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भारत के 10 सबसे क्रूर और खतरनाक शासक

मध्य युग में भारत सोने की चिड़िया कहलाता था। शायद इसलिए हमारा देश शुरू से ही विदेशी आक्रांताओं के निशाने पर रहा। देश के उत्तर-पश्चिमी मार्गों से कई विदेशी आक्रमणकारियों ने यहां पर बहुत हमले किए, लूटपाट मचाई और साथ ही अपना साम्राज्य भी स्थापित किया।

इन विदेशी आक्रांताओं में से अधिकतर बहुत ही क्रूर और खतरनाक हद तक मानवता के दुश्मन थे। अपने हर हमले में ये बहुत ही भयानक विनाश लीला मचा देते, जिसमें लाखों की संख्या में इंसानी क़त्ल, बच्चों और औरतों से बेहरमी और बलात्कार, आगजनी, लूटपाट आदि इनके लिए महज खेल भर थे।

इस पोस्ट में हमने हिंदुस्तान में हमला करने वाले ऐसे 10 सबसे क्रूर और खतरनाक हमलावरों की लिस्ट बनाई है जिन्होंने भारत में लूटपाट और क्रूरता का ऐसा भयानक इतिहास बनाया जिसका इतिहास में अन्यत्र उदाहरण मिलना मुश्किल है।

मुहम्मद बिन कासिम (Muhammad bin Qasim)

सउदी अरब में जन्मा मुहम्मद बिन कासिम अत्यंत ही क्रूर और खतरनाक शासक था। भारत में इस्लामिक शासन का विस्तार 7वीं शताब्दी के अंत में मोहम्मद बिन कासिम के सिन्ध पर आक्रमण और बाद के मुस्लिम शासकों द्वारा हुआ। लगभग 712 इस्वी में इराकी शासक अल हज्जाज के भतीजे एवं दामाद मुहम्मद बिन कासिम ने 17 वर्ष की अवस्था में सिन्ध और पंजाब के अभियान का सफल संचालन किया। सिन्ध पर ईस्वी सन् 638 से 711 ई. तक के 74 वर्षों के काल में 9 खलीफाओं ने 15 बार आक्रमण किया।

15वें आक्रमण का संचालन मोहम्मद बिन कासिम ने किया। कहते हैं कि मुहम्मद बिन कासिम का दिल सिंध के तत्कालीन दीवान की बेटी पर आ गया था, वो उसे अपनी बेगम बनाना चाहता था। लेकिन जब वो नहीं मानी, तो कासिम ने उसका सिर कलम करवा दिया था। ऐसे ही सिंध के राजा दाहिर और उनकी पत्नियों और पुत्रियों ने भी अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी।

महमूद गज़नवी (Mahmud Ghaznavi)

महमूद गज़नवी ने भारत के कई हिस्सों पर हमला बोला था। उसने भारत पर 1001 से 1026 ई. के बीच 17 बार आक्रमण किए। इन सभी आक्रमण में उसने बुंदेलखंड, किरात, लोहकोट, ग्वालियर, कालिंजर लोदोर्ग (जैसलमेर), चिकलोदर (गुजरात) और अन्हिलवाड़ (गुजरात) को जीता और लूट लिया। माना जाता है कि महमूद गज़नवी ने अपना 16वां आक्रमण (1025 ई.) सोमनाथ पर किया। उसने वहां के प्रसिद्ध मंदिरों को तोड़ा और वहां अपार धन प्राप्त किया। इस मंदिर को लूटते समय महमूद ने लगभग 50,000 ब्राह्मणों का कत्ल कर दिया। 17वां आक्रमण उसने सिन्ध और मुल्तान के तटवर्ती क्षेत्रों के जाटों के पर किया।

चंगेज खान (Changez Khan)

चंगेज खान एक मंगोल क्रूर और खतरनाक शासक था। उसका मंगोलियाई नाम चिंगिस खान था। वह बौद्ध धर्म का अनुयायी था। उसने मुस्लिम साम्राज्य को लगभग नष्ट ही कर दिया था। भारत सहित पूरे एशिया और अरब देश चंगेज खान के नाम से ही कांपते थे। चंगेज खान ने अपने अभियान चलाकर ईरान, गजनी सहित पश्‍चिम भारत के काबुल, कन्धार, पेशावर सहित उसने कश्मीर पर भी अधिकार कर लिया। उसने अपने हमलों में इस कदर लूटपाट और खूनखराबा किया कि एशिया में चीन, अफगानिस्तान सहित उजबेकिस्तान, तिब्बत और बर्मा आदि देशों की बहुत बड़ी आबादी का सफाया हो गया था।

तैमूर लंग (Timur lang)

तैमूल लंग भी चंगेज खान जैसा क्रूर और खतरनाक शासक बनना चाहता था। जब तैमूर ने भारत पर आक्रमण किया, तब उत्तर भारत में तुगलक वंश का राज था। 1399 में तैमूर लंग द्वारा दिल्ली पर आक्रमण के साथ ही तुगलक साम्राज्य का अंत हो गया। तैमूर मंगोलों की फौज लेकर आया, तो उसका कोई कड़ा मुकाबला नहीं हुआ और वह कत्लेआम करता हुआ आगे बढ़ता गया। तैमूर इतना क्रूर था कि उसने दो हजार जिंदा आदमियों की एक मीनार बनवाई और उन्हें ईंट और गारे में चुनवा दिया था। दिल्ली में वह 15 दिन रहा और उसने इस बड़े शहर को कसाईखाना बना दिया। बाद में कश्मीर को लूटता हुआ, वह समरकंद वापस लौट गया। तैमूर के जाने के बाद दिल्ली मुर्दों का शहर रह गया था। Read more:-वहशी क्रूर योद्धा तैमूरलंग से जुड़े कुछ रौंगटे खड़े करने वाले तथ्य

औरंगजेब (Aurangzeb)

भारत में मुगल शासकों में सबसे क्रूर और खतरनाक शासक के रुप में औंरगजेब का ही नाम लिया जाता है। औरंगजेब, शाहजहां और मुमताज का बेटा था। औरंगजेब की क्रूरता का पता इस बात ही चलता है कि उसने गद्दी के लिए अपने पिता को कैद करवाया लिया था और अपने सगे भाईयों, भतीजों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इतना ही नहीं औरंगजेब ने ही गुरु तेग बहादुर जी का सर कलम करवाया था और गुरु गोविन्द सिंह जी के बच्चों को जिंदा दीवार में चुनवा दिया था। औरंगजेब ने हिन्दू त्योहारों को सार्वजनिक तौर पर मनाने पर प्रतिबन्ध लगाया और उसने हिन्दू मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया। इस दौरान सोमनाथ मंदिर, वाराणसी का मंदिर, मथुरा का केशव राय मंदिर के अलावा कई हिंदू देवी-देवताओं के प्रसिद्ध मंदिर तोड़ दिए गए थे।

बाबर (Babur)

मुगलवंश का संस्थापक बाबर एक लूटेरा था। उसने उत्तर भारत में कई लूट को अंजाम दिया। बाबर का टकराव दिल्ली के शासक इब्राहिम लोदी से हुआ। बाबर के जीवन का सबसे बड़ा टकराव मेवाड़ के राणा सांगा के साथ था। बाबरनामा में इसका विस्तृत वर्णन है। संघर्ष में 1927 ई. में खन्वाह के युद्ध में, अन्त में उसे सफलता मिली। बाबर की आज्ञा से मीर बाकी ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर निर्मित प्रसिद्ध मंदिर को नष्ट कर मस्जिद बनवाई, इसी भांति ग्वालियर के निकट उरवा में अनेक जैन मंदिरों को नष्ट किया। उसने चंदेरी के प्राचित और ऐतिहासिक मंदिरों को भी नष्ट करवा दिया था, जो आज बस खंडहर है।

मुहम्मद गोरी (Muhammad Ghori)

मुहम्मद बिन कासिम के बाद महमूद गजनवी और उसके बाद मुहम्मद गोरी ने भारत पर आक्रमण कर अंधाधुंध कत्लेआम और लूटपाट मचाई। इसका पूरा नाम शिहाबुद्दीन उर्फ मुईजुद्दीन मुहम्मद गोरी था। भारत में तुर्क साम्राज्य की स्थापना करने का श्रेय मुहम्मद गोरी को ही जाता है। उसने पहला आक्रमण 1175 ईस्वी में मुल्तान पर किया, दूसरा आक्रमण 1178 ईस्वी में गुजरात पर किया।

इसके बाद 1179-86 ईस्वी के बीच उसने पंजाब पर फतह हासिल की। इसके बाद उसने 1179 ईस्वी में पेशावर तथा 1185 ईस्वी में स्यालकोट अपने कब्जे में ले लिया। 1191 ईस्वी में उसका युद्ध पृथ्वीराज चौहान से हुआ। इस युद्ध में मुहम्मद गोरी को बुरी तरह पराजित होना पड़ा। इस युद्ध में गौरी को बंधक बना लिया गया, लेकिन पृथ्वीराज चौहान ने उसे छोड़ दिया। इसके बाद मुहम्मद गोरी ने अधिक ताकत के साथ पृथ्वीराज चौहान पर आक्रमण कर दिया।

नादिर शाह (Nader Shah)

नादिरशाह का पूरा नाम नादिर कोली बेग था। यह ईरान का शासक था। उसने भारत पर आक्रमण कर कई तरह की लूटपाट और कत्लेआम को अंजाम दिया। उस वक्त दिल्ली की सत्ता पर आसीन मुगल बादशाह मुहम्मद शाह को हराने के बाद उसने वहां से अपार सम्पत्ति अर्जित की, जिसमें कोहिनूर हीरा भी शामिल था। युद्ध में हारने के बाद दिल्ली के सुल्तान मुहम्मद शाह ने यह अफवाह फैलाई कि नादिरशाह मारा गया। इससे दिल्ली में भगदड़ मच गई और फारसी सेना का कत्ल शुरू हो गया। नादिर को जब यह पता चला तो उसने इस का बदला लेने के लिए दिल्ली पर आक्रमण कर दिया। उसने यहां भयानक खूनखराबा किया और एक दिन में हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इसके अलावा उसने शाह से भारी धनराशि भी लूट ली।

अहमद शाह अब्दाली (Ahmad Shah Abdali)

अहमदशाह अब्दाली को अहमदशाह दुर्रानी भी कहते हैं। उसने भारत पर सन् 1748 से 1758 तक कई बार आक्रमण किए और लूटपाट करके अपार धन संपत्ति को इकट्ठा किया। सन 1757 में जनवरी के माह में दिल्ली पर किया। वह एक माह तक दिल्ली में ठहरकर लूटमार और कत्लेआम करता रहा। दिल्ली लूटने के बाद अब्दाली का लालच बढ़ गया। वहां से उसने आगरा, बल्लभगढ़, मथुरा आदि स्थानों पर आक्रमण किया। उसने अपने सिपाहियों से कहा प्रत्येक हिन्दू के एक कटे सिर के बदले इनाम दिया जाएगा। अब्दाली द्वारा मथुरा और ब्रज की भीषण लूट बहुत ही क्रूर और बर्बर थी।

अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji)

भारतीय इतिहास के पन्नों में अलाउद्दीन खिलजी का नाम भी सबसे क्रूर शासकों में दर्ज है। अलाउद्दीन खिलजी पर जंग जीतने का ऐसा जुनून सवार हो गया था कि लोगों को मारने में उसके हाथ तक नहीं कांपते थे। जिस वक्त महज मंगोलों का नाम सुनकर लोगों के हाथ कांप जाते थे, अलाउद्दीन खिलजी ने कई जगहों पर मंगोलों पर विजय पाई। कहते हैं कि खिलजी ने 30 हजार मंगोलों को मौत के घाट उतार दिया था और उनके परिवार को अपना गुलाम बना लिया था। उसका साम्राज्य अफगानिस्तान से लेकर उत्तर-मध्य भारत तक फैला था।

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