐसी हैं जो अभी तक वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बनी हुई हैं. ऐसी ही एक जगह दक्षिणी आसाम के दीमा हसाओ जिले में स्थित है. इस जगह को जतिंगा वैली (Jatinga Valley) के नाम से जाना जाता है. जतिंगा गांव में सितंबर और अक्टूबर के दौरान हर साल बड़े पैमाने पर पक्षी ‘आत्महत्या’ करते हैं.
सितंबर और अक्टूबर के महीनों में कृष्ण पक्ष (Second and darker fortnight) की रातों में जतिंगा वैली में यह अजीबोगरीब हादसे बहुत अधिक बढ़ जाते हैं. इन दिनों में यहाँ शाम के समय गहरी धुंध रहती है और साथ ही तेज हवाएं चलती हैं.
पक्षियों द्वारा आत्महत्या करने की ये घटनाएं अधिकतर शाम 7 बजे से रात 10 बजे की बीच होती हैं. अचानक आसमान से पक्षी कीट पतंगों की तरह गिरते हैं और धरती में मौजूद विभिन्न चीज़ों से टकरा कर मर जाते हैं या बुरी तरह घायल हो जाते हैं जिन्हें पकड़ कर ग्रामीण पका कर खा लेते हैं.
क्या है जतिंगा वैली का रहस्य?
पक्षियों के इस तरह से आत्महत्या करने पर या शायद मरने पर वैज्ञानिक अलग-अलग तर्क देते हैं, लेकिन इस घटना की असली वजह का पता अभी तक नहीं लग पाया है.
कुछ लोग मानते हैं कि तेज हवाओं से पक्षियों का संतुलन बिगड़ जाता है और वह आसपास मौजूद पेडों से टकराकर मर जाते हैं. मरने वाले पक्षियों में स्थानीय और प्रवासी चिड़ियों की लगभग 40 प्रजातियां शामिल हैं.
जतिंगा वैली में पक्षियों के आत्महत्या का रहस्य क्या है इस बात को लेकर स्थानीय लोगों में कई तरह की बातें प्रचलित है. स्थानीय लोगों का मानना है कि यह भूत-प्रेत और अदृश्य ताकतों का काम है.
चाहे जो भी बात हो लेकिन अभी भी जतिंगा वैली में हो रही पक्षियों की आत्म हत्या, दुनिया भर में रहस्य बनी हुई हैं.
आगे पढ़ें >> क्या है पक्षियों द्वारा ‘आत्महत्या’ करने का रहस्य??
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