रेगिस्तान का नाम सुनते ही हमारे मन में सिर्फ चारों और सिर्फ रेत ही रेत नजर आता है. रेगिस्तान में जीवन जीना काफी मुश्किल है. दुनिया में कई देशों में बड़े-बड़े रेगिस्तान है जहां चारों तरफ सिर्फ रेत ही रेत दिखाई देती है. इन जगहों पर रेत के उड़ते गुबार और चारों तरफ फैला रेत का खौफ ही इंसान को काफी मुश्किल में डालता है. लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में एक ऐसा रेगिस्तान भी है जिसके बीचो-बीच एक गांव बसा हुआ है, जहां पानी और पेड़ पौधे की कोई कमी है.
यह गांव साउथ पेरू के आइसा शहर से महज आठ किमी दूर स्थित है. जो की रेगिस्थान बीचो-बीच बसा हुआ है. इस गाँव का नाम हुआकाचाइना है. हुआकाचाइना गाँव में एक छोटी झील है जो रेगिस्थान सतह से सैकड़ों फीट नीचे है.
इस गांव में कुल 100 लोग ही रहते हैं जो यहाँ के नागरिक कहलाते हैं. हुआकाचाइना गाँव में आपको बहुत सारी दुकानें देखने को मिलेगी, क्योंकि यहां पर्यटकों की संख्या काफी अधिक रहती है.
इस गांव को पर्यटन स्थल के हिसाब से बनाया गया है यहां पर कई विदेशी पर्यटक आते हैं और इस जगह का लुफ्त उठाते हैं. इस गांव में आपको बग्गी राइड से लेकर वोटिंग तक की व्यवस्था मिल जाएँगी.
इस गांव में ज्यादातर रिजॉर्ट्स, रेस्ट्रां और साथ में एक ब्लू गार्डन भी है जो चारों तरफ से रेतीले टीलों से घिरा हुआ है. इस गाँव के लोगों की आय का मुख्य साधन, टूरिस्ट लोगों से आने वाली कमाई से होता है. इस गांव के बीचो बीच यह पानी से भरा तालाब पूरे साल इसी प्रकार से भरा रहता है.
इसके इतिहास की बात की जाए तो यह जगह 1940 में काफी पॉपुलर हुई थीं क्योंकि उस समय यहां के राजा और शेख यहाँ पर आया करते थे. आम जनता के लिए इस जगह का उपयोग 1990 के बाद से शुरू किया गया था. अब इस जगह को सांस्कृतिक विरासत स्थल (Cultural Heritage Site) के रूप में भी देखा जा सकता है. आपको इस जगह का चित्र पेरू की करेंसी पर भी देखने को मिलता है.