हैदराबाद में डॉक्टर युवती की रेप के बाद जला कर नृसंश हत्या करने और उन्नाव रेप पीड़िता की जला कर हत्या करने के बाद देश भर में रेप के खिलाफ कड़े कानून और त्वरित एक्शन की मांग की जाने लगी है। रेप के बढ़ते मामलों के कारण भारत में आक्रोश और चिंता का माहौल हैं।
रेप के बढ़ते मामलों पर पिछले दिनों विपक्ष ने सत्तारूढ सरकार को घेरने का प्रयास किया। सत्तारूढ दल के “मेक इन इंडिया” के नारे को विपक्ष के नेता ने “रेप इन इंडिया” से बदल कर माहौल को गर्मा दिया जिस पर काफी विवाद भी हुआ। गौरतलब है कि इससे पहले भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधानी दिल्ली को “रेप कैपिटल” बता चुके हैं।
इस सारे प्रकरण के मद्देनजर भारत को विश्व की “रेप कैपिटल” कहा जा रहा है। माना जा रहा है कि भारत महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश बन गया है। पिछले साल रायटर(REUTERS) द्वारा करवाए गए ग्लोबल एक्स्पर्ट्स के सर्वे में भी भारत को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश माना गया था।
महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और रेप, पुरुष-प्रधान सोच और रवैया, दमनात्माक प्रवृति, सामाजिक और सांस्कृतिक भेदभाव, कन्या भ्रूण-हत्या, ऑनर किलिंग, ढंग व हद मे रहने, खाने पीने, पहनने, रहने की नसीहतों के रूप में महिलाओं के शोषण को देखते हुए ही भारत निसंदेह महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश बन चुका है।
रेप के बाद हत्या कर अपने जुर्म पर पर्दा डालने की कोशिश करने की प्रवृति के कारण भारत में यह स्थिति और भी अधिक खतरनाक और भयावह बन जाती है।
चूँकि कई देशों में यौन उत्पीड़न और हिंसा के खिलाफ कानून हैं, उनमें से अधिकतर अपर्याप्त और असंगत हैं।
साथ ही सुस्त और लचर कानूनी प्रक्रिया के चलते मामले सालों-साल अदालतों में लटके रहते हैं जिससे पीड़ित और रिश्तेदार लंबी मानसिक और शारीरिक यातना से गुजरते हैं। इस वजह से भी कई पीड़ित कानूनी सहायता से बचना चाहते हैं।
हालांकि यदि सिर्फ औसत की बात की जाए तो रेप के मामलों में भारत विश्व के शीर्ष 90 देशों में शामिल नहीं है। लेकिन भारत की जनसंख्या बहुत अधिक होने के कारण यहाँ रेप के मामलों की संख्या बहुत अधिक दर्ज़ की जाती है।
वैसे यह संख्या और भी बढ़ सकती है लेकिन भारत मेँ जहां सैक्स को टैबू समझा जाता है, पुरुष प्रधान समाज के चलते यौन शोषण की घटनाओं के लिए महिला को ज्यादा दोषी समझा जाता है। इस वजह से बहुत सारी महिलाएं शर्म-लाज के मारे और समाज मेँ “इज़्ज़त खो जाने” के डर से चुप रह जाती हैं।
इस पोस्ट में हम रेप के कुछ आंकड़ों के माध्यम से जानेंगे कि जनसंख्या के अनुपात से सबसे ज्यादा रेप किन देशों में होते हैं। लेकिन उससे पहले रेप के बारे में कुछ संक्षिप्त जानकारी और अन्य आंकड़े देखते हैं।
क्या है बलात्कार?
रेप या बलात्कार एक गैरकानूनी यौन गतिविधि है जिसमें आमतौर पर जबरन या व्यक्ति की इच्छा के खिलाफ डरा-धमका कर या चोट पहुंचा कर संभोग करना शामिल होता है। बलात्कार एक विश्वव्यापी समस्या है।
क्या कहते हैं आँकड़े
अनुमान है कि दुनिया भर में लगभग 35% महिलाओं ने अपने जीवनकाल में किसी न किसी रूप में यौन उत्पीड़न का अनुभव किया है।
रेप पर उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि अधिकांश देशों में 60% से अधिक महिलाएं उनके साथ हुई यौन-हिंसा छुपाना चाहती हैं। वहीं 10% से भी कम महिलाएं कानूनी मदद लेने के लिए आगे आती हैं।
क्योंकि यौन हिंसा की शिकार बहुत सारी महिलाएं अपने अनुभव को शायद ही कभी किसी को बताती हैं, बलात्कार की सटीक संख्या को रिपोर्ट करना बेहद चुनौतीपूर्ण है।
जबकि हम लोग ज्यादातर महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और यौन उत्पीड़न के बारे में सुनते हैं, दुनिया भर में पुरुष भी हर दिन यौन उत्पीड़न, यौन हिंसा और रेप का शिकार होते हैं।
इन पर रहता है अधिक खतरा
16-19 वर्ष की महिलाएं का बलात्कार या यौन हमले का शिकार होने की संभावना चार गुना अधिक होती हैं। 18-24 वर्ष की आयु की कॉलेज की छात्राओं का यौन उत्पीड़न का शिकार होने की संभावना तीन गुना अधिक होती है। ट्रांसजेंडर और विकलांग लोगों पर यौन हमले या बलात्कार का शिकार होने की संभावना है दो गुना है। संयुक्त राज्य अमेरिका में रेप के 70% मामलों में रेप करने वाला शिकार होने वाले का जानने वाला होता है।
रेप की उच्चतम दर वाले देश
प्रति एक लाख नागरिकों पर आधारित दर से रेप की उच्चतम दर वाले दस देशों दक्षिण अफ्रीका शीर्ष पर है जहां प्रति एक लाख जनसंख्या पर रेप के 132.4 मामले दर्ज़ होते हैं। भारत में प्रति एक लाख नागरिकों पर 1.8 मामले दर्ज़ होते हैं। इस लिहाज से भारत इस सूची में 93वें स्थान पर है।
रेप की उच्चतम दर वाले दस देश (प्रति एक लाख नागरिकों की संख्या पर) हैं:
- दक्षिण अफ्रीका (132.4)
- बोत्सवाना (92.9)
- लेसोथो (82.7)
- स्वाज़ीलैंड (77.5)
- बरमूडा (67.3)
- स्वीडन (63.5)
- सूरीनाम (45.2)
- कोस्टा रिका (36.7)
- निकारागुआ (31.6)
- ग्रेनेडा (30.6)
आगे पढ़ें: इन देशों में होतें हैं सबसे ज्यादा बलात्कार