भगवान काल भैरव की महिमा तो अनेक शास्त्रों में मिलती है। भैरव जहां शिव के गण के रूप में जाने जाते हैं, वहीं वे दुर्गा माता के भक्त माने गए हैं। कृष्ण अष्टमी के दिन भगवान महादेव ने काल भैरव के रूप में अवतार लिया था।
जीवन में हर तरह के संकटों से मुक्ति के लिए भैरव आराधना का बहुत महत्व है। खास तौर पर काल भैरवाष्टमी के दिन भैरव भगवान् भैरव की पूजा कर व्यापार-व्यवसाय, शत्रु पक्ष से आने वाली परेशानियां, विघ्न, बाधाएं, कोर्ट कचहरी तथा निराशा आदि से मुक्ति पाई जा सकती है।
काल भैरव जी की पूजा करते समय सरसों के तेल का दीप व लड्डू चढ़ाने चाहिए। इनका वाहन कुत्ता माना जाता है, अत: कुत्ते को दूध आदि पिलाते रहना चाहिए। वैसे तो भगवान काल भैरव नाथ जी को खुश करना बहुत आसान है, लेकिन अगर वे रूठ जाएं तो मनाना भी बहुत मुश्किल होता है। आइये जानते है, कुछ ऐसी 10 बातों के बारे में जिनसे बहुत प्रसन्न होते हैं काल भैरव महाराज।
- रविवार, बुधवार या गुरुवार के दिन एक रोटी पर अपनी तर्जनी और मध्यमा अंगुली से तेल में डुबोकर लाइन खींचें। यह रोटी किसी भी दो रंग वाले कुत्ते को खाने को दें । अगर कुत्ता यह रोटी खा लें तो समझ जाना चाहिए कि आपको भैरव नाथ का आशीर्वाद मिल गया। अगर कुत्ता रोटी सूंघ कर आगे बढ़ जाए तो इस कार्य को जारी रखें लेकिन सिर्फ हफ्ते के इन्हीं तीन दिनों में (रविवार, बुधवार या गुरुवार) आपको यह कार्य करना है। यही तीन दिन भैरव नाथ के माने गए हैं।
- उड़द के पकौड़े शनिवार की रात को कड़वे तेल में बनाएं और रात भर उन्हें ढंककर रखें। सुबह जल्दी उठकर प्रात: 6 से 7 के बीच बिना किसी से कुछ बोलें घर से निकले और रास्ते में मिलने वाले पहले कुत्ते को खिलाएं। याद रखें पकौड़े डालने के बाद कुत्ते को पलट कर ना देखें। यह कार्य आप सिर्फ रविवार के दिन कर सकते हैं।
- शनिवार के दिन शहर के किसी भी ऐसे भैरव नाथ जी का मंदिर की तलाश करे जहाँ लोगों ने करना लगभग छोड़ दिया हो। रविवार की सुबह सिंदूर, तेल, नारियल, पुए और जलेबी लेकर उस जाए और मन लगाकर उनकी पूजन करें। बाद में 5 से लेकर 7 साल तक के लड़कों को चने-चिरौंजी का प्रसाद बांट दें। साथ लाए जलेबी, नारियल, पुए आदि भी उन्हें बांटे। याद रखिए कि जिस मिन्दर लोगो ने पूजा करना छोड़ दिया गया है वहां पूजा करने से भैरवनाथ विशेष प्रसन्न होते हैं।
- प्रत्येक गुरुवार कुत्ते को गुड़ खिलाएं।
- रेलवे स्टेशन पर जाकर किसी कोढ़ी, भिखारी को मदिरा की बोतल दान करें।
- सवा किलो जलेबी बुधवार के दिन भैरव नाथ को चढ़ाएं और कुत्तों को खिलाएं।
- शनिवार के दिन कड़वे तेल में पापड़, पकौड़े, पुए जैसे विविध पकवान तलें और रविवार को गरीब बस्ती में जाकर बांट दें।
- रविवार या शुक्रवार को किसी भी भैरव मंदिर में गुलाब, चंदन और गुगल की खुशबूदार 33 अगरबत्ती जलाएं।
- पांच नींबू, पांच गुरुवार तक भैरव जी को चढ़ाएं।
- सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा 11 रुपए, सवा मीटर काले कपड़े में पोटली बनाकर भैरव नाथ के मंदिर में बुधवार के दिन चढ़ाएं।