प्यार बहुत खूबसूरत एहसास है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। लोग इस एहसास को विभिन्न तरीकों से महसूस करते हैं। यह व्यक्ति को ख़ुशी और गम दोनों देता हैं।
वे सभी पल, जिनमें प्यार शामिल है, हमारे मस्तिष्क और हृदय की मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया है। हम जो महसूस करते हैं, वह हमारे शरीर, मन और आत्मा को प्रभावित करता है।
इस पोस्ट में हम आपको आज आपको प्यार के बारे में कुछ मनोवैज्ञानिक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए शुरू करते हैं
प्यार के बारे में मनोवैज्ञानिक रोचक तथ्य
- प्रेम शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द ‘लुभवति‘ से हुई है जिसका अर्थ है इच्छा।
- मनोवैज्ञानिकों के अनुसार प्यार को जितना छिपाने की कोशिश की जाती है उतना ही वह सामने आ जाता है।
- प्यार को दर्शाने के लिए ‘दिल‘ के प्रतीक का इस्तेमाल 1250 से किया जा रहा है।
- पुरुष महिलाओं की तुलना में जल्दी प्यार में पड़ जाते हैं। जहाँ महिलाओं को 15 दिन लगते हैं, वहीँ पुरुषों को सिर्फ 8 सेकंड।
- आपके बता दें कि जब आपको किसी के प्यार में पड़ने का डर रहता है, तो उसको “फिलोफोबिआ” कहते हैं।
- आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया भर के 2 प्रतिशत कपल्स अपने लव का इज़हार पहली बार किसी मॉल या सुपरमार्केट में करते हैं।
- पूरी दुनिया में रोजाना करीब 30 लाख लोग अपने पार्टनर के साथ डेट्स पर जाते हैं।
- मनोवैज्ञानिक के अनुसार किसी को गले लगाना आपके नर्वस सिस्टम में पेनकिलर की तरह असर करता हैं।
- लव में पड़ने के बाद कम से कम 2 दोस्त आपसे जरूर दूर हो जाते हैं।
- आपको बता दें कि रोमांटिक मूड में ही आपका दिमाग ज्यादा काम करता हैं।
- आपने जरूर सुना होगा प्यार अंधा होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह सच है, दो प्यार करने वालों को प्यार के सिवा कुछ नहीं दिखाई देता।
- दुनियाभर में प्रतिदिन करीब 30 लाख लोगों (स्त्री-पुरुष) को अपना पहला प्रेम होता है।
- प्यार के इजहार के मामलों में देखा गया है कि 90 % पुरूष ही स्त्री के सामने प्यार का इजहार करते हैं। सिर्फ 10 % स्त्री ही पुरूषों के सामने अपने प्यार का इजहार करती है।
- मनोविज्ञान के अनुसार प्यार में पड़ना को जैविक प्रक्रिया मानते है। यह प्रक्रिया हर किसी के शरीर में उत्पन्न तो होती है, पर उसे कुछ ही लोग अच्छे से बनाएं नहीं रख पाते हैं।
- वैज्ञानिकों के अनुसार, प्यार की वजह से शरीर के हार्मोन में एक तरह की गड़बड़ी हो जाती है। जैसे कुछ हार्मोन का घट जाना या बढ़ जाना।
- जिससे आप प्यार करते हैं उससे आप ज्यादा समय तक बात किए बिना नहीं रह सकते।
- हेल्थ एण्ड ह्यूमन सर्विसेज की एक रिर्पोट के अनुसार, प्यार में पड़ने पर स्त्री और पुरूष के शरीर और दिमाग पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है। जिससे उनकी उम्र कुछ साल बढ़ जाती है।
- प्यार पर किए गए एक शोध के अनुसार, प्यार में पड़े इंसान का दिमाग नशा करने वाले इंसान की तरह काम करने लगता है। इससे उसे परमसुख की अनुभूति होती है।
- किसी के प्यार में पड़ जाने को मनोवैज्ञानिक मनोरोग कहते हैं। इस रोमांटिक रिलेशनशीप को ओब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर कहा जाता है।
- एक लंबे शोध में पता चला है कि नंवबर माह में सबसे ज्यादा पुरूष अपनी पसंद की स्त्री से आई लव यू कहते हैं।
- वैज्ञानिकों के अनुसार, किसी को किसी से प्यार उसके रंग, रूप या बाॅडी स्ट्रेक्चर देख कर नहीं बल्कि दिल की वजह से होता है। इसलिए कहा जाता है प्यार दिमाग से नहीं दिल से होता है।
- जब कोई प्यार में पड़ जाता है। उसका दिमाग काफी अच्छी तरह काम करता है। उसे दुनियादारी की काफी समझ आ जाती है। वह अधिक सोशल बन जाता है, लोगों की मदद करने लगता है। हर बूरे काम से तौबा कर लेता है।
- प्यार करने पर दिमाग में रोमांटिक मूड पैदा होता है। जिससे व्यक्ति को शान्त, खुशमिजाज और एनर्जेटिक बन जाते है।
- यह जानकर आपको हैरानी होगी कि सिर्फ इंसान ही नहीं जानवर और पक्षी भी प्यार का इजहार करते हैं। ऐसे कुछ जानवर और पक्षी है जो अपने लिए किसी एक को लाइफटाइम के लिये पार्टनर चुनते हैं। उसके बिछुड़ने पर तड़प-तड़प कर जान देते हैं या उसकी याद में जिंदगी गुजार देते हैं।
- जब आप किसी के साथ चलते हैं तो उस वक्त आप नार्मल स्पीड से चलते हैं। जबकि प्रेमी-प्रेमिका जब साथ चलते हैं। धीमी गति से चलते हैं। इसका मतलब कह सकते वे ज्यादा से ज्यादा एक-दूसरे के साथ गुजारना पसंद करते हैं।
- लड़के द्वारा किसी लड़की के प्यार में पड़ने पर उसके कम से कम दो दोस्त उससे दूर हो जाते हैं। ऐसा क्यों होता है, इस बारे में वैाानिक स्पष्ट नतीजे पर पहुंच नहीं पाएं है।
- एक रिर्पोट के अनुसार, ऑनलाइन प्यार में पड़ने वालों में से 23 प्रतिशत आगे चल कर शादी कर लेते हैं।
- एक जानकारी के अनुसार, 18 से 22 वर्ष की उम्र युवा प्यार में अधिक पड़ते हैं। इस उम्र में ब्रेकअप के मामले भी अधिक देखे गए है। 22 से 28 साल वाले काफी सर्तक होकर प्यार की ओर कदम बढ़ाते हैं। 28 के बाद कम ही युवा प्यार के बारे में सोचते हैं। समझा जाता है कि तब तक उन्हें दुनियादारी की समझ आ जाती है।
- वैज्ञानिको का मानना है, सही उम्र में किया गया प्यार उम्र भर रहता है। कच्ची उम्र का प्यार अधिक दिनों तक नहीं चलता। मनोवैज्ञानिक कच्ची उम्र के प्यार को प्यार नहीं आकर्षण यानी अट्रैक्शन मानते हैं।
- प्यार और सेक्स को लेकर दिमाग अलग-अलग तरीके से सोचता है। प्यार के बारे में सोचने वाले शान्त होते हैं। जबकि सेक्स की सोचने वाले आक्रामक हो जाते हैं।
- अच्छे से सेटल लोगों की बजाएं स्ट्रगल करने वाले जैसे जाॅब की तलाश, कैरियर के स्ट्रगल में लगे, घर से दूर रहने वाले या फिर जिनका कोई सही ठिकाना ना ऐसे लोग जल्दी प्यार में पड़ जाते हैं।
- शोध में पता चला है कि कुछ खास कलर जैस रेड, पींक, ग्रीन, यलो ड्रेस प्यार करने के लिए आकर्षित करती है।
- प्यार किसी भी इंसान के जीवन में काफी महत्तवपूर्ण होता है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में लंबे समय तक किये गए अध्ययन में पता चला है सफल और असफल प्यार इंसान की जिंदगी बना सकता है बिगाड़ भी सकता है।
- दो प्यार करने वालों की पसंद और नापसंद एक जैसी होती है। यदि कोई चीज़ पसंद ना भी हो तो भी वे एक दूसरे की पसंद नापसंद को अपना लेते हैं।
- वैज्ञानिकों के अनुसार, लड़का जब प्यार करता है वह दिमाग से करता है। लड़की जब प्यार करती है। वह दिल से करती है। इसलिए वह अपने प्यार के लिए सबकुछ छोड़ने के लिए तैयार हो जाती है।
- प्यार में ब्रेकअप होने के बाद लड़के या लड़की दोनों को आहत पहुंता है। लड़की बहुत ही जल्द इससे निकल जाती है। जबकि लड़के इससे जल्दी निकल नहीं पाते हैं।
- प्यार हंमेशा सुखद हो ऐसा नहीं है यह हंसाता भी है रूलाता भी है। प्यार मिल गया तो सुखद नहीं तो दुखद। प्यार यदि किसी को क्रिएटिव बना सकता है तो क्रिमनल भी बना सकता है।
- जिंदगी को रोमांच बनाने के लिए लव की अपनी कुछ अलग ही अहमियत हैं। अगर किसी की जिंदगी में लव नहीं है, तो वो अवसाद और अकेलेपन का शिकार हो सकता हैं।
- लड़की अपने पहले प्यार को भूल नहीं पाती। जबकि लड़के किसी दूसरी लड़की के प्यार में पड़ जाने के बाद इसे भूल जाते हैं।
- ज्यादा बोलने वाली लड़कियां और कम बोलने वाले लड़कों में बहुत गहरा प्रेम होता है और इन दोनों लोगों का जोड़ा प्रेमियों में सबसे मजेदार होता है।
संबंधित: कैसे और क्यों होता है प्यार